सामुदायिक चिकित्सा विभाग एवं जन स्वास्थ्य विद्यालय, स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (PGIMER), चंडीगढ़ ने वायुजन्य (एयरबोर्न) पराग स्पेक्ट्रम की मौसमी आवधिकताओं की जाँच कर चंडीगढ़ शहर के लिये पहला पराग कैलेंडर विकसित किया है।
यह एलर्जी उत्पन्न करने वाले संभावित कारकों की पहचान कर सकता है और यह उच्च पराग भार वाले मौसम में इसके जोखिम को कम करने के साथ-साथ चिकित्सकों व एलर्जी पीड़ितों को इनके कारणों के संबंध में स्पष्ट समझ प्रदान कर सकता है।
भारत में लगभग 20-30% जनसंख्या परागजनित ज्वर अर्थात् एलर्जिक राइनाइटिस/हे फीवर से तथा लगभग 15% अस्थमा से पीड़ित है। पराग को एक प्रमुख बाहरी वायुजनित एलर्जेन के रूप में जाना जाता है, जो मनुष्यों में परागजनित ज्वर (एलर्जिक राइनाइटिस), अस्थमा तथा एग्जिमा (अटॉपिक डर्मेटाइटिस) अर्थात् त्वचा में खुजली एवं सूजन का कारण बनता है।
पराग कैलेंडर किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में चिह्णित वायुजन्य पराग कणों की समय गतिशीलता का प्रतिनिधित्व करता है। वे एक ही चित्र में किसी विशिष्ट मौसम में अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुए, पूरे वर्ष के दौरान मौजूद विभिन्न वायुजनित पराग कणों के बारे में सुलभ दृश्य विवरण उपलब्ध कराते हैं। पराग कैलेंडर स्थान-विशिष्ट है और इनकी सांद्रता स्थानीय रूप से वितरित वनस्पतियों से निकटता से संबंधित है।