‘पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन’ एक इन-विट्रो डी.एन.ए. प्रवर्धन तकनीक है। इसके अंतर्गत विशिष्ट डी.एन.ए. पॉलीमरेज़ एंज़ाइम का प्रयोग करके डी.एन.ए. या जीन के किसी विशेष खंड की लाखों प्रवर्धित प्रतियाँ तैयार की जाती हैं।
- इसका प्रयोग जैव चिकित्सा अनुसंधान, आपराधिक जाँच तथा विषाणुजनित (कोरोना व अन्य), जीवाणुजनित व आनुवंशिक रोगों की जाँच हेतु किया जाता है।
- पी.सी.आर. के प्रमुख घटक -
- डी.एन.ए. टेम्पलेट को कॉपी करना
- ओलिगोन्यूक्लियोटाइड प्राइमर
- टैक (Taq) पॉलीमरेज़ एंजाइम
- बफर विलियन
- डी.एन.ए. न्यूक्लियोटाइड बेस (dNTPs)- डी.एन.ए. के बिल्डिंग ब्लॉक
- पी.सी.आर. तकनीक में तापन व शीतलन की प्रक्रिया को ‘थर्मल साइक्लिंग’ कहते हैं।
- पी.सी.आर. तकनीक के तीन प्रमुख चरण हैं- निष्क्रियकरण (Denaturing), प्राइमर एनीलिंग (Annealing) व प्रसार (Extending)।
- उल्लेखनीय है कि पी.सी.आर. विधि की खोज के लिये केरी बी. मुलिस को वर्ष 1993 का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।