हरियाणा तथा गुजरात के दो-दो स्थलों को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के आर्द्रभूमि स्थलों के रूप में मान्यता दी गई है। हरियाणा से सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान तथा झज्जर स्थित भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य को तथा गुजरात के थोल एवं वाधवाना स्थल को इस सूची में शामिल किया गया है।
भिंडावास वन्यजीव अभयारण्य हरियाणा में मीठे पानी की सबसे बड़ी मानव निर्मित आर्द्रभूमि है, जबकि सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान शीतकालीन प्रवासी तथा स्थानीय प्रवासी जलपक्षियों की 220 से अधिक प्रजातियों का निवास स्थान है।
गुजरात में मध्य एशियाई फ्लाईवे पर स्थित थोल झील वन्यजीव अभयारण्य में 320 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जबकि पक्षियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्वपूर्ण वाधवाना वेटलैंड मध्य एशियाई फ्लाईवे पर प्रवास करने वाली 80 से अधिक जलपक्षियों को सर्दियों के दौरान निवास प्रदान करता है।
रामसर कन्वेंशन 2 फरवरी, 1971 को कैस्पियन सागर के दक्षिणी तट पर स्थित ईरानी शहर रामसर में अपनाई गई एक अंतर-सरकारी संधि है। भारत में इसे 1 फरवरी, 1982 को लागू किया गया था।