कोच्चि स्थित केंद्रीय समुद्री मत्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (CMFRI) के शोधकर्त्ताओं ने मन्नार की खाड़ी के सेथुकराई तट (तमिलनाडु) पर मछली की एक दुर्लभ प्रजाति की खोज की है। इसे 'स्कॉर्पियन फिश' कहा जाता है।
- बैंड टेल (पूँछ की प्रकृति) वाली इस स्कॉर्पियन फिश का वैज्ञानिक नाम स्कॉर्पियनसिस नेगलेक्टा (Scorpaenpsis neglecta) है। दुर्लभ प्रजाति की इस मछली को इसके ज़हरीले काँटे (Stinging venomous spine) की वजह से जाना जाता है। यह रात के समय शिकार करती है।
- इस मछली का एक महत्त्वपूर्ण गुण यह है कि शिकार से बचने के लिये यह आसपास के पर्यावरण के अनुरूप अपना रंग बदल लेती है। अगर कोई व्यक्ति इसके सम्पर्क में आता है तो यह ज़हरीला काँटा चुभो देती है, इससे भयंकर दर्द होता है और मृत्यु भी हो सकती है।
- उल्लेखनीय है कि पहली बार भारतीय जल-क्षेत्र में इस विशिष्ट प्रजाति की जीवित मछली प्राप्त हुई है। शोधकर्त्ताओं ने स्कॉर्पियन फिश के इस नमूने (Specimen) को सी.एम.एफ.आर.आई. में संग्रहित कर दिया है।