हाल ही में, सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के क्षेत्र नाकु-ला में भारत एवं चीन के सैनिकों के बीच उत्पन्न गतिरोध की वजह से 'वर्ष 1890 का ऐतिहासिक सिक्किम-तिब्बत अभिसमय' पुनः चर्चा में है।
- यह संधि यूनाइटेड किंगडम , चीन के किंग/चिंग राजवंश (Qing Dynasty) और तत्कालीन सिक्किम अधिराज्य के बीच हुई थी।
- इस पर भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड लैंसडाउन एवं शेंग ताई (तिब्बत के निवासी एवं चीनी अम्बान) द्वारा 17 मार्च, 1890 को कलकत्ता में हस्ताक्षर किये गए थे। अतः इसे कलकत्ता अभिसमय भी कहा जाता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, इस अभिसमय के तहत नाकु-ला क्षेत्र भारत का हिस्सा है और वर्ष 1975 में सिक्किम के भारत में विलय से पहले चीन द्वारा इस सीमांकन को स्वीकार भी किया गया है।
- इस संधि के अनुच्छेद-1 में सिक्किम और तिब्बत की सीमा को परिभाषित किया गया है, यद्यपि तिब्बत ने बाद में इस संधि को वैधता देने से मना कर दिया था।
- ध्यातव्य है कि वर्ष 1904 की एक अन्य संधि में तिब्बत ने वर्ष 1890 के अभिसमय का सम्मान करने की बात कही थी।