हाल ही में, नई दिल्ली स्थित 'सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट' (CSE) ने स्टेट ऑफ इंडियाज़ एनवायरनमेंट, 2020 रिपोर्ट जारी की है। विदित है कि सी.एस.ई. पर्यावरणीय विषयों पर 'डाउन टू अर्थ' नामक मैगज़ीन का भी प्रकाशन करता है।
- इस रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2019 में चरम मौसमी घटनाओं की वजह से 1357 लोगों को अपनी जान गँवानी पड़ी। साथ ही, 2019 में 50 लाख से अधिक लोगों को विभिन्न कारणों से आंतरिक विस्थापन का सामना करना पड़ा है, यह इस वर्ष विश्व में सर्वाधिक आंतरिक विस्थापन का आँकड़ा है।
- वर्ष 2019 में विश्व भर में हुए आंतरिक विस्थापन के मामलों में, भारत में हर 5 में से एक मामले की वजह आपदा रही; इन आपदाओं में सबसे प्रमुख थीं- बाढ़, चक्रवात एवं सूखा। देश के 19 राज्यों में सूखे की वजह से 63 हज़ार लोग विस्थापन के शिकार हुए।
- दक्षिण-पश्चिम मानसून की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में आई बाढ़ के चलते लगभग 26 लाख लोग विस्थापन के शिकार हुए, जबकि फानी चक्रवात से 18 लाख लोग विस्थापित हुए। इसके अतिरिक्त, चक्रवात वायु तथा बुलबुल की भी विस्थापन में प्रमुख भूमिका रही।
- इस रिपोर्ट में, जल संसाधन प्रबंधन तथा पर्यावरण के आधार पर विभिन्न राज्यों की रैंकिंग भी निर्धारित की गई। पर्यावरणीय शासन के मापदंड में राष्ट्रीय औसत 10 अंकों में से 5.16 का है, इस मामले में पंजाब एकमात्र राज्य है जिसे राष्ट्रीय औसत से अधिक स्कोर (5.2) प्राप्त हुआ।