स्टाइरीन एक कार्बनिक यौगिक है, इसका रासायनिक सूत्र C8H8 है। इसे बेंज़ीन (C6H6) से प्राप्त किया जाता है और तरल रूप में 20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर, तरल रूप में कारखानों में संग्रहित किया जाता है। यह ज्वलनशील, रंगहीन तथा हल्की-मीठी गंधयुक्त होता है। इसे एथिनाइलबेंज़ीन या विनाइलबेंज़ीन एवं फेनिलैथेन भी कहा जाता है।
- इसका उपयोग कच्चे माल के रूप में पॉलिस्टिरीन प्लास्टिक, पॉलिस्टर रेज़िन और रबर के उत्पादों के निर्माण में किया जाता है, जैसे- प्लास्टिक पाइप, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, फाइबर ग्लास व पैकेजिंग मैटेरियल इत्यादि।
- वायु के सम्पर्क में आने पर यह गैस आसानी से वाष्पीकृत हो जाती है और ऑक्सीजन के साथ मिलकर कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) का निर्माण करती है। वातावरण में CO की मात्रा बढ़ने से, साँस लेते समय यह शरीर में प्रवेश करती है।
- स्टाइरीन का प्रभाव मुख्यतः केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर पड़ता है। इसके अतिरिक्त, श्वसन सम्बंधी समस्या, आँखों व सीने में जलन जैसे कुछ अल्पकालिक प्रभाव, जबकि कैंसर व प्रजनन क्षमता का प्रभावित होना इसके दीर्घावधिक प्रभाव हैं।
- हाल ही में, विशाखापत्तनम से 15 किमी. दूर स्थित 'एलजी पॉलीमर कारखाने' में स्टाइरीन गैस के रिसाव के कारण 11 लोगों की मृत्यु हो गई व कई अन्य गम्भीर रूप से प्रभावित हैं। इस घटना को 'विशाखापत्तनम गैस लीक' या 'विज़ाग गैस लीक' का नाम दिया गया है।