New
July Offer: Upto 75% Discount on all UPSC & PCS Courses | Offer Valid : 5 - 12 July 2024 | Call: 9555124124

ट्रांस फैट (Trans Fats)

  • हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान तथा कुछ अन्य देशों को ट्रांस फैट के जोखिम से जुड़ी चेतवानी दी है तथा इस पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। ध्यातव्य है कि सिर्फ ट्रांस फैट की वजह से पूरे विश्व में हर साल लगभग 500,000 लोगों की हृदय रोगों से मृत्यु हो जाती है। इनमें से दो-तिहाई मौतें मात्र 15 देशों में होती हैं।
  • ट्रांस फैट अथवा ट्रांस फैटी एसिड अत्यधिक हानिकारक प्रकार के असंतृप्त वसा होते हैं, जो वानस्पतिक वसा, जैसे मार्जरीन (कृत्रिम मक्खन) तथा घी (प्रशोधित मक्खन), हाइड्रोजनीकृत वनस्पति तेल आदि के अलावा स्नैक्स, विभिन्न बेकरी उत्पादों तथा तले हुए खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं।
  • दीर्घकाल तक खराब न होने, अन्य विकल्पों की तुलना में सस्ते होने के साथ ही स्वाद व लागत को प्रभावित नहीं करने के कारण उत्पादकों द्वारा ट्रांस फैट का अधिक प्रयोग किया जाता है। ये न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं, बल्कि हमें हृदय रोग से बचाने में मदद करने वाले अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी कम करते हैं।
  • इसके प्रयोग से मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग, उपापचयी सिंड्रोम, इंसुलिन प्रतिरोध, बांझपन तथा कैंसर आदि का खतरा होता है तथा यह गर्भ में भ्रूण के विकास को भी हानि पहुँचा सकता है।
  • डब्लू.एच.ओ. ने प्रति व्यक्ति कुल कैलोरी मात्रा में 1% से कम कृत्रिम ट्रांस फैटी एसिड को अनुमन्य माना है। साथ ही, वर्ष 2023 तक वैश्विक खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस-फैट को पूर्णतः खत्म करने का आह्वान किया है। FSSAI ने भी खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैटी एसिड की सीमा को 2% तक सीमित करने तथा वर्ष 2022 तक खाद्य पदार्थों से ट्रांस फैट को खत्म करने की अनुशंसा की है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR