केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक डाटा कार्यालय (P.D.O.) के माध्यम से देशभर में वायरलेस कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिये सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसे 'पी.एम.वानी' के नाम से जाना जाएगा। विदित है कि वर्ष 2017 में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने सर्वप्रथम पी.डी.ओ. की सिफारिश की थी।
पी.डी.ओ. स्वयं या अन्य दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से इसे लीज़ पर लेकर इंटरनेट सेवा मुहैया कराएगा। पी.सी.ओ. तथा साइबर कैफे की तर्ज पर स्थापित यह सुविधा देश के विभिन्न छोटे शहरों, ग्राम पंचायतों आदि में कॉमन सर्विस सेंटर, जनरल स्टोर व दुकानों पर उपलब्ध होगी।
इसमें पी.डी.ओ, पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर्स, ऐप प्रदाता सहित कई संस्थाएँ शामिल होंगी। इनके लिये सरल संचार वेबसाइट पर पंजीकरण प्रणाली निर्धारित की गई है, जिसमें आवेदन करने के सात दिनों के भीतर उसे अनुमोदित किया जाएगा।
यह व्यवस्था डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ाया गया एक कदम है। इसके लिये कोई लाइसेंस, पंजीकरण या अन्य शुल्क देय नहीं होगा, जिससे देशभर में बड़े स्तर पर आम लोगों को इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं का लाभ मिल सकेगा और कारोबारी सुगमता में वृद्धि के साथ लोगों का जीवन स्तर भी बेहतर होगा।
ट्राई के अनुसार, प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अधिकांश मोबाइल उपयोगकर्ता संचार के लिये कुल उपयोग का 50-70% वाई-फाई तकनीक के माध्यम से उपयोग करते हैं। भारत में यह आँकड़ा 10% से कम है। विदित है कि, सेवा प्रदाताओं ने 30 सितम्बर, 2019 तक 10 लाख हॉटस्पॉट उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा था, जिसको हासिल नहीं किया जा सका।