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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 3

जैव प्रौद्योगिकी को स्पष्ट करते हुए कृषि क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी से संबंधित संभावनाओं और सीमाओं की विवेचना कीजिये। (250 शब्द)

20-Oct-2021 | GS Paper - 3

Solutions:

उत्तर प्रारूप

भूमिका (40-50 शब्द)

जैव प्रौद्योगिकी को परिभाषित करते हुए संक्षिप्त भूमिका लिखें।

मुख्य भाग (140-150 शब्द)

  • कृषि क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी उपयोगिता- फसल की गुणवत्ता, उत्पादन, पोषक तत्त्व में वृद्धि तथा रोग प्रतिरोधी बनाने जैसे बिंदुओं की चर्चा करें ।
  • तकनीकी पहलुओं जैसे- टिशू कल्चर, जीनोम सीक्वेंसिंग, कोशिका के स्थान पर डीएनए मिश्रण इत्यादि की उदाहरणसहित चर्चा करें जैसे- बी. टी. कपास।
  • जैव प्रौद्योगिकी की सीमाएँ: नैतिक मुद्दें जैसे- प्रकृति के साथ छेड़छाड़, उपभोक्ताओं से जानकारी छिपाना, आजीविका हेतु कृषि के स्थान पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा कृषि संसाधनों का अंधाधुंध दोहन, जीन पूल में कमी यानी की जैव विविधता में कमी। जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े कानूनी मुद्दे- पेटेंट का मुद्दा, कंपनी के लाभ व निवेश (जैसे- भारत में मोनसेंटो) इत्यादि की चर्चा करें।

निष्कर्ष (40-50 शब्द)

बढ़ती जनसंख्या एवं जलवायु परिवर्तन के बीच खाद्यान्न उपलब्धता को बरक़रार रखने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए संक्षेप में निष्कर्ष लिखें।

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