Solutions:
उत्तर प्रारूप
भूमिका (40-50 शब्द)
यूरोप में पुनर्जागरण मध्यकालीन सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं धार्मिक व्यवस्था के विरुद्ध एक प्रतिक्रिया थी, को स्पष्ट करते हुए भूमिका लिखें।
मुख्य भाग (140-150 शब्द)
- मध्यकालीन यूरोप में सामाजिक व्यवस्था के अंतर्गत विशेषाधिकार प्राप्त एवं विशेषाधिकार विहीन वर्गों की उपस्थिति, राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत निरंकुश राजतंत्र, आर्थिक व्यवस्था के अंतर्गत सामंतवाद एवं उत्पादन की गिल्ड पद्धति तथा धार्मिक व्यवस्था के अंतर्गत रोमन कैथोलिक धर्म एवं पवित्र रोमन साम्राज्य की सर्वोच्चता इत्यादि की चर्चा करें।
- पुनर्जागरण का जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा करें। उदाहरणस्वरूप, लोगों द्वारा मध्यकालीन संकीर्णता को छोड़कर स्वयं को नवीन खोजों, नवीनतम विचारों तथा सामाजिक, सांस्कृतिक एवं तार्किक बौद्धिकता की ओर अग्रसर होना।
- फलतः इस काल मे प्रत्येक क्षेत्र में सर्वथा नवीन दृष्टिकोण, आदर्श एवं आशा का संचार हुआ, जैसे- राजनीतिक क्षेत्र में लोकतांत्रिक व्यवस्था का उदय, सामाजिक क्षेत्र में समानता पर बल, आर्थिक क्षेत्र में वाणिज्य व्यापार का विकास, धार्मिक क्षेत्र में रूढ़िवादिता में कमी एवं मानवतावाद पर बल आदि की चर्चा करें।
- इसके अतिरिक्त, इस काल में साहित्य, कला आदि के क्षेत्र में हुए पर्याप्त विकास (मोनालिसा की पेंटिंग) इत्यादि की चर्चा करें।
निष्कर्ष (40-30 शब्द)
इस प्रकार 17वीं सदी में यूरोप में हुए पुनर्जागरण के वैश्विक प्रभावों को रेखांकित करते हुए संतुलित निष्कर्ष लिखें।