लोकतंत्र और लोक सेवाएँ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, किंतु ये परिपूरक होंगे या विरोधाभासी, यह दोनों की परिपक्वता पर निर्भर करता हैं। विवेचना कीजिये।
23-May-2020 | GS Paper - 3
लोकतंत्र और लोक सेवाएँ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, किंतु ये परिपूरक होंगे या विरोधाभासी, यह दोनों की परिपक्वता पर निर्भर करता हैं। विवेचना कीजिये।
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