“मूल अधिकार नागरिकों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ राज्य के पंथनिरपेक्ष स्वरूप को बनाए रखने के लिये भी अपरिहार्य हैं।” टिप्पणी कीजिये। (250 शब्द)
02-Dec-2020 | GS Paper - 2
“मूल अधिकार नागरिकों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ राज्य के पंथनिरपेक्ष स्वरूप को बनाए रखने के लिये भी अपरिहार्य हैं।” टिप्पणी कीजिये। (250 शब्द)
02-Dec-2020 | GS Paper - 2
उत्तर प्रारूप
भूमिका (50 शब्द)
मूल अधिकारों को परिभाषित करते हुए, भारतीय संविधान में उन्हें शामिल करने के पीछे जो मूल उद्देश्य था, उसे स्पष्ट करें।
मुख्य भाग (140-150 शब्द)
निष्कर्ष (50-60 शब्द)
प्रश्न में इंगित दोनों उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में संविधान की अब तक की सफलता व इन्हें सुनिश्चित करने में न्यायपालिका की भूमिका का उल्लेख करते हुए उत्तर समाप्त करें।
Our support team will be happy to assist you!