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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 2

“मूल अधिकार नागरिकों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ राज्य के पंथनिरपेक्ष स्वरूप को बनाए रखने के लिये भी अपरिहार्य हैं।” टिप्पणी कीजिये। (250 शब्द)

02-Dec-2020 | GS Paper - 2

Solutions:

उत्तर प्रारूप

भूमिका (50 शब्द)

मूल अधिकारों को परिभाषित करते हुए, भारतीय संविधान में उन्हें शामिल करने के पीछे जो मूल उद्देश्य था, उसे स्पष्ट करें।

मुख्य भाग (140-150 शब्द)

  • कुछ ऐसे मूल अधिकारों की चर्चा करें जो नागरिकों के सर्वांगीण विकास में सहायक हैं, जैसे- अनुच्छेद 14, 15, 16, 17, 19, 21, 25 आदि।
  • मूल अधिकारों से सम्बंधित उन प्रावधानों का उल्लेख करें जो राज्य के पंथनिरपेक्ष स्वरूप को संरक्षण प्रदान करते हैं, जैसे– अनुच्छेद 14, 15, 25, 29, 30 आदि।

निष्कर्ष (50-60 शब्द)

प्रश्न में इंगित दोनों उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में संविधान की अब तक की सफलता व इन्हें सुनिश्चित करने में न्यायपालिका की भूमिका का उल्लेख करते हुए उत्तर समाप्त करें।

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