"जीवन में दो मूल विकल्प होते हैं- स्थितियों को उसी रूप में स्वीकार करना जैसी वे हैं अथवा उन्हें बदलने का उत्तरदायित्व स्वीकार करना।" एक प्रशासक के द्वारा कर्त्तव्य निर्वहन के चुनाव में उक्त कथन की प्रासंगिकता को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिये।
02-Sep-2020 | GS Paper - 4