New
July Offer: Upto 75% Discount on all UPSC & PCS Courses | Offer Valid : 5 - 12 July 2024 | Call: 9555124124
Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 4

विधि निर्माताओं लिए अनिवार्य नैतिक मूल्यों का उल्लेख करतें हुए विधि निर्माताओं में नैतिक मूल्यों के ह्रास के कारको की विवेचना कीजिए ।(पेपर 4,शब्द सीमा 250)

29-Jan-2024 | GS Paper - 4

Solutions:

उत्तर प्रारूप

भूमिका 

  • नैतिक मूल्यों को परिभाषित कीजिए,जैसे:नैतिक मूल्य उन आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो नैतिक या सामाजिक दुविधाओं का सामना करते समय किसी व्यक्ति के कार्यों और विचार प्रक्रियाओं को आकार देते हैं। इनमें ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, पवित्रता, निष्पक्षता,न्याय, उत्तरदायित्व, गैर-पक्षपात,लोक सेवा की भावना और जवाबदेही आदि शामिल हैं, का उल्लेख करते हुए संक्षिप्त भूमिका लिखें।

मुख्य भाग 

  • विधि निर्माताओं लिए अनिवार्य नैतिक मूल्यों का उल्लेख कीजिए,जैसे: सभी प्रकार के पेशेवर एवं व्यक्तिगत व्यवहारों में सत्यनिष्ठा,मतदाताओं के प्रति जवाबदेही तथा उत्तरदायित्व,जनता के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए,निष्पक्षता एवं गैर-पक्षपात,लोक सेवा की भावना निर्णय-निर्माण की प्रक्रिया में खुलापन और पारदर्शिता,आदि।
  • विधि निर्माताओं में नैतिक मूल्यों के ह्रास के कारक ,यथा: भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, अनैतिक व्यवहार,राजनीति का अपराधीकरण, आपराधिक गिरोहों नौकरशाही और राजनेताओं के बीच सांठगांठ, आपराधिक छवि वाले राजनेताओं की बढ़ती भागीदारी,आपराधिक न्याय प्रणाली की सीमाएं,भाई-भतीजावाद,वंशवाद की राजनीति,कमजोर कानून प्रवर्तन,हित समूहों का प्रभाव,आदि।

निष्कर्ष

  • विधि निर्माताओं लिए अनिवार्य नैतिक मूल्यों के महत्व का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष लिखें।


« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR