“प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं के प्रति ईमानदार होना चाहिये। यदि आप स्वयं ईमानदार नहीं हैं, तब आप समाज पर कभी अच्छा प्रभाव नहीं डाल सकते हैं।" - नेल्सन मंडेला। उक्त कथन की सोदाहरण विवेचना कीजिये। (150 शब्द)
03-Nov-2021 | GS Paper - 4
“प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं के प्रति ईमानदार होना चाहिये। यदि आप स्वयं ईमानदार नहीं हैं, तब आप समाज पर कभी अच्छा प्रभाव नहीं डाल सकते हैं।" - नेल्सन मंडेला। उक्त कथन की सोदाहरण विवेचना कीजिये। (150 शब्द)
03-Nov-2021 | GS Paper - 4
उत्तर प्रारूप
भूमिका (20-25 शब्द)
ईमानदारी (integrity) को स्पष्ट करते हुए संक्षिप्त भूमिका लिखें।
मुख्य भाग (90-100 शब्द)
• ईमानदारी व्यक्ति के कार्य, विश्वास और सिद्धांतों में एकरूपता प्रदर्शित करती है। ईमानदारी वस्तुतः नैतिक सिद्धांतों और मूल्यों के साथ किसी भी परिस्थिति में समझौता न करने का अभ्यास है, ऐसे पहलुओं की चर्चा करें।
• इस संदर्भ में महात्मा गांधी, टी.एन. शेषन, एन.एन. वोहरा एवं किरण बेदी इत्यादि की सार्वजनिक जीवन-शैली के माध्यम से कथन की महत्ता को स्पष्ट करें।
निष्कर्ष (20-25 शब्द)
समाज एवं प्रशासन में ईमानदारी की प्रासंगिकता को संदर्भित करते हुए संक्षिप्त निष्कर्ष लिखें।
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