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Sanskriti Mains Mission:

‘जब अहं की भावना समाप्त हो जाती है, तब एक आदर्श मानव का जन्म होता है।’ टिप्पणी कीजिये। (150 शब्द)

03-Sep-2021 |

Solutions:

उत्तर-प्रारूप

भूमिका (25-30 शब्द)

‘अहं की भावना’ और ‘आदर्श मानव’ को संक्षेप में स्पष्ट करें।

मुख्य भाग (90-100 शब्द)

  • उक्त कथन के संदर्भ में वर्तमान जीवन के कुछ उदाहरणों के साथ यह स्पष्ट करें कि ‘अहं-श्रेष्ठता’ (ego- superiority) मानवीय गरिमा एवं योग्यता को हानि पहुँचाने का आधार बनती है।
  • आदर्श मानव की कसौटी में सम्मिलित तत्वों जैसे- समानुभूतिक चिंतन, सहिष्णुता, सत्यनिष्ठा, कर्तव्यनिष्ठा, निःस्वार्थता के आधार पर मानवीय मूल्यों और आदर्शों से निर्देशित आचरण आदि की चर्चा करें।
  • आदर्श मानव बनने के क्रम में अंतःकरण (Conscience) की भूमिका का उल्लेख करें।

निष्कर्ष (25-30 शब्द)

आधुनिक परिप्रेक्ष्य में कथन की प्रासंगिकता स्पष्ट करते हुए संतुलित निष्कर्ष लिखें।

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