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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 2

इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) क्या है? इसके महत्त्व एवं चुनौतियों का उल्लेख कीजिए।(पेपर 2,शब्द सीमा 250)

08-Feb-2024 | GS Paper - 2

Solutions:

उत्तर प्रारूप

भूमिका 

इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) को स्पष्ट कीजिए,जैसे: इसकी उत्पत्ति मई 2022 में टोक्यो में हुई थी। इसे संयुक्त राज्य अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य भागीदार देशों ने संयुक्त रूप से लॉन्च किया था। इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संवृद्धि, शांति को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ साझेदार देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव को मजबूत करना है, आदि का उल्लेख करते हुए संक्षिप्त भूमिका लिखें।

मुख्य भाग 

  • इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी के महत्त्व का उल्लेख कीजिए,जैसे: आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए वाणिज्य के नए नियमों को अपनाने में मदद,मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का निर्माण, संधारणीय एवं समावेशी आर्थिक संवृद्धि में मदद,आपूर्ति श्रृंखला को अधिक मजबूत करना, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का विकल्प तैयार करना  में मदद करेगा,आदि।
  • इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी के समक्ष चुनौतियां,यथा: स्थायित्व पर चिंताएं,चीन को अलग करना मुश्किल है,पारस्परिकता से संबंधित चिंताएं,संवेदनशील क्षेत्रों में प्रवेश(श्रम और पर्यावरण मानकों से लेकर डिजिटल अर्थव्यवस्था),हिंद-प्रशांत क्षेत्र के कुछ देश अमेरिका के साथ नीतिगत मतभेदों के कारण प्रतिबद्ध होने से मना कर सकते हैं,आदि।

निष्कर्ष

  • इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष लिखें।
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