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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 2

भारतीय न्यायपालिका के संदर्भ में न्यायिक समीक्षा की अवधारणा के उद्भव एवं विकास का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। (250 शब्द)

20-Oct-2020 | GS Paper - 2

Solutions:

उत्तर प्रारूप

भूमिका (30-40 शब्द)

  • न्यायिक समीक्षा को परिभाषित करें (इंदिरा गांधी बनाम राज नारायण वाद को संदर्भित करते हुए)

मुख्य भाग (130-140 शब्द)

  • न्यायिक समीक्षा की शक्ति प्रदान करने वाले अनुच्छेदों का उल्लेख करें (जैसे- 13, 32, 131, 226 आदि)
  • न्यायिक समीक्षा के उद्भव एवं विकास की चर्चा, उच्चतम न्यायालय के प्रमुख निर्णयों के आलोक में करें (जैसे- रोमेश थापर वाद, गोलकनाथ वाद, केशवानंद भारती वाद, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन बनाम भारत संघ वाद आदि)
  • न्यायिक समीक्षा से सम्बंधित चिंताओं का संक्षेप में उल्लेख करें।

निष्कर्ष (40-50 शब्द)

  • मौलिक अधिकारों के संरक्षण में न्यायिक समीक्षा की भूमिका व लोकतांत्रिक सरकार के महत्त्व को रेखांकित करें एवं सरकार के सभी अंगों के मध्य संतुलन को स्वीकार करते हुए निष्कर्ष लिखें।
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