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उत्तर प्रारूप
भूमिका
- ब्राह्मणी नदी ओडिशा की दूसरी सबसे बड़ी नदी(पहली महानदी) है। इसे सुंदरगढ़ के राउरकेला में शंख और दक्षिण कोयल नदियों के मिलने/संगम के पश्चात् ब्राह्मणी नदी कहा जाता है;आदि की चर्चा करते हुए संक्षिप्त में भूमिका लिखें।
मुख्य भाग
ब्राह्मणी नदी का कायाकल्प/नवीनीकृत करने की आवश्यकता क्यो है?
- यह नदी लगभग 799 किमी लम्बी है तथा यह तीन राज्यों में प्रवाहित होती है।
- निरंतर प्रवाह से इस नदी में गाद जमा हो गयी है जिस कारण से इसमें मानसून अवधि के दौरान प्रवाह कम या बिल्कुल नहीं होता है।
- प्रभाव: इस नदी के जल का प्रवाह उचित मात्रा में नहीं होने से राज्य में बाढ़ की स्थिति बन जाती है, जिससे काफी जन-धन की क्षति होती है।
- ओडिशा सरकार के द्वारा जेनापुर और जोकड़िया में एकीकृत इन-स्ट्रीम स्टोरेज(ISS) के निर्माण के माध्यम से कायाकल्प या नवीनीकृत कार्य करके नदी में प्रवाह मार्ग सुनिश्चित करने का प्रस्ताव किया गया है; आदि का उल्लेख करें।
निष्कर्ष
- ब्राह्मणी नदी का कायाकल्प/नवीनीकृत करने की आवश्यकता/महत्व को बताते हुए संक्षिप्त में निष्कर्ष लिखें।