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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 3

गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (NPAs) किसी भी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है।इस संदर्भ में भारत में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के बढ़ने के कारणों का परिक्षण कीजिए साथ ही इसको कम करने के लिए उठाए गए कदमों की विवेचना कीजिए।(सामान्य अध्ययन पेपर 3,शब्द सीमा 250)

05-Apr-2024 | GS Paper - 3

Solutions:

उत्तर प्रारूप

भूमिका

  • गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) को स्पष्ट कीजिए जैसे: एक निश्चित अवधि से अधिक समय तक जब बैंकों के ऋण पर ब्याज का भुगतान नहीं मिलता है या मूलधन को नहीं चुकाया जाता है तो बैंक के ऋण को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां कहा जाता है, आदि का उल्लेख करते हुए संक्षिप्त भूमिका लिखें।

मुख्य भाग 

  • भारत में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के बढ़ने के कारणों का परिक्षण कीजिए,जैसे: ऋण देने की दोषपूर्ण प्रक्रिया, वित्तीय संस्थानों के बीच आपस में सहयोग की कमी,विलफुल डिफॉल्टर की संख्या में वृद्धि,औद्योगिक रुग्णता (Industrial sickness),RBI के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन, बैंकर और ऋणी द्वारा धोखाधड़ी करना,आदि।
  • गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों को कम करने के लिए उठाए गए कदम,यथा: सरफेसी एक्ट का अधिनियमन, ऋण वसूली अधिकरण की स्थापना,दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (IBC), 2016 का निर्माण, नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) की स्थापना,इंद्रधनुष योजना,आदि।

निष्कर्ष

  • गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों को कम करने के उपायों का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष लिखें।
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