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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 3

गिद्धों के विलुप्त होने के कारणों को स्पष्ट करते हुए,इनके पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी महत्व की व्याख्या कीजिए। (शब्द सीमा 250),पेपर-3 (पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी)

20-Jan-2024 | GS Paper - 3

Solutions:

उत्तर प्रारूप 

भूमिका 

पशुओं को दी जाने वाली प्रतिबंधित दर्द निवारक या सूजन रोधी दवा डाइक्लोफेनाक के व्यापक उपयोग से इनके गुर्दे ख़राब हो जाते हैं, जिससे इनकी मृत्यु हो जाती है। इस कारण ये विलुप्त होने के कगार पर पहुच गए हैं, की चर्चा करते हुए संक्षिप्त में भूमिका लिखें। 

मुख्य भाग 

  • गिद्ध एक शिकारी पक्षी है। भारत में दो प्रकार के गिद्धों की प्रजातियां पायी जाती हैं, एक प्राचीन काल के एवं दूसरा आधुनिक काल के। 
  • प्राचीन काल के गिद्ध एक्सीपिट्रिडी परिवार से जबकि आधुनिक काल के गिद्ध केथरटिडी परिवार से संबंधित हैं।
  • गिद्धों की पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी स्वच्छता में भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है।
  • यह जानवरों के शवों को तेजी से उपभोग करके पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी को स्वच्छ रखते हैं, जिससे कई हानिकारक बीमारियाँ पर्यावरण में फ़ैल नहीं पाती हैं।

भारत सरकार द्वारा गिद्धों के संरक्षण के लिए किये जा रहे कार्य:-

  • पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गिद्धों के संरक्षण के लिए एक 'गिद्ध जनसंख्या वर्ष 2020 -25' (गिद्ध कार्य योजना 2020-25) शुरू की है।
  • यह कार्य योजना डिक्लोफेनाक दावा के न्यूनतम उपयोग को सुनिश्चित करती है।
  • भारत में वर्ष 2001 में हरियाणा के पिंजौर में एक ‘गिद्ध देखभाल केंद्र’ (VCC) की स्थापना की गई।
  • वर्ष 2004 में गिद्ध केयर सेंटर को अपग्रेड कर, भारत का पहला 'गिद्ध संरक्षण एवं जनरेशन केंद्र' (VCBC) की स्थापना की गई, आदि का उल्लेख करें।

निष्कर्ष 

  • गिद्धों के पर्यावरणीय एवं पारिस्थितिकी महत्व को बताते हुए संक्षिप्त में निष्कर्ष लिखें।
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