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Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 1

बौद्ध धर्म के आष्टांगिक मार्ग की महत्ता को स्पष्ट करते हुए मानव जीवन में इसकी प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिये। (250 शब्द)

28-Jul-2021 | GS Paper - 1

Solutions:

उत्तर प्रारूप  

भूमिका (40-50 शब्द)

बुद्ध कालीन सामाजिक समस्याओं का उल्लेख करते हुए बौद्ध धर्म के उदय के संदर्भ में संक्षिप्त चर्चा करें।

मुख्य भाग (140-150 शब्द)

  • बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्यों (संसार दुखों से परिपूर्ण है, दुखों का समुदाय, दुःख निरोध तथा दुःख निरोधी गामिनी प्रतिपदा) का उल्लेख करें।
  • बौद्ध धर्म के आष्टांगिक मार्ग (सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाक्, सम्यक कर्मांत, सम्यक आजीविका, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति तथा सम्यक समाधि) का उल्लेख करें।
  • मानव जीवन में आष्टांगिक मार्ग की प्रासंगिकता जैसे- बुरे कर्मों का त्याग, परोपकार की भावना, विलासिता का त्याग, अनुशासित एवं संयमित जीवन यापन तथा विभिन्न सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु मध्यम मार्ग का अनुसरण इत्यादि की चर्चा करें।

 निष्कर्ष (40-50 शब्द)

वर्तमान परिदृश्य में बौद्ध धर्म की महत्ता का उल्लेख करते हुए संतुलित निष्कर्ष लिखें।

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