New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 Feb, 11:00 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 15 Feb, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124
Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 1

सल्तनतकालीन स्थापत्य कला भारतीय तथा इस्लामी शैलियों का अनुपम समन्वय थी। टिप्पणी कीजिये। (150 शब्द)

02-Jul-2021 | GS Paper - 1

Solutions:

उत्तर प्रारूप

भूमिका (20-25 शब्द)

सल्तनतकालीन स्थापत्य कला को स्पष्ट करते हुए संक्षिप्त भूमिका लिखें।

मुख्य भाग (90-100 शब्द)

  • सल्तनत कालीन स्थापत्य कला के भारतीय एवं ईरानी शैलियों के संयोजन की प्रमुख विशेषताओं जैसे- किला, मकबरा, मस्जिद, महल एवं मीनारों में वैज्ञानिक ढंग से नुकीले मेहराबों-गुम्बदों तथा संकरी एवं ऊँची मीनारों का प्रयोग, शिला एवं शहतीर का उपयोग, मंदिरों के मलबे पर बनी मस्जिद में नये ढंग से पूजा घर के निर्माण, इमारतों में पत्थर, कंकरीट एवं अच्छे किस्म के चूने का प्रयोग, अलंकरण की संयुक्त विधि (अरबस्क विधि), हिन्दू साज-सज्जा की वस्तुओं जैसे- कमलबेल के नमूने, स्वास्तिक, घंटियों के नमूने, कलश आदि के प्रयोग आदि की चर्चा करें।
  • सल्तनतकालीन स्थापत्य संबंधी कुछ उदाहरणों यथा- कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, अढ़ाई दिन का झोपड़ा, अलाई दरवाजा, गयासुद्दीन का मकबरा, मोठ की मस्जिद इत्यादि की चर्चा करें।

निष्कर्ष (20-25 शब्द)

भारत में सल्तनत काल के दौरान वास्तुकला के क्षेत्र में हुई प्रगति के संदर्भ में चर्चा करते हुए संतुलित निष्कर्ष लिखें।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X