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शॉर्ट न्यूज़: 01 मार्च, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 01 मार्च, 2022


स्पर्श के तहत ऑनबोर्ड पेंशन सेवाएँ 

वायरलेस चार्जिंग की बढ़ती संभावनाएँ

जॉर्डन में खोजा गया एक नवपाषाण स्थल


स्पर्श के तहत ऑनबोर्ड पेंशन सेवाएँ 

चर्चा में क्यों

रक्षा मंत्रालय ने देशभर में चार लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों (CSC) में स्पर्श पहल के तहत पेंशन सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। यह समझौता पेंशनभोगियों को प्रत्येक स्तर पर संपर्क प्रदान करेगा, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले उन पेंशनभोगियों को, जिनके पास स्पर्श पर लॉग ऑन करने के लिये सुविधाएँ या तकनीकी साधन उपलब्ध नहीं हैं।

समझौते के निहितार्थ

  • इन पेंशनभोगियों के लिये सेवा केंद्र स्पर्श के इंटरफेस के रूप में कार्य करेंगे तथा पेंशनभोगियों को प्रोफाइल अपडेट करने का अनुरोध करने, शिकायत दर्ज करने और निवारण, डिजिटल वार्षिक पहचान सत्यापन, पेंशनभोगी डाटा सत्यापन या उनकी मासिक पेंशन के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिये एक प्रभावी माध्यम प्रदान करेंगे।
  • इस अवसर पर कोटक महिंद्रा बैंक के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किये गए हैं, जिसके तहत वे भूतपूर्व सेवाकर्मियों के अधिक जनघनत्व वाले क्षेत्रों में स्थित 14 शाखाओं में सेवा केंद्र स्थापित करेंगे।
  • इन सेवा केंद्रों तक पेंशनभोगियों को नि:शुल्क पहुँच प्रदान की जाएगी, जिसके लिये विभाग द्वारा नाममात्र का सेवा शुल्क वहन किया जाएगा।
  • स्पर्श पहल के माध्यम से पेंशन प्रशासन में दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। साथ ही, यह पेंशन से संबंधित मुद्दों को समयबद्ध तरीके से हल करने में मदद करेगा।

स्पर्श पहल 

  • ‘स्पर्श’ रक्षा मंत्रालय की एक पहल है, जिसका उद्देश्य रक्षा पेंशनभोगियों के पेंशन संबंधी प्रबंधन के लिये सरकार की 'डिजिटल इंडिया', ‘प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण' और 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' जैसी पहलों के अनुरूप व्यापक समाधान प्रदान करना है।
  • इसे रक्षा पेंशनभोगियों को केंद्र में रखते हुए डिज़ाइन किया गया है, जिन्हें एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से उनके पेंशन खाते का पूरा विवरण दिया जाएगा।
  • यह प्रणाली डी.ए.डी. द्वारा रक्षा लेखा के प्रधान नियंत्रक (पेंशन), प्रयागराज के माध्यम से प्रशासित की जाती है तथा यह तीनों सेवाओं और संबद्ध संगठनों को शामिल करती है।
  • प्रणाली के कार्यान्वयन की शुरुआत में नए सेवानिवृत्त कर्मियों को शामिल किया जा रहा है, जिसे बाद में मौजूदा रक्षा पेंशनभोगियों को कवर करने के लिये विस्तारित किया जाएगा।
  • स्पर्श ने पेंशन भुगतान आदेश (PPO) के निर्माण से लेकर पेंशन के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण तक, ‘सही समय पर सही पेंशन’ देने के आदर्श वाक्य के साथ पेंशन वितरण की प्रक्रिया को मौलिक रूप से पुनः तैयार किया है।
  • इस प्रकार, स्पर्श 'डिजिटल इंडिया' की भावना का प्रतीक है, जो प्रभावी रूप से शासन सुधार की ज़रूरतों के साथ प्रौद्योगिकी के उपकरणों को जोड़ता है।

वायरलेस चार्जिंग की बढ़ती संभावनाएँ

चर्चा में क्यों

एक सुविधाजनक तकनीक होने के कारण वर्तमान में वायरलेस चार्जिंग लोकप्रिय उपकरण बनता जा रहा है।

वायरलेस चार्जिंग

  • आधुनिक स्मार्टफोन, वायरलेस चार्जिंग हेतु विद्युत चुंबकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction) तकनीक का प्रयोग करते हैं। इस तकनीक में फोन व चार्जर दोनों के लिये कॉपर कुंडली (Coil) की आवश्यकता होती है।
  • जब एक वायरलेस चार्जर पर एक संगत स्मार्टफोन रखा जाता है, तब तेज़ी से बदलता चुंबकीय क्षेत्र स्मार्टफोन के अंदर मौजूद कॉपर कुंडली के साथ अंत: क्रिया करता है।
  • चुंबकीय क्षेत्र एक संलग्न कुंडली में विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है। उत्पन्न विद्युत सलंग्न क्षेत्र से अंत: क्रिया करता है, जिससे बैटरी चार्ज हो जाती है।
  • हालाँकि, चार्जिंग की इस तकनीक में तार-युक्त चार्जिंग से अधिक बिजली की खपत होती है।
  • वायरलेस चार्जिंग के इस रूप को ‘टाइट-कपल्ड इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्टिव चार्जिंग’ कहा जाता है।

जॉर्डन में खोजा गया एक नवपाषाण स्थल

चर्चा में क्यों

जॉर्डन व फ्रांसीसी पुरातत्वविदों के एक समूह ने जॉर्डन के पूर्वी रेगिस्तान में एक सुदूर नवपाषाण स्थल पर लगभग 9,000 वर्ष प्राचीन एक पवित्र स्थल की खोज की है।

प्रमुख बिंदु

  • इस अनुष्ठान परिसर को एक नवपाषाणकालीन शिविर में बड़ी संरचनाओं के समीप पाया गया है, जिसे ‘रेगिस्तानी पतंग’ या सामूहिक जाल के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसका उपयोग वध करने के लिये जंगली चिड़ियों को पालने हेतु किया गया होगा।
  • इस तरह की संरचना में दो या दो से अधिक लंबी पत्थर की दीवारें एक बाड़े की ओर मिलती हैं, जो मध्य पूर्व रेगिस्तान में बिखरी हुई पाई गई हैं। यह स्थल इसकी संरक्षण स्थिति के कारण अद्वितीय है। 
  • इस स्थल के भीतर दो नक्काशीदार खड़े पत्थर थे, जिनमें एंथ्रोपोमोर्फिक आकृतियाँ थीं। इनमें ‘रेगिस्तानी पतंग’ के प्रतिनिधित्व के साथ-साथ एक वेदी, चूल्हा, समुद्री शैल और गज़ेल ट्रैप के लघु मॉडल शामिल थे। 
  • यह पवित्र स्थल अब तक अज्ञात नवपाषाण काल की आबादी के प्रतीकवाद, कलात्मक अभिव्यक्ति तथा आध्यात्मिक संस्कृति पर प्रकाश डालता है।

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