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शॉर्ट न्यूज़: 03 अगस्त, 2022 (पार्ट - 2)

शॉर्ट न्यूज़: 03 अगस्त, 2022 (पार्ट - 2)


शुष्कता विसंगति आउटलुक सूचकांक

राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन

अल्फाफोल्ड और प्रोटीन

जीन थेरेपी की प्रभावकारिता


शुष्कता विसंगति आउटलुक सूचकांक

  • भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जुलाई महीने के लिए ‘शुष्कता विसंगति आउटलुक सूचकांक’ (Aridity Anomaly Outlook Index) जारी किया है।
  • सूचकांक के अनुसार, जुलाई माह में पूरे भारत में कम से कम 85% ज़िले शुष्क परिस्थितियों से प्रभावित रहे।

प्रमुख निष्कर्ष:

  • 756 जिलों में से लगभग 660 जिले (85%) विभिन्न स्तर पर शुष्कता का सामना कर रहे थे, जबकि केवल 63 जिले गैर-शुष्क (non-arid) हैं।
  • भारत का लगभग 69% भाग ‘शुष्क भूमि’ है।
  • कम से कम 196 जिले सूखे की ‘गंभीर’ डिग्री की चपेट में हैं और इनमें से 65 जिले उत्तर प्रदेश में हैं।
  • बिहार में शुष्क परिस्थितियों का सामना करने वाले ज़िलों (33) की संख्या दूसरे स्थान पर थी। 
  • 'गंभीर शुष्क' परिस्थितियों का सामना कर रहे अन्य ज़िलों में झारखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली, तेलंगाना, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, कर्नाटक तथा तमिलनाडु के ज़िले शामिल हैं।

अनुप्रयोग

  • राजस्थान के रेगिस्तान, कच्छ के रण में और पंजाब और गुजरात के अर्ध-शुष्क क्षेत्र में, तथा पश्चिमी घाट के वर्षा छाया क्षेत्रों में ‘बड़े शुष्क क्षेत्र’ पाए जाते हैं।
  • सूचकांक कृषि सूखे, एक ऐसी स्थिति जब स्वस्थ फसल विकास का समर्थन करने के लिये वर्षा और मिट्टी की नमी अपर्याप्त होती है की निगरानी करता है।
  • कृषि में सूखे का प्रभाव, विशेष रूप से उष्ण कटिबंध में, इस पद्धति का उपयोग करके सर्दी और गर्मी दोनों फसल मौसमों का आकलन किया जा सकता है।

आवश्यकता

सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP), फसल विविधीकरण, पारंपरिक किस्मों की खेती, मल्चिंग, इंटरक्रॉपिंग, सूक्ष्म सिंचाई इत्यादि को और गहन किया जाना चाहिए।

सूखे के प्रकार

  • मौसम-जनित (वास्तविक वर्षा जलवायु औसत से काफी कम है); 
  • जलीय (सतह के पानी की एक उल्लेखनीय कमी); 
  • कृषि (मिट्टी में नमी कम होने के कारण)

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD):

  • IMD की स्थापना वर्ष 1875 में हुई थी।
  • यह पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी है।
  • यह मौसम संबंधी अवलोकन, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान के लिये गठित एक प्रमुख एजेंसी है।

Question of the Day

प्रश्न 1. एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रम के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा कृषि योग्य बंजर भूमि के वर्षा सिंचित भागों के विकास के लिए एक क्षेत्र विकास कार्यक्रम का कार्यान्वयन किया जा  रहा है।
  2. यह कार्यक्रम चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा वाटरशेड कार्यक्रम है।
  3. इसमें वाटरशेड प्रबंधन पहलों के माध्यम से पारिस्थितिक संतुलन को पुनः बहाल करने की परिकल्पना की गई है।
  4. इसे केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 50:50 के अनुपात में वित्तपोषित किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?

(a) केवल 1 

(b) केवल 1, 2 

(c) केवल 3

(d) केवल 1, 4

उत्तर : (d)

Source: down to Earth


राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन

  • प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) ने नासकॉम और केपीएमजी जैसे अपने नॉलेज पार्टनर्स के सहयोग से 2021 में एक राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन किया था। 
  • यह एक आवधिक मूल्यांकन है जिसका उद्देश्य नागरिकों को ऑनलाइन सेवाओं के वितरण में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार की प्रभावशीलता में सुधार करना है।
  • जारी किए गए मूल्यांकन परिणामों में केंद्रीय मंत्रालयों के पोर्टल में केन्द्रीय गृह मंत्रालय की वेबसाइट को पहला स्थान जबकि केंद्रीय मंत्रालय सेवाओं के पोर्टल में डिजिटल पुलिस पोर्टल को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
  • सभी सरकारी पोर्टल जिनका मूल्यांकन किया गया उन्हें दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया गया था-
    • राज्य/संघशासित प्रदेश/केन्द्रीय मंत्रालय पोर्टल
    • राज्य/संघशासित प्रदेश/केन्द्रीय मंत्रालय सेवाओं के पोर्टल
  • मूल्यांकन के चार मुख्य मापदंड थे:-
    • पहुंच
    • सामग्री उपलब्धता
    •  उपयोग में आसानी और सूचना की सुरक्षा
    • केंद्रीय मंत्रालय के पोर्टलों के लिए गोपनीयता
  • केंद्रीय मंत्रालय सेवा पोर्टलों के लिए तीन अतिरिक्त मापदंडों- अंतिम सेवा वितरण, एकीकृत सेवा वितरण और स्थिति व अनुरोध ट्रैकिंग का भी उपयोग किया गया।

NeSDA 2021 का नवीनतम मूल्यांकन:

  • राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पोर्टल की श्रेणी में समूह A राज्यों में- केरल सबसे आगे रहा और तमिलनाडु ने प्रगति दर्ज की तथा उसके बाद पंजाब का स्थान रहा।
  • समूह B राज्यों में- ओडिशा शीर्ष पर है और उसके बाद उत्तर प्रदेश तथा बिहार का स्थान है।
  • पूर्वोत्तर राज्यों में नगालैंड, मेघालय और असम शीर्ष पर हैं।
  • केंद्रशासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर सबसे ऊपर है, उसके बाद अंडमान तथा निकोबार, पुद्दुचेरी, दिल्ली और चंडीगढ़ का स्थान है।

Question of the Day

प्रश्न 2. केंद्रीय मंत्रालयों के पोर्टल के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण आंकलन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पोर्टल की श्रेणी में समूह A राज्यों में केरल वही समूह B राज्यों में ओडिशा शीर्ष पर है।
  2. प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) ने अपने नॉलेज पार्टनर  फिक्की के सहयोग से राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन किया है। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?

(a) केवल 1 

(b) केवल 2 

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1, न ही 2 

उत्तर : (b)

Source: PIB


अल्फाफोल्ड और प्रोटीन

  • डीपमाइंड टेक्नोलॉजीज (DeepMind Technologies), अल्फाबेट के स्वामित्व वाली AI शोध कंपनी, ने “अल्फाफोल्ड” नामक एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरण विकसित किया है। 
  • यह उपकरण सभी प्रोटीन त्रि-आयामी संरचनाओं की भविष्यवाणी और प्रकाशन करता है, जो जीवन के निर्माण खंड हैं। 
  • इस प्रकार, यह उपकरण जैविक अनुसंधान के लिए सबसे प्रभावशाली डेटाबेस को अनलॉक करता है।

मुख्य बिंदु 

  • अल्फाफोल्ड ने यूरोपीय जैव सूचना विज्ञान संस्थान (EMBL-EBI) के सहयोग से 200 मिलियन से अधिक प्रोटीन संरचनाओं की संरचनाएं जारी की हैं।
  • इसमें पौधों, जानवरों, बैक्टीरिया और जीवों के लिए अनुमानित संरचनाएं शामिल हैं।
  • यह रिलीज शोधकर्ताओं के लिए खाद्य असुरक्षा, स्थिरता और उपेक्षित बीमारियों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने काम को बढ़ावा देने के लिए अल्फाफोल्ड का उपयोग करने के कई नए अवसर खोलती है।

अल्फाफोल्ड

  • अल्फाफोल्ड एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उपकरण है जो प्रोटीन संरचना की भविष्यवाणी करता है।
  • यह डीप न्यूरल नेटवर्क नामक कंप्यूटर प्रणाली पर आधारित है।
  • न्यूरल नेटवर्क बड़ी मात्रा में ठीक उसी प्रकार इनपुट डेटा का उपयोग कर वांछित आउटपुट प्रदान करते हैं, जैसे मानव मस्तिष्क कार्य करता है।

अनुप्रयोग

  • मानव रोगों को समझने के लिये प्रोटीन संरचना और उसके कार्य को जानना आवश्यक है।
  • प्रोटीन आमतौर पर एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफी, परमाणु चुंबकीय अनुनाद स्पेक्ट्रोस्कोपी या क्रायोजेनिक इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी का उपयोग करके संरचित होते हैं।
  • इन तकनीकों में अक्सर वर्षों लग जाते हैं और ये मुख्य रूप से परीक्षण-और-त्रुटि विधियों पर आधारित होती हैं।
  • अल्फाफोल्ड प्रोटीन संरचना की प्रक्रिया को आसान बनाता है।

Question of the Day

प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. प्रोटीन शरीर की संरचना तय करने में मदद करता है और वृद्धि, प्रजनन और उपचार के लिए कोशिका विभाजन में शामिल होता है।
  2. मानव शरीर में 2000 अमीनो एसिड के विभिन्न संयोजनों द्वारा निर्मित लगभग 100,000 विभिन्न प्रोटीन होते हैं।
  3. मानव शरीर प्रोटीन को स्टोर नहीं कर सकता, प्रोटीन लगातार टूटता है और प्रतिस्थापित हो जाता है। 

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 

(b) केवल 2, 3

(c) केवल 2, 3

(d) 1 और 3

उत्तर : (d)

Source: The Hindu


जीन थेरेपी की प्रभावकारिता

हाल ही में "सीक्रेशन ऑफ फंक्शनल अल्फा-1 एंटीट्रिप्सिन इज़ सेल टाइप डिपेंडेंट शीर्षक से एक अध्ययन प्रकाशित किया गया है, जो दर्शाता है कि शरीर में प्रोटीन विनियमन नेटवर्क को बदलकर आनुवंशिक रोगों के इलाज में मदद करके जीन थेरेपी की प्रभावकारिता को बढ़ाया जा सकता है।

जीन थेरेपी

  • जीन थेरेपी एक मरीज के DNA (डीऑक्सी-राइबो न्यूक्लिक एसिड) में त्रुटि के स्रोत को ठीक करके आनुवंशिक रोगों का इलाज करने का एक तरीका है।
  • जीन थेरेपी तकनीक डॉक्टरों को दवाओं या सर्जरी का उपयोग करने के बजाय किसी व्यक्ति के आनुवंशिक मेकअप को बदलकर एक विकार का इलाज करने की अनुमति देती है।
  • एक हानिरहित वायरल या बैक्टीरियल वेक्टर का उपयोग रोगी की कोशिकाओं में सुधारात्मक जीन को ले जाने के लिये किया जाता है, जहाँ जीन रोग के इलाज़ हेतु आवश्यक प्रोटीन का उत्पादन करने के लिये कोशिका को निर्देशित करता है।

जीन थेरेपी की प्रारंभिक विधि:

  • एक बीमारी से लड़ने में मदद करने के लिए कोशिकाओं में एक नया जीन जोड़ना।
  • रोग का कारण बनने वाली परिवर्तित प्रति के लिए उत्तरदायी जीन की एक गैर-दोषपूर्ण प्रतिलिपि को जोड़ना।
  • बाद के अध्ययनों से जीन थेरेपी तकनीकों में प्रगति हुई। एक नई तकनीक, जिसे जीनोम एडिटिंग कहा जाता है (जिसका एक उदाहरण CRISPR-Cas9 है), आनुवंशिक अंतर को ठीक करने के लिए एक अलग दृष्टिकोण का उपयोग करता है। 
  • कोशिकाओं में नई आनुवंशिक सामग्री को पेश करने के बजाय, जीनोम संपादन सेल में मौजूदा डीएनए को बदलने के लिए आणविक उपकरण पेश करता है।
  • जीन थेरेपी का उपयोग जन्मजात अमोरोसिस नामक नेत्र विकार और स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक एक मांसपेशी विकार जैसे बीमारियों के इलाज के लिए किया जा रहा है।

Question of the Day

प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. अल्फा -1 एंटीट्रिप्सिन एक ऐसी स्थिति है जिसमें यकृत कोशिकाएँ पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन AAT बनाने में असमर्थ होती हैं।
  2. प्रोटियोस्टेसिस वह प्रक्रिया है जो कोशिका के भीतर प्रोटीन को नियंत्रित करती है।
  3. माँसपेशियों में इंजेक्ट की गई जीन थेरेपी अन्य मार्गों से शरीर में प्रवेश करने की तुलना में अधिक सुलभ हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 

(b) केवल 2, 3

(c) केवल 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर : (d)

Source: The Hindu Science


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