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शॉर्ट न्यूज़ : 03 फरवरी , 2023

शॉर्ट न्यूज़ : 03 फरवरी , 2023


अतिरिक्त निगरानी उपाय (Additional Surveillance Measure )

इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग और फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर


अतिरिक्त निगरानी उपाय (Additional Surveillance Measure )

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने 3 फरवरी, 2023 से अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पोर्ट्स और अंबुजा सीमेंट्स नाम के तीन शेयरों को अतिरिक्त निगरानी उपाय (ASM) ढांचे के तहत रखा।

अतिरिक्त निगरानी उपाय (ASM)

  • अत्यधिक अस्थिर शेयरों की निगरानी के लिए भारतीय बाजार नियामक सेबी और एक्सचेंजों द्वारा  2018 में जोखिम नियंत्रण और निगरानी उपाय के रूप में अतिरिक्त निगरानी उपाय (एएसएम) को लाया गया था।
  • यह बाजार की अखंडता को बढ़ाने और निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एक पहल है। 
  • स्टॉक  को निगरानी हेतु ASM के तहत रखा जाता हैइसे एक्सचेंज, निवेशकों को असामान्य मूल्य परिवर्तनों पर नजर रखने के लिए चेतावनी के रूप में प्रदर्शित करते हैं।
  • ASM के तहत स्टॉक्स की निगरानी अस्थिरता और कीमतों में उतार-चढ़ाव जैसे कारकों के लिए की जाती है। इसके तहत 90 दिनों तक स्टॉक्स की निगरानी की जाती है। 
  • शॉर्टलिस्ट किए गए शेयरों की निगरानी पूर्व-निर्धारित वस्तुनिष्ठ मानदंडों पर की जाती है और मानदंड संतुष्ट होने के बाद उन्हें ट्रेड फॉर ट्रेड सेगमेंट में ले जाया जाता है।
  • ASM में रखी जाने वाली प्रतिभूतियों को शॉर्टलिस्ट करने के मानदंड में निम्नलिखित पैरामीटर शामिल हैं:
    • उच्च निम्न भिन्नता
    • ग्राहक एकाग्रता
    • निकट-से-निकट मूल्य परिवर्तन
    • बाजार पूंजीकरण
    • वॉल्यूम भिन्नता
    • वितरण प्रतिशत
    • अद्वितीय पैन की संख्या
    • मूल्य से आय (पीई) अनुपात

ASM

  • जब ASM के तहत रखा जाता है, तो संपूर्ण ट्रेडेड वैल्यू मार्जिन के रूप में ब्लॉक हो जाएगी, यानी इंट्राडे लीवरेज नहीं दिया जाता है।
  • एएसएम के तहत शेयरों को गिरवी नहीं रखा जा सकता है
  • एएसएम के तहत स्टॉक रखे जाने पर कॉर्पोरेट कार्रवाइयां, जैसे बोनस और लाभांश प्रभावित नहीं होते हैं।
  • हालांकि, अगर किसी व्यक्ति ने एएसएम के तहत स्थानांतरित किए गए स्टॉक को पहले ही गिरवी रख दिया है, तो वे उस स्टॉक के लिए संपार्श्विक मार्जिन प्राप्त करना बंद कर देंगे। 
  • ऐसे मामले में, एएसएम से बाहर निकाले जाने तक स्टॉक को गिरवी नहीं रखा जा सकता है या बिना संपार्श्विक के रखा जा सकता है।

इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग और फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर

संदर्भ 

  • हाल ही में अदानी ग्रुप ने अपने फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को वापस लेने की घोषणा की।

IPOS

फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर

  • जब कोई कंपनी IPO के बाद दूसरी बार अतरिक्त शेयर्स की सार्वजनिक बिक्री करती है तो उसे FPO कहा जाता है। 
  • ऐसी कंपनी पहले से शेयर बाजार में लिस्टेड होती है, वह निवेशकों के लिए नए शेयर ऑफर करती है ये बाजार में मौजूद स्टॉक्स से अलग होते हैं। 
  • कंपनियां आमतौर पर इक्विटी बढ़ाने या कर्ज कम करने के लिए एफपीओ की घोषणा करती हैं।
  • दो मुख्य प्रकार के एफपीओ होते हैं- 
    • मिश्रित अर्थात् नए शेयर जोड़े जाते हैं। 
    • गैर-विघटित-अर्थात् मौजूदा निजी शेयर सार्वजनिक रूप से बेचे जाते हैं।
  • एट-द-मार्केट ऑफरिंग (ATM) एक प्रकार का एफपीओ है जिसके द्वारा एक कंपनी पूंजी जुटाने के लिए आम तौर पर प्रचलित बाजार मूल्य के आधार पर किसी भी दिन द्वितीयक सार्वजनिक शेयरों को जारी कर सकती है।

इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO)

  • जब कोई कंपनी पूंजी जुटाने के लिये प्राथमिक बाज़ार में पहली बार प्रतिभूतियों की सार्वजनिक रूप से बिक्री करती है तो इस प्रक्रिया को इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) कहते हैं। 
  • इसे न्यू इश्यू मार्किट के रूप में भी जाना जाता है।
  • आई.पी.ओ. जारी करने के साथ ही कोई कंपनी सार्वजनिक कंपनी बन जाती है, जिसमें व्यक्तिगत निवेशकों से लेकर संस्थागत निवेशकों की भी हिस्सेदारी होती है।
  • भारत में कोई कंपनी सेबी (SEBI) के माध्यम से ही आई.पी.ओ. ला सकती है, इसके लिये इसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लिये आवश्यक शर्तों का पालन करना होता है।
  • इसके अंतर्गत केवल वही कंपनियाँ आई.पी.ओ. जारी कर सकती हैं जिनकी न्यूनतम पेड-अप कैपिटल 10 करोड़ हो।
  • कोई कंपनी जितने शेयरों की बिक्री करना चाहती है यदि निवेशक उससे अधिक शेयरों की बोली लगा देते हैं तो आई.पी.ओ. को ओवरसबस्क्राइबड माना जाता है।

आई.पी.ओ. के लाभ

  • आई.पी.ओ. के माध्यम से किसी कंपनी को अपने विस्तार हेतु पूंजी जुटाने में मदद मिलती है तथा कंपनी का कारोबार बढ़ता है।
  • सामान्य निवेशकों के लिये आई.पी.ओ. के माध्यम से निवेश करना आसान होता है।
  • आई.पी.ओ. के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का प्रयोग कंपनी नए पूंजीगत उपकरणों तथा आधारभूत ढाँचे में निवेश के लिये करती है।

FPOS


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