शॉर्ट न्यूज़: 07 जनवरी, 2021
शेंगेन क्षेत्र
फ्लू गैस डी-सल्फराइज़ेशन
शेंगेन क्षेत्र
संदर्भ
ब्रिटेन द्वारा हाल ही में यूरोपीय संघ छोड़ने और लिस्बन संधि के अनुच्छेद 50 को लागू करने के कारण शेंगेन क्षेत्र चर्चा में रहा।
प्रमुख बिंदु
- शेंगेन मुख्यतः यूरोप के पासपोर्ट मुक्त क्षेत्र को कहते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा वीज़ा मुक्त यात्रा क्षेत्र (वीजा फ्री ट्रैवल एरिया) भी है।
- वस्तुतः शेंगेन समझौते के कारण यूरोप के शेंगेन क्षेत्र का निर्माण हुआ, जिसमें यूरोप की आंतरिक सीमा के अवरोधों को काफी हद तक समाप्त कर दिया गया।
- 14 जून 1985 को, तत्कालीन यूरोपीय आर्थिक समुदाय के दस सदस्य देशों में से पाँच ने, लक्ज़मबर्ग के शेंगेन शहर में इस पर हस्ताक्षर किये थे।
- शेंगेन समझौते के द्वारा निर्मित शेंगेन क्षेत्र वर्तमान में 25 यूरोपीय देशों का संयुक्त क्षेत्र है, जिन्होंने आधिकारिक तौर पर अपनी पारस्परिक सीमाओं पर पासपोर्ट और अन्य सभी प्रकार के सीमा नियंत्रण को समाप्त कर दिया है।
- वस्तुतः शेंगेन नियमों को 1999 में एम्स्टर्डम समझौते द्वारा यूरोपीय संघ(EU) के क़ानून में शामिल किया गया गया, हालाँकि इस क्षेत्र में आधिकारिक तौर पर तीन गैर-यूरोपीय संघ देश आइसलैंड, नॉर्वे, स्विटज़रलैंड भी शामिल हैं तथा इनके अलावा तीन सूक्ष्म यूरोपीय देश मोनाको, सैन मरीनो और वेटिकन सिटी भी शामिल हैं। बुल्गारिया, साइप्रस, और रोमानिया को छोड़कर सभी देशों ने इसे पहले से ही लागू कर लिया है।
फ्लू गैस डी-सल्फराइज़ेशन
संदर्भ
हाल ही में, ऊर्जा मंत्रालय ने तापीय शक्ति संयंत्रों (Thermal Power Plants) हेतु उत्सर्जन मानदंडों को अपनाने के लिये निर्धारित समयसीमा को आगे बढ़ा दिया है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्र सरकार ने इन संयंत्रों के लिये उत्सर्जन मानकों के पालन हेतु फ्लू गैस डी-सल्फराइज़ेशन (FGD) इकाइयों को स्थापित करने के लिये वर्ष 2017 की समयसीमा निर्धारित की थी।
- एफ.जी.डी. इकाईयों को स्थापित करने का उद्देश्य थर्मल पावर प्लांटों से विषाक्त सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) को पृथक कर वायु की गुणवत्ता में वृद्धि करना है।
- हालाँकि बाद में इस समयसीमा को विभिन्न क्षेत्रों के लिये (अलग-अलग समयसीमा के साथ) वर्ष 2022 तक बढ़ा दिया था।
- नवीनतम प्रस्ताव के अनुसार अभी आगामी समयसीमा निर्धारित नहीं की गयी है।
फ्लू गैस डी-सल्फराइज़ेशन (FGD)
- जीवाश्म ईंधन आधारित थर्मल प्लांटों तथा उत्सर्जक प्रक्रियायों में दहन के कारण निष्कासित सल्फर डाइऑक्साइड (SO2 ) तथा अन्य गैसीय प्रदूषकों को पृथक करने या उपचारित करने की प्रक्रिया फ्लू गैस डी-सल्फराइज़ेशन कहलाती है।
- एफ.जी.डी. प्रक्रिया में आर्द्र स्क्रबिंग (Wet Scrubbing) तथा ड्राई स्क्रबिंग (Dry Scrubbing) शामिल होती हैं।
- आर्द्र स्क्रबिंग के अंतर्गत फ्लू गैसों को एक अवशोषक के संपर्क में लाया जाता है। यह अवशोषक तरल या ठोस सामग्री का घोल होता है, SO2 तथा अन्य गैसीय प्रदूषक इस अवशोषक में घुल जाते हैं।
- ड्राई स्क्रबिंग में भी अवशोषण की प्रक्रिया होती है, जिसमें अवशोषक के रूप में चूना पत्थर के पाउडर का प्रयोग किया जाता है।
- एफ.जी.डी. तकनीक गैसीय प्रदूषकों का उपचार कर वायु प्रदूषण की रोकथाम में प्रभावी योगदान देती है।