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शॉर्ट न्यूज़: 07 जून, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 07 जून, 2022


पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में एम.एस.एम.ई. को प्रोत्साहन 

ग्रेटर पन्ना भूदृश्य के लिये एकीकृत भूदृश्य प्रबंधन योजना


पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में एम.एस.एम.ई. को प्रोत्साहन 

चर्चा में क्यों

हाल ही में, केंद्र सरकार ने केंद्रीय क्षेत्र की योजना ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को प्रोत्साहन’ के लिये नए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी है। 

योजना के बारे में 

  • यह योजना 15वें वित्त आयोग की अवधि (2021-22 से 2025-26) के दौरान लागू की जाएगी। इसके तहत केंद्र सरकार की वित्तीय सहायता 90% होगी।
  • इस योजना की परिकल्पना पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में एम.एस.एम.ई. के लिये उत्पादन और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के साथ-साथ इनके क्षमता निर्माण को ध्यान में रखते हुए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिये की गई है। 

योजना के घटक 

नए प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना और मौजूदा केन्द्रों का आधुनिकीकरण

इस योजना में नए प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना और मौजूदा केंद्रों के आधुनिकीकरण के लिये राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की परिकल्पना की गई है। पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में उपलब्ध फलों, मसालों, कृषि, वानिकी, रेशम उत्पादन, बांस आदि प्राकृतिक संसाधनों के लिये विनिर्माण, परीक्षण, पैकेजिंग, अनुसंधान एवं विकास, उत्पाद एवं प्रक्रिया नवाचारों तथा प्रशिक्षण से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।  

नए और मौजूदा औद्योगिक संपदाओं का विकास

इस योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा नए एवं मौजूदा औद्योगिक संपदाओं (Industrial Estates), फ्लैट युक्त फैक्ट्री परिसरों के विकास के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जायेगी। 

पर्यटन क्षेत्र का विकास

इस योजना के तहत होम स्टे के एक समूह में रसोई, बेकरी, लॉन्ड्री एवं ड्राई क्लीनिंग, रेफ्रिजरेशन एवं कोल्ड स्टोरेज, सूचना एवं प्रौद्योगिकी अवसंरचना, पीने योग्य पानी, स्थानीय उत्पादों के लिये डिस्प्ले सेंटर, सांस्कृतिक गतिविधियों के केंद्र आदि सामान्य सेवाओं के निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा।


ग्रेटर पन्ना भूदृश्य के लिये एकीकृत भूदृश्य प्रबंधन योजना

चर्चा में क्यों

हाल ही में, जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने ग्रेटर पन्ना भूदृश्य के लिये एकीकृत भूदृश्य प्रबंधन योजना (Integrated Landscape Management Plan For Greater Panna Landscape) की अंतिम रिपोर्ट जारी की है। इस योजना को भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) ने केन-बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में तैयार किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस योजना में बाघ, गिद्ध और घड़ियाल जैसी प्रमुख प्रजातियों के बेहतर आवास संरक्षण और प्रबंधन के लिये प्रावधान किया गया हैं। 
  • यह जैव विविधता संरक्षण एवं वन आश्रित समुदायों के लिये समग्र रूप से भूदृश्य को समेकित करने की योजना है।  
  • इससे मध्य प्रदेश के ‘नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य’ और ‘दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य’ तथा उत्तर प्रदेश में ‘रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य’ के साथ संपर्क को मजबूत करके इस भूदृश्य में बाघ रखने की क्षमता में वृद्धि की जा सकेगी।

केन-बेतवा लिंक परियोजना

  • इस लिंक परियोजना के लिये केंद्रीय जल मंत्री तथा मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच मार्च 2021 में समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था, जिसके कार्यान्वयन के लिये दिसंबर, 2021 में भारत सरकार ने मंजूरी दी थी।
  • यह परियोजना केंद्र सरकार द्वारा संचालित नदियों को जोड़ने वाली एक प्रमुख परियोजना है। इस परियोजना के माध्यम से नदियों को जोड़कर पानी को इसके अधिशेष वाले क्षेत्रों से कमी वाले या सूखाग्रस्त क्षेत्रों तक पहुँचाया जाएगा। 
  • इस परियोजना से दोनों राज्यों में विस्तृत मध्य प्रदेश और उत्‍तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। इससे मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन तथा उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर ज़िलों को लाभ मिल सकेगा।

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