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शॉर्ट न्यूज़: 08 जुलाई, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 08 जुलाई, 2022


सोने पर आयात शुल्क में वृद्धि 

इसरो का पोएम प्लेटफ़ॉर्म

एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक-2022


सोने पर आयात शुल्क में वृद्धि 

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, केंद्र सरकार ने सोने पर आयात शुल्क 10.75% से बढ़ाकर 15% कर दिया गया है।

प्रमुख बिंदु

पूर्व में स्वर्ण पर मूल सीमा शुल्क 7.5% था, जो अब 12.5% हो गया है। 2.5% के कृषि अवसंरचना विकास उपकर (AIDC) के साथ ही सोने पर प्रभावी सीमा शुल्क 15% हो जाएगा।

कारण 

  • सोने के आयात में अचानक उछाल आया है। मई में कुल 107 टन सोने का आयात किया गयाजून माह में भी आयात की मात्रा अत्यधिक थी। 
  • सोने के आयात में वृद्धि से चालू खाता घाटे पर दबाव बढ़ रहा है। अत: स्वर्ण आयात पर अंकुश लगाने के लिये सोने पर आयात शुल्क में वृद्धि की गई है।

इसरो का पोएम प्लेटफ़ॉर्म

संदर्भ

हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पी.एस.एल.वी.-सी53 (PSLV-C53) मिशन से सिंगापुर के तीन उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है। साथ ही, पी.एस.एल.वी. ऑर्बिटल प्रायोगिक मॉड्यूल (PSLV Orbital Experimental Module: POEM) को भी सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है।

क्या है पी.ओ.ई.एम.

  • पी.ओ.ई.एम. एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) के अंतिम चरण (PS4) को एक प्रायोगिक प्लेटफॉर्म में बदल देगा।
  • पी.एस.एल.वी. एक चार चरणों वाला रॉकेट है, जिसके पहले तीन चरण वापस समुद्र में गिर जाते हैं, वहीं अंतिम चरण उपग्रह को कक्षा में लॉन्च करने के पश्चात् अंतरिक्ष अपशिष्ट के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
  • पी.एस.एल.वी.-सी 53 मिशन के अंतिम एवं चौथे चरण को एक स्थिर मंच (Stabilised Platform) के रूप में उपयोग किया जाएगा। यह चरण पृथ्वी की परिक्रमा करेगा तथा प्राथमिक मिशन के बाद यह कक्षा में कुछ परीक्षण करेगा।

पी.ओ.ई.एम. की स्थिरता एवं जीवनकाल

  • इसरो के अनुसार, पी.ओ.ई.एम. में चौथे चरण के स्थिरीकरण के लिये एक समर्पित नेविगेशन मार्गदर्शन और नियंत्रण (Navigation Guidance and Control: NGC) प्रणाली प्रयोग की गई है, जो निर्धारित सीमा के भीतर इसके झुकाव को नियंत्रित करेगा। 
  • एन.जी.सी. निर्दिष्ट सटीकता के साथ इसे स्थिर करने के लिये प्लेटफ़ॉर्म के मस्तिष्क के रूप में कार्य करेगा।
  • इस चरण में लगे सोलर पैनल एवं ली-आयन बैटरी से यह अपनी ऊर्जा प्राप्त करेगा। यह चार सन सेंसर, एक मैग्नेटोमीटर और नाविक (NavIC) का उपयोग कर नेविगेशन भी करेगा।  
  • यह हीलियम गैस भंडारण का उपयोग कर समर्पित नियंत्रण प्रणोदक (Control Thrusters) रखता है। यह दूरसंचार सुविधा से भी युक्त है।

इसरो द्वारा पी.एस.4 रॉकेट का पूर्व में परीक्षण

  • इसरो ने पहली बार वर्ष 2019 में पी.एस.एलवी.-सी 44 मिशन के साथ पी.एस.4 को ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म के रूप में उपयोग करने की क्षमता का प्रदर्शन किया था। इस मिशन के चौथे चरण को अंतरिक्ष आधारित प्रयोगों के लिये एक कक्षीय मंच के रूप में रखा गया था।  
  • उस मिशन में चौथे चरण में ली-आयन बैटरी का उपयोग किया गया था,जबकि  इस बार ली-आयन बैटरी के साथ सौलर पैनल का भी उपयोग किया गया है। 

एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक-2022

चर्चा में क्यों

हाल ही में, केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act : NFSA) के कार्यान्वयन पर एक सूचकांक जारी किया। 

प्रमुख बिंदु

सामान्य श्रेणी के क्षेत्र

  • एन.एफ़.एस.ए. के कार्यान्वयन के संदर्भ में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक-2022’ में सामान्य श्रेणी के राज्यों में ओडिशा (0.836) शीर्ष पर है, इसके बाद उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश का स्थान है।
  • इसमें गुजरात चौथे स्थान पर है। इसके बाद दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव, मध्य प्रदेश तथा बिहार का स्थान है।

विशेष श्रेणी के क्षेत्र 

  • इस रैंकिंग में विशेष श्रेणी में पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों और द्वीपीय राज्यों को शामिल किया गया है। इसमें त्रिपुरा को प्रथम स्थान दिया गया है। दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश: हिमाचल प्रदेश और सिक्किम हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार इन क्षेत्रों में लॉजिस्टिक सीमाओं के बावजूद इन्होंने सामान्य श्रेणी के राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा में उच्च स्तर की उपलब्धि प्रदर्शित की है।

अन्य बिंदु 

  • यह सूचकांक एन.एफ.एस.ए. के कार्यान्वयन की प्रभावशीलता को मुख्यत: लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के तहत संचालन एवं पहल के माध्यम से मापता है।
  • यह सूचकांक केवल टी.पी.डी.एस. संचालन दक्षता को प्रदर्शित करता है और किसी विशेष राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में भूख या कुपोषण स्तर को नहीं दर्शाता है।


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