शॉर्ट न्यूज़: 12 जनवरी, 2021
लीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर (LEI) प्रणाली
लीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर (LEI) प्रणाली
संदर्भ
हाल ही में, रिज़र्व बैंक ने रियलटाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) तथा नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) के द्वारा 50 करोड़ और उससे अधिक के सभी भुगतान एवं लेनदेन के लिये लीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर (LEI) नामक प्रणाली के शुरुआत की घोषणा की है।
मुख्य बिंदु
- यह प्रणाली आगामी 1 अप्रैल से प्रभावी हो जाएगी।
- रिज़र्व बैंक द्वारा इस प्रणाली को वित्तीय लेनदेन में बेहतर जोख़िम प्रबंधन के लिये एवं गुणवत्ता और प्रभावशीलता में सुधार लाने के उद्देश्य से प्रयोग में लाया जाएगा।
- इस प्रणाली के अंतर्गत, बैंकों को अपने भुगतान संदेशों में प्रेषक एवं लाभार्थी की जानकारी को शामिल करना होगा।
- यह प्रणाली बैंकों के बड़े लेनदेन पर नज़र रखने में भी सहायक होगी।
लीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर (Legal Entity Identifier - LEI)
- लीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर (LEI) 20-अंकों की यूनीक संख्या होती है, जिसका प्रयोग विश्व भर में वित्तीय लेनदेन के लिये तथा पार्टियों/लीगल एंटिटी की पहचान करने के लिये किया जाता है।
- रिज़र्व बैंक ने बड़े पैमाने पर कर्ज़ लेने वालों तथा नॉन-डेरीवेटिव मार्केट्स के साथ ही बड़े कॉर्पोरेट उधारकर्ताओं के लिये भी LEI को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया है।
- भारत में LEI, कोलीगल एंटिटी आइडेंटिफ़ायर इंडिया लिमिटेड (LEIL) से प्राप्त किया जा सकेगा। LEIL भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 के तहत LEI को जारी करती है।
- LEIL, भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (Clearing Corporation of India Ltd - CCIL)के पूर्ण स्वामित्व वाली एक सहायक कंपनी है।
- भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भारत में वैश्विक स्तर की कानूनी पहचानकर्ता इकाई जारी करने के लिये ‘भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड’ को वर्ष 2014 में अधिकृत किया गया था।
भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (CCIL)
- CCIL की स्थापना अप्रैल, 2001 में धन, सरकारी प्रतिभूतियों, विदेशी मुद्रा आदि में में लेनदेन के लिए गारंटीकृत समाशोधन और निपटान कार्यों के लिये की गई थी।
- CCIL वैश्विक LEI प्रणाली के ‘नियामक निरीक्षण समिति’ द्वारा मान्यता प्राप्त है और इसके द्वारा जारी विशिष्ट पहचान कोड वैश्विक स्तर पर मान्य होता है।