शॉर्ट न्यूज़: 15 जुलाई, 2022
तमिलनाडु में थेरी मरुस्थल
स्वनिधि महोत्सव
होक्स जीन
तमिलनाडु में थेरी मरुस्थल
चर्चा में क्यों
तमिलनाडु में लाल रेत वाले रेगिस्तान 'थेरी' (कुथिराइमोझी थेरी) में हुए पेट्रोग्राफिकल अध्ययन (पेट्रोग्राफी चट्टानों की संरचना और गुणों का अध्ययन) एवं एक्स-रे विवर्तन विश्लेषण के माध्यम से भारी और हल्के खनिजों की उपस्थिति का पता लगाया गया है।
![theri-deser](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//theri-deser.jpg)
थेरी मरुस्थल
- तमिलनाडु राज्य के दक्षिण-पूर्वी भाग में बंगाल की खाड़ी की ओर स्थित तटरेखा पर थूथुकुडी ज़िले में स्थित इस मरुस्थल में लाल रेत के टीले हैं। लाल टीलों को तमिल में 'थेरी' कहा जाता है।
- पेट्रोग्राफी के अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि इस क्षेत्र में निम्नलिखित भारी और हल्के खनिजों की उपस्थिति है –
- इल्मेनाइट (Ilmenite)
- मैग्नेटाइट (Magnetite)
- रूटाइल (Rutile)
- गार्नेट (Garnet)
- जिक्रोन (Zircon)
- डायोपसाइड (Diopside)
- टूमलाइन (Tourmaline)
- हेमेटाइट (Hematite)
- गोएथाइट (Goethite)
- क्यानाइट (Kyanite)
- क्वार्ट्ज (Quartz)
- फेल्ड्सपर (Feldspar)
- बायोटाइट (Biotite)
- अध्ययन में पाया गया कि रेत में मौजूद आयरन से भरपूर भारी खनिज (जैसे इल्मेनाइट, मैग्नेटाइट, गार्नेट और रूटाइल) सतह के पानी से निक्षालित हो गए थे, जो अनुकूल अर्ध-शुष्क जलवायु परिस्थितियों में ऑक्सीकृत हो गए। यहीं कारण है कि इनका रंग लाल हो गया है।
निर्माण प्रक्रिया
- क्षेत्र के लिथोलॉजी (चट्टानों की सामान्य भौतिक विशेषताओं का अध्ययन) से पता चलता है कि यह क्षेत्र अतीत में एक पैलियो (प्राचीन) तट रहा होगा। यहाँ के कई स्थानों पर चूना पत्थर की उपस्थिति समुद्री अतिक्रमण का संकेत देती है।
- यह लाल रेत मई-सितंबर माह के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसूनी पवनों द्वारा नांगुनेरी क्षेत्र के मैदानी भागों में लाल दोमट से युक्त क्षेत्र से लाई जाती है।
- दक्षिण-पश्चिम मानसूनी पवनें, महेंद्रगिरि पहाड़ी एवं पश्चिमी घाटों के अरालवैमोझी अंतराल (इस क्षेत्र से लगभग 75 किलोमीटर दूर) को पार करने के पश्चात् शुष्क हो जाती हैं तथा तलहटी में मैदानी इलाकों से टकराती हैं, जहाँ वनस्पति अत्यधिक विरल है।
स्वनिधि महोत्सव
चर्चा में क्यों
हाल ही में, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की सफलता का जश्न मनाने के लिये एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के रूप में ‘स्वनिधि महोत्सव’ का आयोजन कर रहा है।
प्रमुख बिंदु
- मंत्रालय द्वारा देश के 33 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 75 शहरों में 09 जुलाई से 31 जुलाई, 2022 तक इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
- यह महोत्सव लाभार्थी स्ट्रीट वेंडरों की विकास गाथा और भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को पहचानने का त्योहार है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना
- रेहड़ी-पटरी वालों (स्ट्रीट वेंडरों) को कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा देने के लिये 1 जून, 2020 को पीएम स्वनिधि योजना को शुरू किया गया।
- इस योजना का उद्देश्य उन छोटे उद्यमियों के व्यवसायों को फिर से शुरू करने के लिये आर्थिक सहायता प्रदान करना था जो कोविड-19 महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुए थे।
- यह योजना रेहड़ी-पटरी वालों के वित्तीय समावेशन का पहला व्यापक प्रयास है। इस योजना से पूर्व रेहड़ी-पटरी वाले पूंजी के लिये उच्च ब्याज दरों पर ऋण देने वाले अनौपचारिक माध्यमों पर निर्भर थे।
होक्स जीन
चर्चा में क्यों
हाल ही में, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कृत्रिम होक्स जीन का निर्माण किया है।
प्रमुख बिंदु
- ये जीन स्टेम कोशिकाओं में सिंथेटिक डी.एन.ए. तकनीक और जीनोमिक इंजीनियरिंग का उपयोग करके कोशिकाओं को ऊतकों या अंगों में विकसित करने की योजना बनाने एवं निर्देशित करने में सहायक होंगे।
- कृत्रिम डीएनए और कृत्रिम हॉक्स जीन का निर्माण करके पशु विकास और मानव रोगों पर भविष्य के अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त किया जा सकेगा।
क्या है होक्स जीन
- मनुष्यों से लेकर सभी सभी जानवरों में एक अग्र-पश्च अक्ष (Anterior-Posterior Axis) होता है। यह एक रेखा है जो सिर से लेकर शरीर के निचले हिस्से तक जाती है।
- गर्भावधि चरण में होक्स जीन आर्किटेक्ट के रूप में कार्य करते हैं और निर्देशित करते हैं कि कोशिकाएं अक्ष के साथ कहाँ और शरीर में कौन से अंग बनाएँ।
- ये जीन सुनिश्चित करते हैं कि शरीर में अंग और ऊतक सही स्थान पर विकसित हों।
- यदि हॉक्स जीन गलत नियमन या उत्परिवर्तन के माध्यम से विफल हो जाते हैं, तो कोशिकाएँ नष्ट हो सकती हैं, परिणामस्वरुप केंसर, जन्म दोष एवं गर्भपात आदि घटनाएँ घटित हो सकती हैं।
- विदित है कि शरीर विज्ञान में महत्त्वपूर्ण स्थान रखने के बावजूद सामान्य जीन की तुलना में होक्स जीन का अध्ययन बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण है।