शॉर्ट न्यूज़: 15 अक्टूबर, 2022
36वें राष्ट्रीय खेल का समापन
अरक्षित विदेशी मुद्रा जोखिम
संसार कोड
36वें राष्ट्रीय खेल का समापन
चर्चा में क्यों
हाल ही में, 36वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन गुजरात में 29 सितंबर से 12 अक्तूबर के मध्य किया गया।
प्रमुख बिंदु
- इन खेलों का पहली बार आयोजन गुजरात में किया गया है। इससे पूर्व 35वें राष्ट्रीय खेलों को केरल में वर्ष 2015 में आयोजित किया गया था।
- इस वर्ष इनका आयोजन गुजरात के छह शहरों अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, वडोदरा, राजकोट और भावनगर में किया गया।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 36वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन किया गया, जबकि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा सूरत में समापन समारोह की अध्यक्षता की गई।
- इस वर्ष मल्लखंब और योगासन जैसे देशी खेलों को भी राष्ट्रीय खेलों के कार्यक्रम में शामिल किया गया है। विदित है कि 37वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन अगले वर्ष गोवा में किया जाएगा।
शुभंकर एवं थीम
![36th-national-games](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//36th-national-games1.jpg)
- 36वें राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर का नाम ‘सवज’ (Savaj) है जो एक एशियाई शेर है। यह एक गुजराती भाषा का शब्द है जिसका अर्थ शावक होता है।
- इन खेलों के लिये राष्ट्र गान की थीम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ है।
- इस संस्करण में 36 प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं में 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 7500 खिलाड़ियों ने भाग लिया।
पदक तालिका
- सेवा खेल नियंत्रण बोर्ड ने 61 स्वर्ण सहित कुल 128 पदकों के साथ लगातार चौथे वर्ष शीर्ष स्थान एवं राजा भालिंद्र सिंह ट्रॉफी को प्राप्त किया।
- महाराष्ट्र ने 39 स्वर्ण सहित 140 पदकों के साथ दूसरा स्थान और हरियाणा ने 38 स्वर्ण सहित कुल 116 पदकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
- इन खेलों में केरल के तैराक साजन प्रकाश ने कुल पांच स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक के साथ सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी का पुरस्कार प्राप्त किया।
- इनमें कर्नाटक की तैराक हाशिका रामचंद्र ने कुल छह स्वर्ण एवं एक कांस्य पदक के साथ सर्वश्रेष्ठ महिला एथलीट का गौरव प्राप्त किया।
अरक्षित विदेशी मुद्रा जोखिम
चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिये अरक्षित विदेशी मुद्रा जोखिम (Unhedged Foreign Currency Exposures : UFCE) पर दिशानिर्देशों को संशोधित एवं समेकित किया है। ये दिशानिर्देश 1 जनवरी, 2023 से लागू होंगे।
प्रमुख बिंदु
- इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य विदेशी मुद्रा बाजार में अत्यधिक उतार-चढ़ाव के कारण किसी इकाई को होने वाले जोखिम को कम करना है।
- अरक्षित विदेशी मुद्रा जोखिम का अर्थ किसी इकाई की बैलेंस शीट पर उन सभी मदों का सकल योग है जिन पर विदेशी मुद्रा दरों में अस्थिरता के कारण जोखिम उत्पन्न होता है।
- आर.बी.आई. ने संस्थाओं द्वारा बैंकों से उधार लिये गए यू.एफ.सी.ई. पर बैंकों को समय-समय पर कई दिशानिर्देश, अनुदेश और निर्देश जारी किये हैं। अब इनका समेकन किया गया है।
वर्तमान चिंताएं
- आर.बी.आई. के अनुसार किसी भी इकाई का अरक्षित विदेशी मुद्रा जोखिम न केवल व्यक्तिगत इकाई बल्कि संपूर्ण वित्तीय प्रणाली के लिये भी चिंता का विषय है।
- जो संस्थाएं अपने विदेशी मुद्रा जोखिम को रक्षित (हेज) नहीं करती हैं, वे विदेशी विनिमय दरों की अस्थिरता की अवधि के दौरान अधिक जोखिम का सामना कर सकती हैं।
- ये जोखिम कंपनी या संस्था की बैंकिंग प्रणाली से लिये गए ऋणों को चुकाने की क्षमता को कम कर सकते हैं, जिससे बैंकिंग प्रणाली प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती है।
संसार कोड
चर्चा में क्यों
रेलवे सुरक्षा बल ने सामाजिक सरोकार अर्थात् ‘संसार’ (SAMAJIK SAROKAR : SAMSAR) कोड के तहत सितंबर माह में अखिल भारतीय स्तर पर कई केंद्रित अभियानों का संचालन किया।
प्रमुख बिंदु
- इसके अंतर्गत रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने अखिल भारतीय स्तर पर ऑपरेशन ‘सेवा, ऑपरेशन डिग्निटी, ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते, मिशन जीवन रक्षा और ऑपरेशन मातृशक्ति का आयोजन किया।
- इस दौरान रेल सुरक्षा बल स्थापना दिवस (20 सितंबर) के विशेष अवसर पर 17 से 20 सितंबर को मेगा रक्तदान कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
ऑपरेशन सेवा
सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के उद्देश्य से आर.पी.एफ. कर्मी बुजुर्ग नागरिकों, महिलाओं एवं दिव्यांगों की सहायता करते हैं तथा उन्हें व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, चिकित्सा सहायता, एम्बुलेंस, शिशु आहार आदि सुविधाएं प्रदान करते हैं।
ऑपरेशन डिग्निटी
ऑपरेशन डिग्निटी के तहत रेलवे सुरक्षा बल ने खोए हुए, अपने घरों से भागे हुए, किसी कारण से विचलित अथवा व्यथित व्यक्तियों की सुरक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
ऑपरेशन नन्हे फरिस्ते
इस अभियान के तहत अपने परिवार से खोए हुए, भागे हुए या अलग हुए बच्चों की पहचान करने और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाती है।
जीवन रक्षा
इसके तहत आर.पी.एफ. कर्मी दूसरों की जान बचाने की खातिर अपने प्राणों को संकट में डालकर भी अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। इस अभियान में चलती ट्रेन से होने वाली दुर्घटनाएं शामिल होती है।
ऑपरेशन मातृशक्ति
विशेषकर आर.पी.एफ. महिला कर्मियों द्वारा ‘ऑपरेशन मातृशक्ति’ के तहत ट्रेन यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ा का सामना करने वाली गर्भवती महिला यात्रियों की सहायता करने का प्रयास किया जाता है।