शॉर्ट न्यूज़ : 16 अप्रैल , 2024
पहाड़िया जनजाति
अनुराग कुमार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के संयुक्त निदेशक नियुक्त
CDP-सुरक्षा प्लेटफार्म
संजय शुक्ला - नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) के नए प्रबंध निदेशक (MD)
लोकेश मुनि को अमेरिकी राष्ट्रपति का गोल्ड वालंटियर सर्विस पुरस्कार
ऑपरेशन मेघदूत
लोंगटे त्योहार
राष्ट्रीय वर्ड पावर चैम्पियनशिप
पहाड़िया जनजाति
- पहाड़िया जनजाति मुख्य रूप से झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में रहते हैं।
- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और ओडिशा में भी इनके बिखरे हुए समूह हैं।
- वे झूम खेती करते हैं, जिसमें कुछ वर्षों तक खेती के लिए वनस्पति जलाकर भूमि साफ़ करना और खेती करना शामिल है।
झारखंड में दो प्रकार पहाड़िया जनजाति हैं-
सोरिया पहाड़िया:
- सौरिया पहाड़िया झारखंड की एक आदिम जनजाति है, जो मुख्य रूप से साहेबगंज, पाकुड़, गोड्डा, दुमका और जामताड़ा जिलों के संथाल परगना क्षेत्र में निवास करती है।
- चन्द्रगुप्त मौर्य (ई.पू. 302) ने भारत भ्रमण के दौरान राजमहल पहाड़ियों के उपनगरों में रहने वाली जंगली आदिम प्रजातियों का उल्लेख माली (मानव) या सौरी के रूप में किया है।
- इस जनजाति की पहचान एक लड़ाकू कबीले के रूप में है, जो अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए सदैव संघर्ष करता रहा है।
- शारीरिक विशेषताएं:
- इस जनजाति का कद छोटा, नाक चौड़ा, कपाल धडया, रंग हल्का भूरा तथा बाल घने एवं लहरदार होते हैं।
- यह जनजाति प्रोटोस्ट्रोलॉइड प्रजातियों को संरक्षित करती है।
- भाषा:
सौरिया पहाड़िया जनजाति माल्टो भाषा बोलती है, जो द्रविड़ भाषा समूह से संबंधित है।
- सामाजिक जीवन:
- सौरिया पहाड़िया जनजाति एक अंतरजातीय जनजाति है, जिनके बीच जनजाति जैसे सामाजिक संगठन का अभाव है।
- इस जनजाति का परिवार पितृसत्तात्मक होता है।
- इनमें एकल परिवार की बहुलता है तथा संयुक्त परिवार कम ही देखने को मिलता है।
- इस जनजाति में करीबी रिश्तेदारों के साथ विवाह संपादित नहीं किया जाता है।
- हालाँकि, गांव में ही शादी करना उनके लिए बुरा नहीं माना जाता है।
- सौरिया पहाड़िया जनजाति के बीच, 'कोडबाह हाट' नामक युवाओं का एक समूह पारंपरिक औपचारिक शिक्षा केंद्र के रूप में काम कर रहा है।
- इसके युवा महिलाओं को सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक शिक्षा देकर उनके निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
- धार्मिक जीवन:
सौरिया पहाड़िया जनजाति में पैतृक पूजा का महत्वपूर्ण स्थान है। यह जनजाति आत्मा के पुनर्जन्म में विश्वास रखती है।
माल पहाड़िया:
- माल पहाड़िया लोग भारत के द्रविड़ जातीय लोग हैं, जो मुख्य रूप से झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों में रहते हैं।
- वे राजमहल पहाड़ियों के मूल निवासी हैं।
- उन्हें पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड की सरकारों द्वारा अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- भाषा:
माल पहाड़िया जनजाति भी माल्टो भाषा बोलती है, जो द्रविड़ भाषा समूह से संबंधित है।
- सामाजिक जीवन:
- इनका समाज पितृसत्तात्मक है, जहाँ पति या वरिष्ठ पुरुष परिवार का मुखिया होता है।
- उनकी शादी और अन्य समारोहों की रस्में बंगाली संस्कृति के अनुकूलन को दर्शाती हैं।
- हालाँकि वे अपने समुदाय के लिए विशिष्ट कुछ अनुष्ठानों का पालन करते हैं।
- वे दिवंगत आत्मा के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए शव से प्राप्त धागे की पूजा करते हैं, जिसे मारुपा पूजा के नाम से जाना जाता है।
- माल पहाड़ी कृषि और वन उपज पर जीवित हैं।
- धार्मिक जीवन:
माल पहाड़िया अपने सौरिया पहाड़िया समकक्षों की तरह धर्मेर गोसाईं नामक एक सूर्य देवता का अनुसरण करते हैं।
अनुराग कुमार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के संयुक्त निदेशक नियुक्त
- हाल ही में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अनुराग कुमार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के संयुक्त निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया।
- इनका कार्यकाल 24 फरवरी 2027 तक रहेगा
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI)
- CBI भारत की प्रमुख जांच एजेंसी है
- यह भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध और आपराधिक मामलों की जांच करती है
- इसे दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 के तहत जांच करने की शक्ति प्राप्त है।
- यह भारत सरकार के कार्मिक, पेंशन और लोक शिकायत मंत्रालय के कार्मिक विभाग के तहत कार्य करती है
- यह भारत में नोडल पुलिस एजेंसी है, जो इंटरपोल सदस्य देशों की ओर से जांच का समन्वय करती है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1963 में की गई थी
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है
संजय शुक्ला - नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) के नए प्रबंध निदेशक (MD)
- हाल ही में संजय शुक्ला को नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) का प्रबंध निदेशक (MD) नियुक्त किया गया है।
नेशनल हाउसिंग बैंक(NHB)
- NHB एक अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (AIFl) है
- इसका स्वामित्व पूर्ण रूप से केंद्र सरकार के पास है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1988 में राष्ट्रीय आवास बैंक अधिनियम, 1987 के तहत की गई थी।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- यह देश में आवास क्षेत्र के लिए शीर्ष वित्तीय संस्था है।
- इसका लक्ष्य आवास वित्त संस्थानों को बढ़ावा देना और ऐसे संस्थानों को वित्तीय और अन्य सहायता प्रदान करना है।
लोकेश मुनि को अमेरिकी राष्ट्रपति का गोल्ड वालंटियर सर्विस पुरस्कार
- हाल ही में, भारत के जैन आध्यात्मिक नेता लोकेश मुनि को अमेरिकी राष्ट्रपति का गोल्ड वालंटियर सर्विस पुरस्कार प्रदान किया गया।
- इन्हें यह पुरस्कार जन कल्याण और मानवता में योगदान के लिए दिया गया
- लोकेश मुनि भारत में अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक हैं।
गोल्ड वालंटियर सर्विस पुरस्कार
- वर्ष 2003 में, अमेरिका के राष्ट्रपति की काउंसिल ऑन सर्विस एंड सिविक एंगेजमेंट द्वारा राष्ट्रपति के गोल्ड वालंटियर सर्विस पुरस्कार की स्थापना की गई थी।
- यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने अमेरिका में कम से कम 500 घंटे की स्वैच्छिक सेवा प्रदान की हो
- इसके पुरस्कार के विजेताओं का चयन अमेरिकॉर्ड्स द्वारा किया जाता है।
- अमेरिकॉर्ड्स अमेरिकी सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है
- यह लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रमों के माध्यम से स्वयंसेवा में संलग्न करती है।
ऑपरेशन मेघदूत
- हाल ही में ऑपरेशन मेघदूत के 40 वर्ष हो गए
- यह ऑपरेशन भारतीय सेना द्वारा सियाचिन ग्लेशियर में चलाया गया था।
- पाकिस्तान ऑपरेशन अबाबील के तहत सियाचिन पर कब्जा करना चाहता था।
- भारतीय सेना ने 13 अप्रैल 1984 को ऑपरेशन मेघदूत चलाकर सियाचिन ग्लेशियर पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित कर लिया।
सियाचिन ग्लेशियर
- सियाचिन ग्लेशियर, हिमालय में पूर्वी काराकोरम रेंज में स्थित है।
- यह विश्व का सबसे ऊँचा युद्धक्षेत्र है।
- यह लगभग 20,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित है।
- यहाँ से नुब्रा नदी निकलती है।
- क्या है सियाचिन विवाद
- भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LOC) को वर्ष 1972 के शिमला समझौते के तहत NJ-9842 बिंदु तक दोनों पक्षों द्वारा स्वीकार किया गया था।
- इसमें सियाचिन ग्लेशियर को अचिह्नित छोड़ दिया गया था।
- भारत वर्ष 1947 के जम्मू और कश्मीर विलय समझौते और वर्ष 1949 के कराची समझौते के आधार पर इस क्षेत्र पर दावा करता है।
- पाकिस्तान कराची युद्धविराम समझौते तथा शिमला समझौते के आधार पर इसे अपना क्षेत्र बताता है।
लोंगटे त्योहार
- हाल ही में, अरुणाचल प्रदेश में लोंगटे त्योहार मनाया गया
- यह त्योहार न्यीशी जनजाति द्वारा मनाया जाता है।
- यह न्यीशी जनजाति के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है
- इसका आयोजन वसंत ऋतु की शुरुआत के समय अप्रैल में किया जाता है।
- यह त्योहार 7 दिनों तक मनाया जाता है।
- इसमें जानवरों की बलि नहीं दी जाती इसीलिए इसे रक्तहीन त्योहार के नाम से भी जाना जाता है।
- यह अरुणाचल प्रदेश का एकमात्र ऐसा त्यौहार है जो आयोजन के दौरान या उसके बाद जानवरों की हत्या पर रोक लगाता है।
- अरुणाचल प्रदेश के अन्य प्रमुख त्योहार लोसर महोत्सव, तोर्ग्या महोत्सव
- साका दावा, दुक्पा त्से-शि आदि हैं।
न्यीशी जनजाति
- न्यीशी जनजाति, अरुणाचल प्रदेश में सबसे बड़ा जातीय समूह है।
- ये अपने साहस और दृढ़ संकल्प के लिए जाने जाते हैं।
- इनका मानना है कि ये अबुतानी के वंशज हैं, और तानी समुदाय का हिस्सा हैं।
- ये झूम खेती करते हैं और मिट्टी तथा स्थानीय बेंत और बांस से बने नामलो नामक घरों में रहते हैं
प्रश्न - लोंगटे त्योहार किस राज्य से संबंधित है ?
(a) अरुणाचल प्रदेश
(b) असम
(c) त्रिपुरा
(d) मणिपुर
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राष्ट्रीय वर्ड पावर चैम्पियनशिप
- हाल ही में राष्ट्रीय वर्ड पावर चैम्पियनशिप का आयोजन मुंबई में किया गया
- इस प्रतियोगिता में आठ राज्यों ने भाग लिया - झारखंड, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश।
- झारखंड इस प्रतियोगिता में पहले स्थान पर तमिलनाडु दूसरे स्थान पर तथा महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर रहा
- इस प्रतियोगिता में कक्षा दो से पांचवीं तक के बच्चों ने भाग लिया था
राष्ट्रीय वर्ड पावर चैम्पियनशिप
- यह प्रतियोगिता अमेरिका की 'स्पेलिंग बी कॉम्पिटिशन' की तर्ज पर आयोजित की जाती है
- यह भारत की एकमात्र अंग्रेज़ी प्रतियोगिता है
- इसे विशेष रूप से क्षेत्रीय भाषा के स्कूलों के छात्रों के लिये आयोजित किया जाता है।
- इसका उद्देश्य क्षेत्रीय भाषा के स्कूलों के छात्रों को अपनी अंग्रेज़ी प्रतिभा को प्रदर्शित करने हेतु एक मंच प्रदान करना है।
- इसका आयोजन प्रति वर्ष लीप फॉर वर्ड और मैरिको नामक संस्था द्वारा किया जाता है।