शॉर्ट न्यूज़: 18 दिसंबर, 2020
योगासन : खेल के रूप में
हल्दीबाड़ी-चिल्हाटी रेल सम्पर्क (Haldibari – Chilahati Rail Link)
योगासन : खेल के रूप में
संदर्भ
हाल ही में, आयुष मंत्रालय और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने योगासन को एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में औपचारिक मान्यता देने की घोषणा की। योगासन, योग का एक महत्त्वपूर्ण अंग है, जिसकी प्रकृति मानसिक व शारीरिक है और यह फिटेनस व सामान्य स्वास्थ्य में अपनी प्रभावकारिता के लिये विश्व भर में लोकप्रिय है।
प्रमुख बिंदु
- योगासन से संबंधित खेल प्रतियोगिता के लिये 4 स्पर्धाओं और 7 श्रेणियों में 51 पदक प्रस्तावित किये जा सकते हैं।
- पुरुष और महिला दोनों के लिये प्रस्तावित स्पर्धाओं में पारम्परिक योगासन, कलात्मक योगासन (एकल/युगल), लयबद्ध योगासन (युगल), मुक्त प्रवाह/समूह योगासन, व्यक्तिगत ऑल राउंड- चैम्पियनशिप और टीम चैम्पियनशिप शामिल हैं।
- योगासन को खेलो इंडिया, राष्ट्रीय और विश्वविद्यालय स्तर के खेलों में प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में शामिल किया जाएगा। इसका अंतिम लक्ष्य योगासन को ओलंपिक में शामिल करना है।
- विदित है कि ब्रेकडान्स को वर्ष 2024 के आधिकारिक पेरिस ओलंपिक खेलों में पदक प्रतिस्पर्धा के रूप में शामिल किया गया है।
उद्देश्य
- खेल के रूप में योगासन प्रतिस्पर्धा और अनुशासन के संवर्धन को सुनिश्चित करेगा और विश्व भर में इसका प्रसार करेगा।
- योगासन के एक खेल के रूप में विकास से इसमें नई तकनीकों और नई रणनीतियों को शामिल किया जा सकेगा, जिससे खिलाड़ियों और अधिकारियों को इस क्षेत्र में बेहतर करियर बनाने का अवसर मिलेगा।
- खेलों के रूप में मान्यता मिलने से उत्पन्न होने वाली प्रतिस्पर्धा विश्व भर के लोगों में योग के प्रति रुचि में वृद्धि करेगी।
भविष्य के रोडमैप और विकास हेतु गतिविधियाँ
- वर्ष 2021 की शुरुआत में ‘नेशनल इंडिविज़ुअल योगासन स्पोर्ट चैंपियनशिप’ के नाम से योगासन की एक पायलट प्रतियोगिता।
- योगासन खेल की प्रतियोगिताओं, प्रतिस्पर्धाओं और कार्यक्रमों का एक वार्षिक कैलेंडर जारी करना।
- प्रतियोगिताओं के लिये एक स्वचालित स्कोरिंग प्रणाली विकसित करना।
- कोच, रेफरी, जजों और निदेशकों के लिये पाठ्यक्रम का निर्धारण और खिलाड़ियों के लिये कोचिंग कैम्प।
- योगासनों के लिये एक लीग का उद्घाटन, जिससे इस क्षेत्र के खिलाड़ियों के लिये बेहतर करियर व सामाजिक स्थिति एवं विशेषज्ञों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
- योगासन खिलाड़ियों के लिये रोज़गार सृजन के लिये आवश्यक कदम उठाना।
हल्दीबाड़ी-चिल्हाटी रेल सम्पर्क (Haldibari – Chilahati Rail Link)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने भारत के हल्दीबाड़ी (प. बंगाल) और बांग्लादेश के चिल्हाटी के बीच एक रेलवे सम्पर्क के पुनर्निर्माण का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- वर्तमान में भारत और बांग्लादेश के बीच 4 परिचालन रेल सम्पर्क हैं, जिनमें पेट्रापोल (भारत) - बेनापोल (बांग्लादेश), गेदे (भारत) - दर्शन (बांग्लादेश), सिंघाबाद (भारत) -रोहनापुर (बांग्लादेश), राधिकापुर (भारत) –बिरोल (बांग्लादेश) हैं। इनके साथ ही अब हल्दीबाड़ी - चिल्हाटी रेल सम्पर्क को भी पुनः शुरु कर दिया गया है, जो दोनों देशों के बीच 5वीं रेल सम्पर्क सेवा बन गई है।
- ध्यातव्य है कि हल्दीबाड़ी - चिल्हाटी रेल सम्पर्क सेवा वर्ष 1965 तक चालू थी। यह विभाजन के दौरान कोलकाता से सिलीगुड़ी तक ब्रॉड गेज मुख्य मार्ग का हिस्सा थी।
- हालाँकि विभाजन के बाद भी असम और उत्तरी बंगाल जाने वाली ट्रेनें तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान क्षेत्र से होकर गुज़रती रहीं। लेकिन वर्ष 1965 के युद्ध में भारत और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के बीच सभी रेलवे सम्पर्क सेवाएँ पूरी तरह से ठप्प हो गईं।
- वर्ष 2015 में इस पूर्ववर्ती रेल सम्पर्क को फिर से खोलने के लिये हल्दीबाड़ी स्टेशन से चिल्हाटी तक 82.72 करोड़ रुपए की लागत से 3.50 किमी. लम्बी एक नई ब्राड गेज लाइन के निर्माण को मंजूरी दी गई थी।
- हल्दीबाड़ी -चिल्हाटी रेल मार्ग से असम और पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश में पारगमन में आसानी होगी। यह रेल सम्पर्क लाइन क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देगी तथा क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिये मुख्य बंदरगाहों तक रेल नेटवर्क की पहुँच को बढ़ाएगी।