शॉर्ट न्यूज़: 22 अगस्त, 2022 (पार्ट - 2)
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संयुक्त राष्ट्र महासागरीय जैविक विविधता संधि पर हस्ताक्षर करेगा
हर घर जल
तिलपिया जलीय कृषि परियोजना: मत्स्यपालन
संयुक्त राष्ट्र महासागरीय जैविक विविधता संधि पर हस्ताक्षर करेगा
- हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने उच्च समुद्रों में समुद्री विविधता के संरक्षण के लिये महासागर की जैविक विविधता पर पहली संधि का मसौदा तैयार करने के लिये अंतर-सरकारी सम्मेलन का आयोजन किया।
- यह सम्मेलन अमेरिका के न्यूयॉर्क में आयोजित किया गया था।
पृष्ठभूमि
- इन क्षेत्रों में समुद्री जैविक विविधता के संरक्षण और सतत् उपयोग पर वर्ष 1982 के संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून अभिसमय (UNCLOS) के तहत अंतर्राष्ट्रीय कानून का मसौदा तैयार करने के लिये वर्ष 2018 में सम्मेलनों की एक शृंखला शुरू की गई थी।
उच्च समुद्र
- देश अपनी तटरेखाओं तक 200 समुद्री मील (370 किलोमीटर) के भीतर समुद्री सीमा में सुरक्षा या दोहन कार्य कर सकते हैं, लेकिन इन ‘विशेष आर्थिक क्षेत्र’ के बाहर का सारा अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र उच्च समुद्र माना जाता है।
- उच्च समुद्र पृथ्वी के महासागरों का दो-तिहाई हिस्सा बनाते हैं जो जीवन के लिये उपलब्ध आवास का 90 प्रतिशत प्रदान करते हैं और मत्स्य पालन में प्रति वर्ष 16 बिलियन अमेरीकी डॉलर तक का योगदान करते हैं।
- ये मूल्यवान खनिज, फार्मास्यूटिकल्स, तेल और गैस भंडार की खोज के लिये भी प्रमुख क्षेत्र हैं।
नई संधि के बारे में
- संधि समुद्र के उन क्षेत्रों में समुद्री जैव विविधता के संरक्षण और सतत् उपयोग को संबोधित करेगी जो राष्ट्रीय समुद्री क्षेत्रों की सीमा से परे हैं।
- यह समझौता उन कंपनियों के अधिकारों पर निर्णय करेगा जो समुद्र में जैविक संसाधनों की खोज का काम करती हैं।
- जैव प्रौद्योगिकी और आनुवंशिक इंजीनियरिंग में प्रगति के साथ, कई कंपनियाँ विदेशी सूक्ष्म जीवों और अन्य जीवों में संभावनाएँ तलाश रही हैं, इनमें से कई अज्ञात हैं जो गहरे समुद्र में रहते हैं और दवाओं के टीकों और विभिन्न प्रकार के वाणिज्यिक अनुप्रयोगों के लिये इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
- चूंकि समुद्री जीवन पहले से ही औद्योगिक स्तर पर मत्स्य उत्पादन, जलवायु परिवर्तन और अन्य निष्कर्षण उद्योगों के प्रभाव से जूझ रहा है, इसलिये यह संधि महासागरों की सुरक्षा का एक प्रयास है।
वर्तमान में उच्च समुद्र का विनियमन
- समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCLOS) समुद्र तल खनन और केबल बिछाने सहित अंतर्राष्ट्रीय जल में गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
- महासागरों में जैव विविधता की रक्षा या संवेदनशील पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण के लिये कोई व्यापक संधि मौजूद नहीं है।
Question of the Day
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
- UNCLOS यह निर्दिष्ट नहीं करता है कि राज्यों को उच्च समुद्र जैविक विविधता का संरक्षण एवं स्थायी रूप से कैसे उपयोग करना चाहिये।
- भारत UNCLOS हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।
- समुद्री कानून के लिये अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण एक स्वतंत्र न्यायिक निकाय है जिसकी स्थापना UNCLOS द्वारा अभिसमय से उत्पन्न होने वाले विवादों को सुलझाने के लिये की गई है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2
(d) केवल 1 और 3
उत्तर: (d)
Source: The Hindu
हर घर जल
- गोवा तथा दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव देश में क्रमशः पहले 'हर घर जल' प्रमाणित राज्य और केंद्रशासित प्रदेश बन गए।
- गोवा राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के सभी गांवों ने खुद को ‘हर घर जल’ गांव घोषित कर दिया है।
- इसे ग्राम सभा द्वारा पारित एक प्रस्ताव का उपयोग करके घोषित किया गया है।
- गोवा के सभी 2 लाख 63 हजार ग्रामीण परिवारों और दादरा व नगर हवेली और दमन व दीव के 85000 से अधिक गांवों में अब नल कनेक्शन का उपयोग करके सुरक्षित पेयजल की पहुंच है।
ग्राम जल और स्वच्छता समिति (VWSC) या जल समिति
- यह हर घर जल कार्यक्रम के तहत विकसित जल आपूर्ति बुनियादी ढाँचे के संचालन, रखरखाव और मरम्मत के लिये ज़िम्मेदार है।
जल जीवन मिशन
- वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया यह मिशन वर्ष 2024 तक ‘कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन’ (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति की परिकल्पना करता है।
- यह मिशन ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत आता है।
उद्देश्य
- यह मिशन मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों और पानी के कनेक्शन की कार्यक्षमता सुनिश्चित करता है; पानी की गुणवत्ता की निगरानी एवं परीक्षण के साथ-साथ सतत् कृषि को भी बढ़ावा देता है।
- यह संरक्षित जल के संयुक्त उपयोग; पेयजल स्रोत में वृद्धि, पेयजल आपूर्ति प्रणाली, ग्रे वाटर ट्रीटमेंट और इसके पुन: उपयोग को भी सुनिश्चित करता है।
विशेषताएँ
- वर्षा जल संचयन, भू-जल पुनर्भरण और पुन: उपयोग के लिये घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन जैसे अनिवार्य उपायों हेतु स्थानीय बुनियादी ढाँचे का निर्माण विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों/योजनाओं के साथ अभिसरण में किया जाता है।
- यह मिशन जल के सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है तथा मिशन के प्रमुख घटक के रूप में व्यापक सूचना, शिक्षा और संचार शामिल हैं।
- कार्यान्वयनजल समितियाँ ग्राम जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, क्रियान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव करती हैं।
- इनमें 10-15 सदस्य होते हैं, जिनमें कम से कम 50% महिला सदस्य एवं स्वयं सहायता समूहों के अन्य सदस्य, मान्यता प्राप्त सामाजिक और स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता (आशा), आंगनवाड़ी, शिक्षक आदि शामिल होते हैं।
- समितियाँ सभी उपलब्ध ग्राम संसाधनों को मिलाकर एक बारगी ग्राम कार्य योजना तैयार करती हैं। योजना को लागू करने से पहले इसे ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित किया जाता है।
फंडिंग पैटर्न
- केंद्र और राज्यों के बीच फंड शेयरिंग पैटर्न हिमालय तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिये 90:10, अन्य राज्यों के लिये 50:50 और केंद्रशासित प्रदेशों के लिये 100% है।
हर घर नल से जल
- इस कार्यक्रम की घोषणा वित्त मंत्री ने वर्ष 2019-20 के बजट में की थी।
- यह जल जीवन मिशन का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
उद्देश्य
- प्रत्येक ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक नल कनेक्शन (FHTCs) प्रदान करना।
- गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों, सूखाग्रस्त और रेगिस्तानी क्षेत्रों के गाँवों, सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) गाँवों आदि में FHTCs के प्रावधान को प्राथमिकता देना।
- स्कूलों, आँगनबाडी केंद्रों, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों, आरोग्य केंद्रों और सामुदायिक भवनों को कार्यात्मक नल कनेक्शन प्रदान करना,नल कनेक्शन की कार्यक्षमता की निगरानी करना।
Question of the Day
प्रश्न 4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
- भारत के 36% ज़िलों को केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (CGWA) द्वारा "अतिदोहित" या "गंभीर" के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- CGWA का गठन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत किया गया था।
- भारत में भूजल सिंचाई के तहत दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) केवल 1 और 3
उत्तर: (b)
Source: PIB
तिलपिया जलीय कृषि परियोजना: मत्स्यपालन
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) से प्रेरित होकर प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (TDB) ने इज़रायली प्रौद्योगिकी के साथ तिलपिया जलीय कृषि परियोजना को समर्थन दिया है।
Note:
प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड
TDB विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
- प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना सितंबर 2020 को शुरू की गई थी।
- इस योजना का उद्देश्य पांच साल (2020-2025) की अवधि में मत्स्य पालन क्षेत्र के सतत विकास के माध्यम से नीली क्रांति लाना है।
- पीएमएमएसवाई की घोषणा केंद्रीय बजट 2019-20 में की गई थी।
- यह मत्स्य पालन क्षेत्र को विकसित करने के लिए एक अम्ब्रेला योजना है।
उद्देश्य
- PMMSY का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्रों का विकास करना है।
- एक सतत, जिम्मेदार, समावेशी और न्यायसंगत तरीके से मत्स्य पालन क्षेत्र की क्षमता का दोहन।
- मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए भूमि और जल संसाधनों का कुशल उपयोग।
- फसलोत्तर प्रबंधन और गुणवत्ता सुधार पर विचार करते हुए मूल्य श्रृंखला का आधुनिकीकरण।
- मत्स्य पालन क्षेत्र में रोजगार सृजित करना।
- समग्र कृषि सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) और निर्यात में मात्स्यिकी क्षेत्र के योगदान को बढ़ाना।
- एक मजबूत मात्स्यिकी प्रबंधन और नियामक ढांचा विकसित करना।
- इसमें लगभग 9% की औसत वार्षिक वृद्धि दर पर वर्ष 2024-25 तक मछली उत्पादन को 220 लाख मीट्रिक टन तक बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
- महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य अगले पाँच वर्षों की अवधि में निर्यात आय को दोगुना करके 1,00,000 करोड़ रुपए और मत्स्य क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 55 लाख रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना है।
तिलपिया
- दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापारित मछली खाद्य पदार्थों में से एक बन गया है।
- इसकी त्वरित वृद्धि एवं कम रखरखाव के कारण इसे जलीय चिकन घोषित किया गया था।
- इसकी खेती लवणीय जल में और तालाब या बंद की प्रणालियों में भी की जा सकती है।
भारत में मत्स्य पालन का महत्त्व
- भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जो वैश्विक उत्पादन का 7.56% हिस्सा है और देश के सकल मूल्य वर्धित (GVA) में लगभग 1.24% और कृषि GVA में 7.28% से अधिक का योगदान देता है।
- भारत दुनिया में मछली का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है क्योंकि यह वैश्विक मछली उत्पादन में 7.7% का योगदान देता है।
- यह क्षेत्र देश के आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसे "सनराइज सेक्टर" भी कहा जाता है।
- इस क्षेत्र को 5 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान करने और देश के 28 मिलियन मछुआरा समुदाय के लिये आजीविका को बनाए रखने के लिये एक शक्तिशाली कारक के रूप में मान्यता प्राप्त है।
Question of the Day
प्रश्न 5. नीली क्रांति का तात्पर्य क्या है?
- जलीय कृषि और मत्स्य पालन संसाधनों से मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर केंद्रित है।
- देश में पोल्ट्री और मांस प्रसंस्करण क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकियों में क्रांति को दर्शाता है।
- देश में जल संरक्षण के लिए विभिन्न हितधारकों के सहयोग से प्रौद्योगिकियों का प्रयोग कर जलक्रांति को दर्शाता है।
- तटीय समुद्री घास, मैंग्रोव और साल्ट मार्शेस के संरक्षण के द्वारा कार्बन सिंक का निर्माण करते हुए अपने जलवायु उद्देश्यों की प्राप्ति में ब्लू कार्बन योगदान को बढ़ाने को दर्शाता है।
Source: Indian Express