शॉर्ट न्यूज़: 23 दिसंबर, 2020
वैश्विक स्वास्थ्य अनुमान, 2019
लीजन ऑफ़ मेरिट
वैश्विक स्वास्थ्य अनुमान, 2019
संदर्भ
हाल ही में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक स्वास्थ्य अनुमान (Global Health Estimates), 2019 जारी कियेहैं। इस अनुमान में वर्ष 2000 से 2019 तक की अवधि के स्वास्थ्य संबंधी आँकड़ो को शामिल किया गया है।
वैश्विक स्वास्थ्य अनुमान, 2019 के प्रमुख बिंदु
- यह अनुमान रिपोर्ट वर्ष 2000 से अब तक वैश्विक व घरेलू स्तर पर स्वास्थ्यसंबंधी संकेतकों, जैसेस्वस्थ जीवन प्रत्याशा, जीवन प्रत्याशा, तथा मृत्यु दर एवं रुग्णता आदि के व्यापक एवं टाइम सीरीज़ पर आधारित आँकड़े प्रस्तुत करती है।
- रिपोर्ट के अनुसार, विश्व की शीर्ष 10 मौतों में से 7 गैर- संक्रामक रोगों के कारण होती हैं, जबकि वर्ष 2000 में यह आँकड़ा 10 में 4 मौतों का था।
- वैश्विक स्तर पर पिछले 20 वर्षों से लगातार हृदय रोग,मौतों का प्रमुख कारण बना हुआ है।
- मधुमेह और मनोभ्रम (Dementia) रोग भी शीर्ष 10 कारणों में एक प्रमुख कारण है।
- सभी प्रकार के रोगों से होने वाली मौतों में केवलहृदय रोग से ही 16% मौतें होती हैं। हृदय रोग से होने वाली मौतों की संख्या वर्ष 2000 में 2 मिलियन से बढ़कर वर्ष 2019 में 9 मिलियन हो गई है।
- संक्रामक रोगों से होने वाली मौतों में वैश्विक गिरावट दर्ज की गई है लेकिन अभी भी निम्न और मध्यम आय वाले देशों में यह एक गंभीर चुनौती बनी हुई है।
- निम्न-आय वाले देशों में मृत्यु के लिये उत्तरदाई शीर्ष 10 कारणों में से 6 अभी भी संक्रामक रोग हैं, जिनमें मलेरिया (छठे), क्षय रोग (8वें) और एड्स (9वें) शामिल हैं।हालाँकि एड्स वर्ष 2000 में मृत्यु के प्रमुख कारणोंमें 8वें स्थान पर था जो गिरकर वर्ष 2019 में 19वें स्थान पर आ गया है।
- क्षय रोग भी वर्ष 2000 में 7वें स्थान से गिरकर 2019 में 13वें स्थान पर आ गया है तथा इसके कारणवैश्विक मौतों में 30% की कमी आई है।
- वर्ष 2019 में, निमोनिया और अन्य श्वसन संबंधी संक्रमण,संक्रामक रोगों के सबसे घातक समूह में शामिल थे और वैश्विक स्तर पर होने वाली मौतों के लिये चौथा सबसे बड़ा कारण थे।
- ये अनुमान जीवन प्रत्याशा में वृद्धि की पुष्टि भी करते हैं: आँकड़ों के अनुसार जीवन प्रत्याशा में वर्ष 2019 में वर्ष 2000 की तुलना में 6 साल की वृद्धि हुई है। वर्ष 2000 में जहाँ औसत जीवन प्रत्याशा 67 थी, वहीं 2019 में बढ़करयह 73 हो गई है।
लीजन ऑफ़ मेरिट
संदर्भ
हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘लीजन ऑफ़ मेरिट’ से सम्मानित किया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अतिरिक्त यह पुरस्कार जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को भी प्रदान किया गया।
- विदित है कि भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया 'क्वाड समूह’ में शामिल हैं, जिसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीनी प्रभुत्व के विकल्प के रूप में देखा जाता है।
- इससे पूर्व भारत के फील्ड मार्शल के.एम. करियप्पा को वर्ष 1949 में लीजन ऑफ़ मेरिट प्रदान किया जा चुका है।
चुनाव का कारण
- यह सम्मान भारत-अमेरिका संबंधों और सामरिक भागीदारी को आगे बढ़ाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका के लिये दिया गया है। यह भारत और अमेरिका के लोगों के द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के प्रयासों को मान्यता देता है।
- मॉरिसन को वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और सामूहिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिये इससे सम्मानित किया गया है।
- शिंज़ो अबे को यह सम्मान एक स्वतंत्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये उनके नेतृत्व और विज़न के लिये प्रदान किया गया है।
द लीजन ऑफ़ मेरिट
- ‘द लीज ऑफ मेरिट’ सम्मान को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी. रूज़वेल्ट ने वर्ष 1942 में स्थापित किया था।
- इसे अमेरिकी सशस्त्रबलों के सदस्यों के साथ-साथ विदेशी (गैर-अमेरिकी) सशस्त्रबलों के सदस्यों और कभी-कभी राष्ट्र या सरकार के प्रमुखों को भी प्रदान किया जाता है।
- विदेशी प्राप्तकर्ताओं को यह पुरस्कार चार श्रेणियों में प्रदान किया जाता है : चीफ़ कमांडर, कमांडर, ऑफिसर और लीजनेर (Legionnaire)।