शॉर्ट न्यूज़: 25 फ़रवरी, 2022
कांचोठ उत्सव
सामाजिक विसंगति को बढ़ाता ‘कालकाज़ुकिचूट्टू अनुष्ठान’
बाबुष्का बटालियन
कांचोठ उत्सव
चर्चा में क्यों
हाल ही में, अत्यधिक बर्फ़बारी और शीत लहर के बीच ‘कांचोठ उत्सव’ (Kanchoth Festival) मनाया गया।
प्रमुख बिंदु
- यह जम्मू-कश्मीर का एक प्राचीन त्योहार है, जो हिंदुओं (विशेष रूप से नाग अनुयायियों) द्वारा मनाया जाता है।
- नाग अनुयायियों का मानना है कि इस दिन (गौरी तृतीया : माघ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि) के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। इस दौरान बर्फबारी को शुभ माना जाता है।
- इस दिन विवाहित महिलाएँ देवी गौरी से अपने पति के लंबे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करती हैं।
सामाजिक विसंगति को बढ़ाता ‘कालकाज़ुकिचूट्टू अनुष्ठान’
चर्चा में क्यों
हाल ही में, कोचीन देवस्वम बोर्ड (Cochin Devaswom Board) ने 'कालकाज़ुकिचूट्टू' (Kalkazhukichoottu) अनुष्ठान में सुधार का फैसला किया है।
कालकाज़ुकिचूट्टू अनुष्ठान और समाज
- 'कालकाज़ुकिचूट्टू' अनुष्ठान में ब्राह्मणों के पैर धोने के बाद उन्हें भोजन कराने, दक्षिणा देने और कपड़े भेंट करने की परंपरा है। यह अनुष्ठान दक्षिण भारत (विशेषकर केरल) में मंदिरों में संपन्न किया जाता है। ऐसा ऐसा माना जाता है कि इससे जाने-अनजाने में हुए सभी पापों से छुटकारा मिल जाता है।
- यह अनुष्ठान जाति-धर्म के आधार पर समाज में विभाजन और सामाजिक विसंगति को बढ़ावा देता है। उल्लेखनीय है कि कुछ संगठनों और समितियों ने इसका विरोध किया है।
- इस अनुष्ठान का नाम बदलकर 'समाराधना' (Samaradhana) करने और इसमें सभी जाति के लोगों को शामिल करने पर विचार किया जा रहा है।
बाबुष्का बटालियन
चर्चा में क्यों
रूस के साथ संघर्ष की आशंका को देखते हुए यूक्रेन अपनी सैन्य तैयारियों को मज़बूत कर रहा है।
बाबुष्का बटालियन
- यूक्रेन में देश की सुरक्षा के लिये आम नागरिक भी स्वयं को तैयार कर रहे हैं। इसमें 'बाबुश्खा/बाबुष्का' बटालियन (Babushka Battalion) भी शामिल है, जो वृद्ध महिलाओं का एक संगठन है।
- यह संगठन वर्ष 2014 से ही सक्रिय है। वर्ष 2014 में रूस द्वारा यूक्रेन के क्रीमिया शहर पर कब्ज़े के दौरान इस बटालियन ने देश में खाई निर्माण, आपूर्ति, चिकित्सा देखभाल आदि क्षेत्रों में सैनिकों का सहयोग किया था।
- इसको दक्षिणपंथी एज़ोव आंदोलन के अंतर्गत संगठित और प्रशिक्षित किया जा रहा है।
एज़ोव आंदोलन
- एज़ोव स्पेशल ऑपरेशंस डिटेचमेंट (Azov Special Operations Detachment) को प्राय: एज़ोव डिटैचमेंट, एज़ोव रेजिमेंट या एज़ोव बटालियन भी कहा जाता है।
- इसे एक अति दक्षिणपंथी, राष्ट्रवादी, नव-नाज़ी (Neo-Nazi) और श्वेत वर्चस्ववादी (White Supremacist) विचारधारा का अनुसरण करने वाला सैन्य इकाई माना जाता है।
- यह संगठन एज़ोव सागर के तटीय क्षेत्र में मारियुपोल में अधिक केंद्रित है। विदित है कि रूस और यूक्रेन की सीमा एज़ोव सागर को स्पर्श करती है।