शॉर्ट न्यूज़: 26 फ़रवरी, 2022
रूस की यूक्रेन विद्रोही क्षेत्रों को मान्यता
विज्ञान सर्वत्र पूज्य उत्सव
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद्
रूस की यूक्रेन विद्रोही क्षेत्रों को मान्यता
चर्चा में क्यों
हाल ही में, रूसी राष्ट्रपति ने पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी गणराज्यों; डोनेट्स्क और लुहान्स्क की स्वतंत्रता को मान्यता देने का निर्णय लिया है।
डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्र
![Ukrane](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//Ukrane.jpg)
- यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि इन दो क्षेत्रों; डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक को रूस द्वारा मान्यता अलगाववादी नेताओं को रूस से सैन्य मदद की अनुमति दे सकती है, जिससे रूस के लिये यूक्रेन पर सैन्य हमले का रास्ता आसान हो जाएगा।
- विदित है कि इन अलगाववादी क्षेत्रों में संघर्ष वर्ष 2014 में शुरू हुआ, जब रूस के प्रति वफादार विद्रोहियों ने डोनेट्स्क और लुहान्स्क में सरकारी इमारतों पर कब्ज़ा कर लिया और यूक्रेनी सेना के साथ एक युद्ध शुरू किया। तब से इस क्षेत्र में हुई लड़ाई में 13,000 से अधिक लोग मारे गए हैं।
अन्य देशों की प्रतिक्रिया
- फ्रांस और जर्मनी ने राजनयिक वार्ता जारी रखने के लिये अपनी तत्परता का संकेत दिया है।
- अमेरिका और यूरोपीय सहयोगी इसे रूसी आक्रमण के संभावित प्रस्ताव के रूप में देख रहे हैं।
- यूरोपीय संघ ने इसमें शामिल लोगों के विरुद्ध प्रतिबंध लगाने की बात कही है।
- कनाडा ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की बात की है।
विज्ञान सर्वत्र पूज्य उत्सव
चर्चा में क्यों
संस्कृति मंत्रालय ने ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम के तहत ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ उत्सव मनाने की शुरुआत की है। यह आयोजन साप्ताहिक रूप से 22 से 28 फरवरी तक किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (डॉ. सी.वी. रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज) के रूप में मनाया जाता है। इस आधार पर इसे ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते’ उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है।
- संस्कृति मंत्रालय की एक स्वायत्त समिति ‘राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद्’ इस आयोजन की महत्त्वपूर्ण भागीदार है।
- यह कार्यक्रम कश्मीरी, डोगरी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, कन्नड़, मलयालम, तमिल, तेलुगु, उड़िया, बंगाली, असमिया, नेपाली, मैथिली और मणिपुर सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान भारत में वैज्ञानिक विकास/उपलब्धियों पर 75 फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जा रहा है।
- यह कार्यक्रम दिल्ली के अलावा लेह और श्रीनगर से लेकर पोर्ट ब्लेयर तथा दक्षिण में लक्षद्वीप में कवरत्ती द्वीप समूह तक, पश्चिम में अहमदाबाद और दमन से पूर्व में ईटानगर, कोहिमा और आइजोल तक देश भर में 75 स्थानों पर आयोजित किया गया है।
- यह कार्यक्रम अमृत महोत्सव के अंतर्गत कई मंत्रालयों, विभागों, क्षेत्रीय हितधारकों और जनसाधारण को एक मंच पर लाने का अद्वितीय उदाहरण है।
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद्
चर्चा में क्यों
हाल ही में, वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद् (Financial Stability and Development Council : FSDC) की 25वीं बैठक मुंबई में आयोजित की गई।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में एफ.एस.डी.सी. के विभिन्न अधिदेशों और वैश्विक व घरेलू विकास के मद्देनजर उत्पन्न होने वाली प्रमुख मैक्रो-वित्तीय चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया गया।
- परिषद् के अनुसार सरकार और सभी नियामकों को वित्तीय स्थितियों व महत्त्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों की कार्यप्रणाली पर निरंतर निगरानी रखने की आवश्यकता है।
- परिषद् ने वित्तीय क्षेत्र के विकास और व्यापक आर्थिक स्थिरता के साथ एक समावेशी आर्थिक विकास प्राप्त करने के लिये आवश्यक उपायों पर चर्चा की।
एफ. एस. डी. सी.
वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद् की स्थापना सरकार द्वारा वित्तीय बाज़ार नियामकों के परामर्श से वित्तीय स्थिरता बनाए रखने, अंतर-नियामक समन्वय को बढ़ाने और वित्तीय क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिये तंत्र को मजबूत और संस्थागत बनाने के लिये की गई है।
कार्य
- नियामकों की स्वायत्तता के पूर्वाग्रह के बिना, परिषद् बड़े वित्तीय समूहों के कामकाज सहित अर्थव्यवस्था के मैक्रो-विवेकपूर्ण पर्यवेक्षण की निगरानी करना।
- अंतर-नियामक समन्वय और वित्तीय क्षेत्र के विकास के मुद्दों को संबोधित करना।
- सरकार का वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन पर भी ध्यान केंद्रित करना।