शॉर्ट न्यूज़: 26 जुलाई, 2022 (पार्ट - 2)
एकीकृत थिएटर कमांड
प्रवासी मोनार्क तितली
भारतीय अंटार्कटिक विधेयक
वर्महोल (wormhole)
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2022 (Henley Passport Index 2022)
इंडिया इनोवेशन इंडेक्स (India Innovation Index) 2021
इंडिया बायोइकोनॉमी रिपोर्ट 2022
मंकीपॉक्स
एकीकृत थिएटर कमांड
- इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड (ITC) एक एकीकृत बल है जिसे विशिष्ट भौगोलिक थिएटर सौंपा गया है और यह स्वतंत्र रूप से काम कर सकता है।
- एक एकीकृत थिएटर कमांड वह है जो एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र को सुरक्षित करने की दिशा में एक ही कमांडर के तहत तीनों सेवाओं के संसाधनों के पूलिंग को सक्षम बनाता है।
- एक संयुक्त कमान के प्रभारी सैन्य कमांडर के पास राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे की स्थिति में सेना, नौसेना और वायु सेना के संसाधन होंगे।
- एक एकीकृत थिएटर कमांड की अवधारणा अमेरिका में उत्पन्न हुई। अमेरिका के पास ग्यारह एकीकृत कमांड हैं।
- 2016 में, चीन ने अमेरिका का अनुकरण करते हुए अपनी सेना को पांच संयुक्त थिएटर कमांड में पुनर्गठित किया।
- भारतीय सशस्त्र बलों के पास वर्तमान में सत्रह कमांड हैं, जिनमें थल सेना और वायु सेना के लिए सात-सात और नौसेना के लिए तीन शामिल हैं।
- प्रत्येक कमांड का नेतृत्व एक 4-सितारा रैंक का सैन्य अधिकारी करता है।
- संचालन का समन्वय सेवा मुख्यालय स्तर पर चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) के माध्यम से किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त, वर्तमान में दो त्रि-सेवा कमांड हैं:
- सामरिक बल कमान (एसएफसी)
- अंडमान और निकोबार कमान (एएनसी)
- त्रि-सेवा कमांड का नेतृत्व 3 सेवाओं के अधिकारियों द्वारा एक रोटेशन द्वारा किया जाता है।
- ANC एक एकीकृत थिएटर कमांड है, जो वर्तमान में भारत में एकमात्र है।
- इसे 2001 में द्वीपों में सैन्य संपत्तियों की तेजी से तैनाती को बढ़ाकर दक्षिण पूर्व एशिया और मलक्का जलडमरूमध्य में भारत के रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था।
- यह पोर्ट ब्लेयर में स्थित है।
प्रवासी मोनार्क तितली
- यह मोनार्क तितली की एक उप-प्रजाति है, जो सभी तितली प्रजातियों से तेज उड़ने वाली और जहरीली तितली होती है।
- वे उत्तर-पूर्व संयुक्त राज्य अमेरिका से 1,200 और 2,800 मील या उससे अधिक की यात्रा करते हैं, और दक्षिण-पूर्व कनाडा से मध्य मेक्सिको में पर्वतीय जंगलों तक जाते हैं, जहाँ वे नवंबर की शुरुआत से मार्च के मध्य तक हाइबरनेट करने के लिए सही जलवायु परिस्थितियों का पता लगाते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में ‘संकटग्रस्त’ श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया गया है।
- यह विश्व में सर्वाधिक पहचानी जाने वाली तितली की प्रजातियों में से एक है, जो पारिस्थितिक तंत्र में परागण तथा वैश्विक खाद्य जाल को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- गहन कृषि के लिये कीटनाशकों का बढ़ता उपयोग मिल्कवीड पौधे को नुकसान पहुँचा रहा है।
- मोनार्क तितली केवल मिल्कवीड पौधे पर ही प्रजनन करती है।
भारतीय अंटार्कटिक विधेयक
चर्चा में क्यों ?
- लोकसभा में भारतीय अंटार्कटिक विधेयक (Indian Antarctic Bill-2022) पारित किया गया।
- विधेयक अनिवार्य रूप से अंटार्कटिक क्षेत्र में भारतीय रिसर्च स्टेशनों को घरेलू कानूनों के दायरे में लाएगा।
- भारत द्वारा अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर करने के लगभग 40 साल बाद लोकसभा में यह विधेयक पारित किया गया।
- ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चिली, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका और उरुग्वे सहित कुल 27 देशों के पास पहले से ही अंटार्कटिका पर घरेलू कानून हैं।
विधेयक के मुख्य प्रावधान :
- इस विधेयक का एक उद्देश्य अंटार्कटिक रिसर्च वेलफेयर के लिए और बर्फीले महाद्वीप के पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक कोष का गठन करना भी है।
- अंटार्कटिक शासन और पर्यावरण संरक्षण समिति केंद्र सरकार द्वारा स्थापित की जाएगी, जिसमें 10 सदस्य होंगे, जो संयुक्त सचिव के पद से नीचे नहीं होंगे।
- जो किसी भी अभियान या महाद्वीप की यात्रा करने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति के लिए एक विस्तृत परमिट सिस्टम पेश करेगी।
- कमेटी की जिम्मेदारियां :
- विभिन्न गतिविधियों के लिए परमिट प्रदान करना।
- क्षेत्र के पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय कानूनों को लागू करना।
- संधि, सम्मेलन और प्रोटोकॉल के लिए सभी पक्षों से जानकारी जुटाना और उसकी समीक्षा करना।
- विधेयक के तहत-क्या कर सकते हैं, क्या नहीं?
- अंटार्कटिक विधेयक महाद्वीप पर कई चीजों पर रोक लगाता है।
- इसमें ड्रिलिंग, ड्रेजिंग, उत्खनन या खनिज संसाधनों का संग्रह शामिल है।
- इसमें एक अपवाद हो सकता है कि यदि ऐसी गतिविधियां किसी रिसर्च के उद्देश्य से परमिट लेकर की जाती हैं, तो छूट मिल सकती है।
- यह विधेयक व्यक्तियों को पौधों, पक्षियों सहित पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने से भी रोकता है।
- वैसे उड़ने या लैंडिग हेलीकॉप्टर्स या उन जहाजों को चलाने की अनुमति नहीं देता है जो वहां के जानवरों को परेशान कर सकते हैं।
- इसके माध्यम से उम्मीद की जा रही है कि भारत अंटार्कटिका संधि 1959, अंटार्कटिका जलीय जीवन संसाधन संरक्षण संधि 1982 और पर्यावरण संरक्षण पर अंटार्कटिका संधि प्रोटोकाल 1998 के तहत अपने दायित्वों को पूरा कर पाएगा।
Note :
- भारतीय प्रोजेक्ट्स
- अंटार्कटिका में भारत के तीन स्थायी शिविर हैं, जिनके नाम दक्षिण गंगोत्री (1983), मैत्री (1988) और भारती (2012) हैं। अभी मैत्री और भारती पूरी तरह से काम कर रहे हैं।
- भारत ने मैत्री के स्थान पर एक अन्य अनुसंधान सुविधा केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
वर्महोल (wormhole)
- वर्महोल, अंतरिक्ष में दो स्थानों को जोड़ने वाली सुरंग की तरह है।
- ‘वर्महोल’ के माध्यम से गुजरने पर, आप – सैद्धांतिक रूप में – अंतरिक्ष में अत्यधिक दूरी की यात्रा उल्लेखनीय रूप से जल्दी कर सकते हैं, भले ही वर्महोल के दोनों छोर बहुत दूर स्थित हों।
- ‘वर्महोल’ के अस्तित्व की भविष्यवाणी ‘लुडविग फ्लेम’ ने 1916 में की थी ।
- इसके कुछ समय बाद आइंस्टीन ने अपने ‘सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत’ को प्रस्तावित किया था। हालांकि, खगोलविदों द्वारा अवलोकन या अनुमान के माध्यम से वर्महोल की उपस्थिति अभी तक स्थापित नहीं की गई है।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2022 (Henley Passport Index 2022)
चर्चा में क्यों ?
- इमिग्रेशन कंसल्टेंसी हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा प्रकाशित इस सूचकांक में, भारत को 2022 में दुनिया के 199 सबसे शक्तिशाली पासपोर्टों में से 87वें स्थान पर रखा गया है।
- रैंकिंग उन गंतव्यों की संख्या पर आधारित थी जहां पासपोर्ट धारक बिना पूर्व वीजा के पहुंच सकते हैं।
सूचकांक में देशों का प्रदर्शन:
- 199 देशों में जापान पहले स्थान पर है।
- दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट सूची में शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं-जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, स्पेन, फिनलैंड, इटली, लक्जमबर्ग, ऑस्ट्रिया और डेनमार्क।
- अफगानिस्तान और इराक, दोनों देशों को सबसे निचले स्थान पर रखा गया है।
भारत और उसके पड़ोसी का प्रदर्शन:
- एशियाई देशों में; भारत, मॉरीशस और ताजिकिस्तान बिना पूर्व वीजा के 67 देशों में परेशानी मुक्त प्रवेश के साथ 87वें स्थान पर हैं।
- चीन और बोलीविया को 69वें स्थान पर रखा गया है जबकि बांग्लादेश 104वें स्थान पर है।
- 32 गंतव्यों तक पहुंच के साथ पाकिस्तान के पास दुनिया भर में चौथा सबसे खराब पासपोर्ट है।
नोट : इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के आंकड़ों के आधार पर देशों को यह रैंकिंग दी गई है। यह दुनिया की यात्रा जानकारी का सबसे बड़ा डेटाबेस रखता है।
इंडिया इनोवेशन इंडेक्स (India Innovation Index) 2021
- यह सूचकांक, उप-राष्ट्रीय स्तर पर नवाचार क्षमता और पारिस्थितिकी तंत्र को निर्धारित करता है।
- नीति आयोग के इंडिया इनोवेशन इंडेक्स के अनुसार, भारत में अनुसंधान और विकास (R&D) पर सकल व्यय दुनिया में सबसे कम है।
- भारत अनुसंधान एवं विकास पर प्रति व्यक्ति 43 अमेरिकी डॉलर खर्च करता है।
मुख्य बिंदु :
- ब्रिक्स या आसियान देशों के बराबर होने के लिए भारत को इस खर्च को बढ़ाने की जरूरत है।
- रूस प्रति व्यक्ति 285 अमेरिकी डॉलर खर्च करता है, ब्राजील 173 अमेरिकी डॉलर खर्च करता है जबकि मलेशिया 293 अमेरिकी डॉलर अनुसंधान एवं विकास पर खर्च करता है।
- सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में, व्यय लगभग एक दशक से 0.7 प्रतिशत पर स्थिर रहा है।
- कम खर्च के बावजूद, भारत ने रूस, ब्राजील और दक्षिण कोरिया जैसे देशों की तुलना में अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।
- सरकार R&D पर 55% से अधिक खर्च करती है जिसे बदलने की आवश्यकता है।
- हालांकि, व्यवसाय या निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाले R&D 2005-06 से तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन पर्याप्त तेज़ नहीं है।
मुख्य परिणाम :
- कर्नाटक, मणिपुर और चंडीगढ़ ने इंडेक्स के तीसरे संस्करण में अपनी-अपनी श्रेणियों में शीर्ष स्थान हासिल किया है।
- निचला स्थान: छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार और गुजरात सूचकांक में सबसे नीचे थे।
इंडिया बायोइकोनॉमी रिपोर्ट 2022
चर्चा में क्यों ?
- जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) ने हाल ही में अपनी “इंडिया बायोइकोनॉमी रिपोर्ट 2022” जारी की।
- अर्थव्यवस्था में बायोटेक क्षेत्र के योगदान के आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
मुख्य निष्कर्ष :
- भारत की जैव-अर्थव्यवस्था के 2025 तक 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर और 2030 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक तक पहुंचने की उम्मीद है।
- 2021 में, भारत की जैव अर्थव्यवस्था ने 80 बिलियन अमरीकी डॉलर को छू लिया है, जो कि 2020 की तुलना में 14.1 प्रतिशत की वृद्धि है।
- 2021 में, औसतन हर दिन तीन बायोटेक स्टार्ट-अप स्थापित किए गए।
- भारत में बायोटेक स्टार्ट-अप की संख्या पिछले 10 वर्षों में 50 से बढ़कर 5,300 से अधिक हो गई है।
- BIRAC ने जैव-उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए 21 राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में 74 विशेष जैव-ऊष्मायन केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया है।
जैव अर्थव्यवस्था (Bioeconomy) :
- जैव अर्थव्यवस्था को जैविक संसाधनों के उत्पादन, उपयोग और संरक्षण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिसमें संबंधित ज्ञान, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार, सूचना, उत्पाद, प्रक्रियाएँ प्रदान करना शामिल है।
- 21वीं सदी के पहले दशक में जैव अर्थव्यवस्था शब्द लोकप्रिय हुआ जब यूरोपीय संघ और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) द्वारा नए उत्पादों तथा बाज़ार को विकसित करने के लिये जैव प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु एक ढाँचा अपनाया।
- जैव-अर्थव्यवस्था का उद्देश्य सतत् विकास और चक्रीय अर्थव्यवस्था दोनों को बढ़ावा देना है।
- विशेष रूप से चक्रीय अर्थव्यवस्था के पुन: उपयोग,मरम्मत और पुनर्चक्रण का सिद्धांत जैव-अर्थव्यवस्था का मूलभूत हिस्सा है।
- इसके माध्यम से अपशिष्ट की कुल मात्रा और उसके प्रभाव को कम किया जाता है।
- यह ऊर्जा की भी बचत करता है तथा वायु व जल प्रदूषण को कम करता है।
- जैव आधारित उत्पाद
- बायोप्लास्टिक्स
- बायोडिग्रेडेबल कपड़े
भारत की स्थिति:
- अप्रैल 2023 से 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की शुरुआत का निर्णय लिया है।
- नेशनल बायोफार्मा मिशन, 'इनोवेट इंडिया' 2017, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) का 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य बायोफार्मा में उद्यमशीलता और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देना है।
- विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ पूरे भारत में 35 बायो इन्क्यूबेटर स्थापित किये गए हैं।
- 2016 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव-संसाधन एवं सतत् विकास संस्थान द्वारा 'जैव अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रीय मिशन' शुरू किया गया था।
मंकीपॉक्स
चर्चा में क्यों ?
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा करते हुए मंकीपॉक्स वायरस को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है।
- अब तक (वर्ष 2022 तक) विश्व में वायरस के 16,000 से अधिक मामले रिपोर्ट किये गए हैं जो कभी अफ्रीका तक ही सीमित थे।
वैश्विक स्वास्थ्य हेतु आपातकाल :
- वैश्विक आपातकाल घोषित करने का मतलब है कि मंकीपॉक्स का प्रकोप एक असाधारण घटना है जो अधिक देशों में फैल सकता है और इसके लिये समन्वित वैश्विक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
- वायरस का गैर-स्थानिक होना: वायरस का प्रसार उन देशों में तेज़ी से हुआ है जहाँ यह पहले कभी नहीं देखा गया।
- एक महीने के भीतर इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या पाँच गुना बढ़ गई है।
मंकीपॉक्स के बारे में :
- मंकीपॉक्स, वायरल जूनोटिक बीमारी है जिसमें चेचक के समान लक्षण प्रदर्शित होते हैं।
- मंकीपॉक्स का संक्रमण पहली बार वर्ष 1958 में अनुसंधान के लिये रखे गए बंदरों की कॉलोनियों में चेचक जैसी बीमारी के बाद खोजा गया जिसे 'मंकीपॉक्स' नाम दिया गया।
- रोग के प्रारंभिक चरण में मंकीपॉक्स को चेचक से अलग किया जा सकता है क्योंकि इसमें लिम्फ ग्रंथि (Lymph Gland) बढ़ जाती है।
संचरण :
- मंकीपॉक्स वायरस ज़्यादातर जंगली जानवरों से लोगों के बीच फैलता है, लेकिन मानव-से-मानव संचरण भी होता है।
- संचरण का कारण संक्रमित श्वसन पथ स्राव, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों से स्रावित तरल पदार्थ द्वारा निकट संपर्क के कारण हो सकता है।
- इसका संचरण टीकाकरण या प्लेसेंटा (जन्मजात मंकीपॉक्स) के माध्यम से भी हो सकता है।
नोट : यूरोपीय संघ ने मंकीपॉक्स के इलाज के लिये चेचक के टीके, इम्वेनेक्स की अनुशंसा की है।