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शॉर्ट न्यूज़: 27 जुलाई, 2022 (पार्ट - 2)

शॉर्ट न्यूज़: 27 जुलाई, 2022 (पार्ट - 2)


राजा रवि वर्मा (Raja Ravi Varma) 

हिम तेंदुए पर सर्वेक्षण 

मारबर्ग वायरस

आर्द्रभूमियों को अंतर्राष्ट्रीय महत्व का टैग 

सकुराजिमा ज्वालामुखी


राजा रवि वर्मा (Raja Ravi Varma) 

चर्चा में क्यों ?

  • औपनिवेशिक युग के दौरान भारतीय सौंदर्यशास्त्र और कला  को फिर से परिभाषित करने वाले महान कलाकार राजा रवि वर्मा की 175 वीं जयंती से पहले, किलिमनूर के पूर्व शाही परिवार ने केंद्रीय मंत्रालय से देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से श्री वर्मा पर को सम्मानित करने का आग्रह किया है।

राजा रवि वर्मा के बारे में :

  • 29 अप्रैल, 1848 को तत्कालीन त्रावणकोर के किलिमनूर में अभिजात वर्ग में जन्मे, श्री वर्मा की महिला-केंद्रित पेंटिंग उनके भावों और वेशभूषा की एक विशाल विविधता को चित्रित करती हैं।  
  • आमतौर पर आधुनिक भारतीय कला के जनक के रूप में प्रख्यात, ‘राजा रवि वर्माने हिंदू देवी-देवताओं के मानवीय चित्रण को महंगे कैनवस की सतहों से उठाकर, अपने लिथोग्राफिक प्रेस  के माध्यम से, कामगार वर्ग के घरों के प्रार्थना और निवास कक्षों तक पहुँचाया।
  • ऐसा माना जाता है कि उन्होंने 58 साल की उम्र में अपनी मृत्यु से पहले लगभग 7,000 पेंटिंग बनाई थीं। 
  • लेकिन किलिमनूर पैलेस के स्टूडियो  में अब केवल एक पेंटिंग बची है - 'पारसी महिला' का एक अधूरा चित्र जो उनकी आखिरी पेंटिंग थी।

पुरुस्कार एवं सम्मान:

  • वर्ष 1873 में बनाई गई इनकी पेंटिंग ने अपने बालों को सजाती हुई नायर स्त्रीने मद्रास प्रेसीडेंसी का गवर्नर स्वर्ण पदक, और वियना में आयोजित एक कला प्रदर्शनी में सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते।
  • वर्ष 1904 में वायसराय लॉर्ड कर्जन ने राजा रवि वर्मा को कैसर-ए-हिंद गोल्ड मेडल से सम्मानित किया।
  • वर्ष 2013 में, राजा रवि वर्मा के सम्मान में बुध ग्रह पर एक स्थित क्रेटर का नामकरण उनके नाम पर किया गया था।

उनकी प्रमुख कलाकृतियाँ:

  • एक भिखारी परिवार  
  • अर्जुन और सुभद्रा
  • एक हंस से बात कर रही दमयंती
  • शकुंतला 
  • लेडी इन द मूनलाइट
  • लेडी विद ए मिरर
  • वीणा वाली महिला

प्रश्न 1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. राजा रवि वर्माको त्रावणकोर के तत्कालीन शासक अय्यिलम थिरुनलने संरक्षण दिया था
  2. रवि वर्मा ने डच कलाकार थियोडोर जेन्सेन से वाटर कलर पेंटिंग और शाही चित्रकार रामास्वामी नायडू से ऑइल पेंटिंग का प्रशिक्षण लिया था।
  3. राजा रवि वर्मा ने भारतीय चित्रकला परंपरा और उभरते यूरोपीय अकादमिक प्रकृतिवाद दोनों परंपराओं के सौंदर्य सिद्धांतों को अपनी शैली में समाहित किया था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल

(c) केवल 1 और 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर : (c)


हिम तेंदुए पर सर्वेक्षण 

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) ने हिम तेंदुए पर सर्वेक्षण किया।
  • हिमालयी अध्ययन पर राष्ट्रीय मिशन के तहत अध्ययन ने हिम तेंदुए और इसकी शिकार प्रजातियों साइबेरियन आइबेक्स और नीली भेड़ द्वारा आवास के उपयोग के बीच एक मजबूत संबंध का खुलासा किया।

मुख्य बिंदु

  • ZSI अध्ययन स्नो लेपर्ड द्वारा निवास स्थान के उपयोग और नीली भेड़ और साइबेरियन आइबेक्स जैसी इसकी शिकार प्रजातियों के बीच एक मजबूत संबंध पर प्रकाश डालता है।

हिम तेंदुए 

  • स्नो लेपर्ड को वैज्ञानिक रूप से पैंथेरा उन्शिया (Panthera uncia) कहा जाता है। 
  • इसे IUCN रेड लिस्ट में कमजोर के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 
  • यह भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I प्रजाति है। 
  • हिम तेंदुए की वैश्विक जनसंख्या 10,000 से कम है। 
  • यह अफगानिस्तान, हिमालय और तिब्बती पठार, मंगोलिया, साइबेरिया और पश्चिमी चीन में 3,000-4,500 मीटर की ऊंचाई पर अल्पाइन और सबलपाइन क्षेत्रों में पाया जा सकता है। 
  • भारत में, यह हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, सिक्किम और उत्तराखंड में पाया जाता है।

हिम तेंदुए का महत्व

  • हिम तेंदुए जैसे शिकारी उच्च अक्षांशों पर शाकाहारी जीवों की आबादी को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। 
  • यदि प्रजाति लंबे समय तक अनुपस्थित रहती है, तो यह ट्रॉफिक कैस्केड (trophic cascades) को जन्म दे सकती है क्योंकि तब नीली भेड़ और साइबेरियन आइबेक्स जैसे शाकाहारी जीवों की आबादी बढ़ जाएगी, जिसके परिणामस्वरूप वनस्पति आवरण का ह्रास होगा।

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. हिम तेंदुआ खाद्य शृंखला में शीर्ष शिकारी के रूप में पहाड़ के पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के एक संकेतक के रूप में कार्य करता है।
  2. भारत में, हिम तेंदुआ केवल लद्दाख में पाया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल

(b) केवल

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1, न ही

उत्तर : (a)


मारबर्ग वायरस

चर्चा में क्यों ?

  • पश्चिम अफ्रीका के घाना में अत्यंत संक्रामक और घातक मारबर्ग वायरसके पहले मामले की पुष्टि हुई है।
  • अधिकतर मामले अफ्रीका में युगांडा, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और हाल में गिनी और घाना में आए।

मारबर्ग वायरस

  • मारबर्ग वायरस रोग एक अत्यधिक विषाणुजनित रोग है, जो रक्तस्रावी बुखार का कारण बनता है, इसका प्रसार चमगादड़ द्वारा किया जाता है और इसमें मृत्यु दर 88% से अधिक है।
  • मारबर्ग वायरसरोग के साथ मानव संक्रमण प्रारंभ में ऐसी खानों या गुफाओं के लंबे समय तक संपर्क का परिणाम था, जिनमें राउसेटस बैट कॉलोनियाँ मौजूद थीं।
  • राउसेटस ओल्ड वर्ल्ड फ्रूट बैट या मेगाबैट्स की एक प्रजाति है। इन्हें डॉग-फेसड फ्रूट बैट या फ्लाइंग फॉक्स के रूप में जाना जाता है
  • यह वायरस भी इबोला वायरस परिवार से संबंधित है।
  • वर्ष 1967 से अब तक मारबर्ग वायरस के कुल 12 प्रकोप हो चुके हैं, जिसमें से अधिकतर दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका में हुए।

कहां से आया खतरनाक वायरस?

  • पहली बार 1967 में जर्मनी के मारबर्ग नामक शहर और बेलग्रेड, यूगोस्लाविया (अब सर्बिया) में इसका मामला आया था। दोनों शहरों में एक साथ यह बीमारी फैली। मारबर्ग पर प्रयोगशाला में अध्ययन के लिए युगांडा से लाए गए बंदरों से इसका प्रसार हुआ।

संचरण

  • एक बार जब कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो मारबर्ग मानव-से-मानव संचरण के माध्यम से सीधे संपर्क (त्वचा या श्लेष्मा झिल्ली) द्वारा संक्रमित लोगों के रक्त, स्राव, अंगों या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ और सतहों तथा सामग्रियों के साथ फैल सकता है (जैसे बिस्तर और कपड़े आदि)।

परीक्षण

पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (PCR) और एंजाइम-लिंक्ड इम्यूनोसॉर्बेंट परख (एलिसा) परीक्षण का उपयोग इस मामले की पुष्टि के लिये किया जा सकता है।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है? (2019)

  1. हेपेटाइटिस बी वायरस एचआईवी की तरह ही फैलता है।
  2. हेपेटाइटिस बी। हेपेटाइटिस सी के विपरीत, कोई टीका नहीं है।
  3. विश्व स्तर पर, हेपेटाइटिस बी और सी वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या एचआईवी से संक्रमित लोगों की तुलना में कई गुना अधिक है।
  4. हेपेटाइटिस बी और सी वायरस से संक्रमित कुछ लोगों में कई वर्षों तक लक्षण नहीं दिखते हैं।

उत्तर : (2)


आर्द्रभूमियों को अंतर्राष्ट्रीय महत्व का टैग 

चर्चा में क्यों ?

  • केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा भारत में पांच नए रामसर स्थलों को नामित किया है:

तमिलनाडु में-

करिकीली पक्षी अभयारण्य

पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट और

पिचवरम मैंग्रोव

मिजोरम में- 

पाला आर्द्रभूमि 

मध्य प्रदेश में- 

साख्य सागर 

  • अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि' के रूप में, देश में ऐसे स्थलों की संख्या 49 से बढ़कर 54 हो गई है।
  • मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारत में एशिया में रामसर स्थलों की संख्या सबसे अधिक है। 

आर्द्रभूमि

  • आर्द्रभूमियां पानी में स्थित मौसमी या स्थायी पारिस्थितिक तंत्र हैं। 
  • इनमें मैंग्रोव, दलदल, नदियाँ, झीलें, डेल्टा, बाढ़ के मैदान और बाढ़ के जंगल, चावल के खेत, प्रवाल भित्तियाँ, समुद्री क्षेत्र (6 मीटर से कम ऊँचे ज्वार वाले स्थान) के अलावा मानव निर्मित आर्द्रभूमि जैसे- अपशिष्ट जल उपचार तालाब और जलाशय आदि शामिल होते हैं।

रामसर साइट

  • आर्द्रभूमियों पर रामसर कन्वेंशन को वर्ष 1971 में ईरानी शहर जो कि रामसर में कैस्पियन सागर के दक्षिणी किनारे पर स्थित है, में अपनाया गया यह एक अंतर-सरकारी संधि है।
  • भारत द्वारा इसे 1 फरवरी, 1982 में लागू किया गया।
  • वे आर्द्रभूमि क्षेत्र जो अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के हैं, रामसर स्थल के रूप में घोषित किये गए हैं।
  • इस कन्वेंशन का उद्देश्य विश्व में सतत विकास की दिशा में योगदान देते हुए स्थानीय और राष्ट्रीय कार्यों तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से सभी आर्द्रभूमियों का संरक्षण व उपयोग करना है।

मोंट्रेक्स रेकॉर्ड (Montreux Record) 

  • उन आर्द्रभूमि स्थलों की एक सूची हैं, जो अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के हैं जहां के पारिस्थितिक में चरित्र में परिवर्तन हुए हैं, हो रहे हैं, या तकनीकी विकास, प्रदूषण या अन्य मानव हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप परिवर्तन होने की संभावना है।
  • यह रामसर सूची के भाग के रूप में शामिल है।

भारत की दो आर्द्रभूमियों मोंट्रेक्स रिकॉर्ड में शामिल:

  • केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान)। 
  • लोकटक झील (मणिपुर)।

नोट : चिलिका झील (ओडिशा) को इस रिकॉर्ड में शामिल किया गया था लेकिन बाद में हटा दिया गया।

प्रश्न 4. आर्द्रभूमियां हमारे प्राकृतिक पर्यावरण का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं  इस सन्दर्भ में निम्नलिखित कथनो पर विचार कीजिये:  

  1. ये तटीय इलाकों की रक्षा करती हैं और बाढ़ की घटनाओं में कमी लाती हैं।
  2. ये प्रदूषकों को अवशोषित कर पानी की गुणवत्ता में सुधार करती हैं।
  3. ये जलविद्युत के महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।
  4. भूमि आधारित कार्बन का एक-तिहाई पीटलैंड में संग्रहीत है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3

(b) केवल 1, 2 और 4

(c) केवल 1 और 4

(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर : (d)


सकुराजिमा ज्वालामुखी

चर्चा में क्यों ?

  • जापान के प्रमुख पश्चिमी द्वीप क्यूशू में सकुराजिमा ज्वालामुखी में विस्फोट देखा गया।
  • सकुराजिमा जापान के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है और इसमें विभिन्न स्तरों के विस्फोट नियमित आधार पर होते रहते हैं।
  • यह एक सक्रिय स्ट्रैटो वोलकानो है।
  • इसमें विस्फोट 8वीं शताब्दी से दर्ज किया गया है। इसे बहुत ही खतरनाक ज्वालामुखियों में से एक माना जाता है।

स्ट्रैटो ज्वालामुखी:

  • स्ट्रैटो ज्वालामुखी में अपेक्षाकृत खड़ी ढलान होती हैं और शील्ड ज्वालामुखियों की तुलना में अधिक शंकु के आकार (more cone-shaped) की होती है।
  • ये श्यान, चिपचिपे लावा  चिपचिपे लावा से बनते हैं जो आसानी से नहीं बहते हैं इसलिए लावा वेंट के आसपास खड़ी भुजाओं वाले ज्वालामुखी का निर्माण करते हुए बनता है। 
  • चिपचिपा मैग्मा में गैस के निर्माण के कारण स्ट्रैटोज्वालामुखी अधिक विस्फोटक होते है।

भारत में ज्वालामुखी:

  • बैरन द्वीप, अंडमान द्वीप समूह (भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी)
  • नार्कोंडम, अंडमान द्वीप समूह
  • बारातांग, अंडमान द्वीप समूह
  • डेक्कन ट्रैप्स, महाराष्ट्र
  • ढिनोधर पहाड़ी, गुजरात
  • ढोसी पहाड़ी, हरियाणा

प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सही नही है?

  1. बैरन द्वीप ज्वालामुखी भारतीय क्षेत्र में स्थित एक सक्रिय ज्वालामुखी है।
  2. मैग्मा का निष्कासन तब होता है जब पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट अभिसारी गति करते हैं।
  3. कम श्यानता वाला बहता हुआ लावा, हल्के ढलान वाले शील्ड ज्वालामुखी का निर्माण करता है।
  4. पिछली बार वर्ष 1991 में बैरेन द्वीप ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था और तब से यह निष्क्रिय है।

उत्तर : (d)


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