शॉर्ट न्यूज़: 29 अगस्त, 2022
समुद्रयान मिशन
साही सिद्धांत
हसदेव अरण्य क्षेत्र
समुद्रयान मिशन
चर्चा में क्यों
भारत सरकार शीघ्र ही गहरे पानी के रहस्यों की खोज के लिये 'समुद्रयान' नामक मेगा ओशन मिशन शुरू करेगी।
प्रमुख बिंदु
- भारत इस मिशन को शुरू करने के साथ ही अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस और चीन जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा, जिनके पास समुद्र के नीचे की गतिविधियों के लिये विशिष्ट तकनीक व वाहन हैं।
- इसका उद्देश्य तीन मनुष्यों को समुद्र में 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाने के लिये एक स्व-चालित मानवयुक्त पनडुब्बी विकसित करना है, जिसमें गहरे समुद्र की खोज के लिये वैज्ञानिक सेंसर और उपकरणों का एक सेट है।
- स्वदेशी रूप से विकसित, ‘मत्स्य 6000’ एक मानवयुक्त पनडुब्बी यान है जिसमें 12 घंटे की परिचालन अवधि और आपात स्थिति में 96 घंटे की सहनशक्ति है।
- यह मानवयुक्त पनडुब्बी वैज्ञानिक कर्मियों को प्रत्यक्ष हस्तक्षेप द्वारा गहरे समुद्र के क्षेत्रों को देखने और समझने में सक्षम बनाएगा।
- यह उन्नत प्रौद्योगिकी पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को गहरे समुद्र में निर्जीव संसाधनों के अन्वेषण करने की सुविधा प्रदान करेगी जैसे पॉलीमेटेलिक मैंगनीज नोड्यूल्स, गैस हाइड्रेट्स, हाइड्रो-थर्मल सल्फाइड्स और कोबाल्ट क्रस्ट्स, जो 1,000 और 5,500 मीटर की गहराई पर पाए जाते हैं।
- इस मिशन पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, आई.आई.टी.एम. और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन जैसे विभिन्न संस्थान मिलकर कार्य कर रहे हैं।
साही सिद्धांत
चर्चा में क्यों
हाल ही में, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पैलौसी के ताइवान दौरे के पश्चात् चीन-ताइवान विवाद के परिप्रेक्ष्य में साही सिद्धांत चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या है साही सिद्धांत (Porcupine Doctrain)
- इस सिद्धांत को सर्वप्रथम वर्ष 2008 में यू.एस. नेवल वॉर कॉलेज के शोध प्रोफेसर विलियम एस. मुर्रे ने प्रस्तावित किया था।
- यह रणनीति मुख्य रूप से असममित युद्ध की धारणा पर केंद्रित है, जो कमजोर राज्य की सुरक्षा को मजबूत करने पर आधारित है। यह रणनीति एक कमज़ोर राज्य की सुरक्षा हेतु दुश्मन देश की मजबूती के बजाय उसके कमजोरियों का फायदा उठाने पर ध्यान केंद्रित करती है।
- विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस सिद्धांत के पालन की अवस्था में ताइवान को क्षतिग्रस्त किया जा सकता है परंतु पराजित नहीं।
सिद्धांत के तीन रक्षात्मक आवरण
- पहला आवरण ख़ुफ़िया विभाग और सैनिक परीक्षण से संबंधित है जिसके माध्यम से सैन्य बल की तैयारियों को सुनिश्चित किया जाता है। इसका उद्देश्य आकस्मिक आक्रमण को रोकना है।
- दूसरे आवरण में अमेरिका द्वारा प्रदत्त परिष्कृत विमानों के माध्यम से हवाई सहायता के साथ समुद्र में गोरिल्ला युद्ध की तैयारियों को शामिल किया जाता है।
- तीसरे और अंतिम आवरण के अंतर्गत ताइवान के पहाड़ों एवं अन्य स्थलाकृतियों के माध्यम से चीनी सेना के समक्ष व्यवधान उत्पन्न किया जाता है।
- इस सिद्धांत का अंतिम उद्देश्य हवाई हमले के लिए रणनीतियों का निर्धारण करना है जिसके माध्यम से चीन की बढ़ती आक्रामकता के प्रति प्रतिरोधक क्षमता का विकास संभव हो सकेगा।
हसदेव अरण्य क्षेत्र
चर्चा में क्यों
हाल ही में, छत्तीसगढ़ विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक ‘निजी सदस्य प्रस्ताव’ पारित कर केंद्र से पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हसदेव अरण्य (जंगल) क्षेत्र में सभी कोयला खनन ब्लॉक आवंटन रद्द करने का आग्रह किया है।
हसदेव-अरण्य क्षेत्र
- उत्तर-मध्य छत्तीसगढ़ में विस्तृत यह क्षेत्र हसदेव नदी के जलग्रहण क्षेत्र में स्थित है। इसे छत्तीसगढ़ का फेफड़ा भी कहते हैं।
- हसदेव छत्तीसगढ़ से निकलने वाली और ओडिशा से बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली महानदी की एक सहायक नदी है।
- यह हसदेव नदी पर बने ‘हसदेव बांगो बांध’ के लिये जलग्रहण क्षेत्र हैं, जो धान जैसी राज्य की मुख्य फसल की सिंचाई के लिये महत्वपूर्ण है।
- समृद्ध जैव विविधता और हाथियों के लिये बड़े प्रवासी गलियारे की उपस्थिति के कारण यह पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हैं।
- हसदेव अरण्य के नीचे एक कोयला क्षेत्र है। वर्ष 2010 में केंद्र सरकार ने इसे खनन के लिये प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके एक वर्ष बाद ही पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने खनन मंजूरी दे दी थी।
निजी सदस्य संकल्प
- एक विधायक जो मंत्री नहीं है- चाहे वह सत्ताधारी दल से हो या नहीं- एक निजी सदस्य है। एक निजी सदस्य संकल्प, एक गैर-सरकारी सदस्य द्वारा ही लाया जा सकता है और यदि पारित हो जाता है, तो यह सदन की अभिव्यक्ति बन जाता है।
- यह एक निजी सदस्य विधेयक से अलग है जो अनुमोदन के पश्चात् कानून बन जाता है।