शॉर्ट न्यूज़: 28 फ़रवरी, 2022
फ्रांसीसी उपनिवेश का प्रतीक : चंद्रनगर
ई.वी. चार्जिंग स्टेशनों का तैयार होता आधारभूत ढाँचा
ड्रेजिंग संग्रहालय
फ्रांसीसी उपनिवेश का प्रतीक : चंद्रनगर
चर्चा में क्यों
भारत में फ्रांस के राजदूत ने औपनिवेशिक शहर चंद्रनगर में वर्ष 1875 में निर्मित दो मंजिला इमारत- ‘रजिस्ट्री भवन’ के जल्द जीर्णोद्धार की आशा व्यक्त की है।
चंद्रनगर का ऐतिहासिक महत्त्व
- चंद्रनगर या चंदननगर हुगली नदी के पूर्वी तट पर पहली फ्रांसीसी व्यापारिक चौकी थी, जिसे वर्ष 1696 में स्थापित किया गया था।
- वस्तुतः फ्रांसीसियों ने इसे एक भूमि-खंड के रूप में बंगाल के मुगल गवर्नर साइस्ता खान से वर्ष 1673 में क्रय किया था।
- विदित है कि भारत में ‘पहली फ्रांसीसी फैक्ट्री’ वर्ष 1668 में सूरत में तथा बाद में मछलीपट्टनम में स्थापित हुई। इन्हें वर्ष 1720 तक डच और अंग्रेजों ने हड़प लिया था।
![french-colony-chandranagar](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//french-colony-chandranagar.jpg)
- वर्ष 1731 में चंद्रनगर के प्रमुख के रूप में नियुक्त डुप्ले को उपनिवेश का बीजारोपण करने वाला माना जाता है। उसने बंगाल के नवाब के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित किये, जिससे अंग्रेजों को काफी धक्का लगा।
- अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करने में यह क्षेत्र सक्रिय रहा एवं कलकत्ता से निकट होने के कारण यह स्वतंत्रता सेनानियों के लिये एक सुरक्षित आश्रय स्थल भी था।
- फ्रांसीसियों ने वर्ष 1947 में चंद्रनगर को स्वतंत्र शहर घोषित किया तथा उनके द्वारा जून 1948 में आयोजित एक जनमत संग्रह में 97% लोगों ने भारत के साथ विलय का विकल्प चुना। अंततः 2 अक्टूबर, 1955 को चंद्रनगर आधिकारिक रूप से भारत गणराज्य का हिस्सा बना।
ई.वी. चार्जिंग स्टेशनों का तैयार होता आधारभूत ढाँचा
चर्चा में क्यों
सरकारी स्वामित्व वाली देश के सबसे बड़े तेल निगम ‘इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन’ ने 1,000 इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये हैं।
प्रमुख बिंदु
- कंपनी का लक्ष्य आगामी तीन वर्षों में 10,000 ईंधन स्टेशनों पर ई.वी. चार्जिंग की सुविधा प्रदान करना है। यह निर्बाध आवागमन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को प्रोत्साहित करेगा।
- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पास कई राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 500 से अधिक कस्बों और शहरों में ई.वी. चार्जिंग पॉइंट हैं।
- कंपनी अगले तीन वर्षों में देश भर में राजमार्गों को ई-हाईवे में बदलने के लिये 3,000 से अधिक चार्जिंग स्टेशनों का आधार तैयार करने की योजना बना रही है।
ई.वी. चार्जिंग स्टेशन के क्षेत्र में विद्युत मंत्रालय का प्रयास
- सरकार देश भर में सार्वजनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग के आधारभूत संरचना का विस्तार कर रही है। इसी क्रम में प्रमुख शहरों और राजमार्गों पर तेल विपणन कंपनियों की ओर से 22,000 ई.वी. चार्जिंग स्टेशन स्थापित किये जाएँगे।
- सरकार ने निजी और सार्वजनिक एजेंसियों को शामिल करके चार्जिंग बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने का प्रयास किया है। विद्युत मंत्रालय की योजना 3×3 किमी. ग्रिड क्षेत्र में एक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की है।
- हाल ही में, भारी उद्योग विभाग ने 25 राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के लिये 1576 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों को मंजूरी दी है जो इन एक्सप्रेस-वे व राजमार्गों के दोनों ओर प्रत्येक 25 किमी. की सीमा में स्थित होंगे।
- विद्युत मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, देश के 9 बड़े शहरों में सार्वजनिक इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशनों की संख्या में 2.5 गुना वृद्धि हुई है।
ड्रेजिंग संग्रहालय
चर्चा में क्यों
हाल ही में केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री ने ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के परिसर में एक अत्याधुनिक ‘ड्रेजिंग संग्रहालय’ का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- संग्रहालय में विजाग के पूर्वी बंदरगाह शहर से विभिन्न प्रकार के ड्रेजर, पुरानी तस्वीरें और विशालकाय समुद्री संरचनाओं की नींव डालने वाली मशीन के मॉडल प्रदर्शित किये गए हैं।
- विदित है कि ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर अपनी 45वीं वर्षगाँठ मना रहा है।
ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया
- यह ड्रेजिंग के कारोबार में लगी इकाई है, जो विशेष रूप से भारतीय बंदरगाहों के लिये ड्रेजिंग करता है। यह कभी-कभी श्रीलंका, ताइवान और दुबई जैसे देशों में विदेशी बंदरगाहों पर ड्रेजिंग करता है।
- इसकी स्थापना 29 मार्च, 1976 में की गई थी। इसका मुख्यालय विशाखापत्तनम में है।