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शॉर्ट न्यूज़: 28 नवंबर, 2020

शॉर्ट न्यूज़: 28 नवंबर, 2020


आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा)

इंडिया क्लाइमेट चेंज नॉलेज पोर्टल

भारत द्वारा अफगानिस्तान में सामुदायिक विकास परियोजनाओं के चरण- IV का शुभारम्भ


आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी विभागों और निगमों में हड़ताल पर प्रतिबंध लगाने के लिये ‘आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ (Essential Services Maintenance Act- ASMA) की समयावधि को 6 माह के लिये बढ़ा दिया है।

आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा)

  • आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून,1968 भारतीय संसद द्वारा निर्मित एक कानून है, जिसका उद्देश्य कुछ महत्त्वपूर्ण सेवाओं (ऐसी सेवाएँ जिनके बाधित होने से सामान्य जन-जीवन प्रभावित होता है, जैसे-सार्वजानिक परिवहन, स्वास्थ्य सेवाएँ) की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
  • इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन होने पर पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है। इस अधिनियम का क्रियान्वयन पूरी तरह से राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर है। भारत में प्रत्येक राज्य का अपना अलग ‘आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ है।
  • एस्मा को जिस सेवा या विभाग पर लगाया जाता है उससे सम्बंधित कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते अन्यथा हड़तालियों को 6 माह की कैद अथवा 250 रुपए का आर्थिक दंड अथवा दोनों हो सकते हैं।
  • इस अधिनियम में कुल 6 धाराएँ हैं। किसी अन्य कानून से टकराव की स्थिति में एस्मा को ही प्राथमिकता दी जाएगी। एक बार में एस्मा को अधिकतम 6 माह के लिये ही लागू (सार्वजानिक घोषणा के माध्यम से टीवी या रेडियो से) किया जा सकता है।

इंडिया क्लाइमेट चेंज नॉलेज पोर्टल

मुख्य बिंदु

  • हाल ही में, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने ‘इंडिया क्लाइमेट चेंज नॉलेज पोर्टल’ का शुभारम्भ किया।
  • यह पोर्टल एक प्रकार का ‘एकल बिंदु सूचना संसाधन’ होगा, जो विभिन्न मंत्रालयों द्वारा की गई जलवायु सम्बंधी पहलों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। इससे उपयोगकर्ता इन पहलों की अद्यतन स्थिति का लाभ उठा सकेंगे।
  • यह पोर्टल विभिन्न मंत्रालयों द्वारा किये जा रहे क्षेत्रवार अनुकूलन और शमन कार्रवाईयों के साथ-साथ अद्यतन जानकारी सहित उनके कार्यान्वयन को एक स्थान पर एक साथ लाता है।
  • साथ ही, यह नॉलेज पोर्टल नागरिकों के बीच सरकार द्वारा जलवायु परिवर्तन की समस्याओं को हल करने के लिये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर उठाए जा रहे सभी प्रमुख कदमों के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।
  • इस नॉलेज पोर्टल में शामिल आठ प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं :
    • भारत की जलवायु रूपरेखा और राष्ट्रीय नीति ढाँचा
    • भारत का एन.डी.सी. (NDC) लक्ष्य और द्विपक्षीय व बहुपक्षीय सहयोग
    • अनुकूलन सम्बंधी कार्रवाई तथा शमन सम्बंधी कार्रवाई
    • अंतर्राष्ट्रीय जलवायु वार्ता तथा रिपोर्ट व प्रकाशन
  • एन.डी.सी. का पूरा नाम- Nationally Determined Contributions (NDCs) है, जो पेरिस समझौते के लक्ष्यों की प्राप्ति पर केंद्रित है। एन.डी.सी. राष्ट्रीय स्तर पर उत्सर्जन को कम करने एवं जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिये प्रत्येक देश द्वारा किये जा रहे प्रयासों को शामिल करता हैं।
  • उल्लेखनीय है कि भारत ने 2020- पूर्व जलवायु सम्बंधी कार्रवाई से जुड़े अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है।

भारत द्वारा अफगानिस्तान में सामुदायिक विकास परियोजनाओं के चरण- IV का शुभारम्भ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, भारत ने अफगानिस्तान के लिये 80 मिलियन डॉलर मूल्य की उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाओं के चरण-IV का शुभारम्भ किया है। इन नई विकास पहलों में 150 सामुदायिक परियोजनाएँ और काबुल में पानी की आपूर्ति के लिये एक बाँध शामिल है।

मुख्य बिंदु

  • भारत ने काबुल के लगभग 20 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अफगानिस्तान की काबुल नदी बेसिन में शहतूत बांध के निर्माण की घोषणा की।
  • ध्यातव्य है कि भारत ने काबुल शहर में सुचारू रूप से विद्युत उत्पादन के लिये वर्ष 2009 में 202 किलोमीटर की फुल-ए-खुमरी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया था।

अफगानिस्तान में भारत की विकासात्मक पहलें

  • भारत ने अफगानिस्तान में अब तक विभिन्न विकास योजनाओं के लिये लगभग 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता की है।
  • भारत ने अफगानिस्तान के सभी 34 प्रांतों में 400 से अधिक विकास परियोजनाओं का संचालन किया है।
  • अफगानिस्तान के लिये भारत की विकासात्मक सहायता को पाँच श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

1. ईरान के माध्यम से वैकल्पिक कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिये 218 किलोमीटर की डेलारम-ज़ारंज सड़क जैसी महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ।
2. भारत-अफगानिस्तान मैत्री बांध और संसद भवन।
3. मानव संसाधन विकास एवं मानवीय सहायता।
4. उच्च प्रभाव वाली सामुदायिक विकास परियोजनाएँ।
5. हवाई और भूमि सम्पर्क के माध्यम से व्यापार और निवेश को बढ़ाना।

  • इसके अलावा, लगभग 65000 से अधिक अफगान छात्रों ने भी विभिन्न छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के तहत भारत में अध्ययन किया है।

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