शॉर्ट न्यूज़: 30 अगस्त, 2022
आज़ादीसैट
राशन मित्र सॉफ्टवेयर
भारत बिल भुगतान प्रणाली
आज़ादीसैट
चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा लघु उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (Small satellite Launch Vehicle: SSLV) की पहली उड़ान से एक छात्र उपग्रह ‘आज़ादीसैट’ एवं ‘पृथ्वी अवलोकन उपग्रह’ (EOS-2) को लॉन्च किया गया, जो सही कक्षा में स्थापित न होने के कारण असफल हो गया है।
आज़ादीसैट के बारे में
- आज़ादीसैट एक छात्र उपग्रह है, जिसमें 75 अलग-अलग पेलोड है। इसे ग्रामीण भारत के विभिन्न हिस्सों की 750 छात्राओं द्वारा विकसित किया गया है।
- इसका उद्देश्य भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष को चिह्नित करना है, जिसे सरकार द्वारा 'आजादी का अमृत महोत्सव' के रूप में मनाया जा रहा है।
- 8 किलो वजन वाले इस उपग्रह को 'स्पेस किड्स इंडिया' की छात्र टीम द्वारा एकीकृत किया गया है।
लघु उपग्रह प्रक्षेपण वाहन
- इस तीन चरणीय प्रक्षेपण यान का प्रत्येक चरण ‘ठोस ईंधन’ पर आधारित है। इसका व्यास 2 मीटर तथा इसकी ऊँचाई 34 मीटर है।
- यह 500 किग्रा. तक के उपग्रहों को अधिकतम 500 किमी. की ऊँचाई तक स्थापित करने में सक्षम है। यह एक बार में अनेक उपग्रहों को प्रक्षेपित कर सकता है।
- इस यान के द्वारा मांग के अनुरूप नैनो, सूक्ष्म और लघु उपग्रहों को ‘न्यूनतम लागत’ एवं ‘न्यूनतम प्रक्षेपण बुनियादी ढाँचे के साथ’ प्रक्षेपित किया जा सकता है। इससे भारत की लघु उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता में वृद्धि होगी।
राशन मित्र सॉफ्टवेयर
चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्र सरकार ने राशन कार्डों में नाम दर्ज करने के लिये ‘राशन मित्र’ नामक एक सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्र ने इस सुविधा को 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों असम, गोवा, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा, पंजाब और उत्तराखंड में पायलट आधार पर शुरू किया है।
- इसका विकास ‘राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र’ द्वारा किया गया है, जिसका उपयोग देश में कहीं से भी किसी भी राज्य के लोगों को राशन कार्ड में नामांकित करने के लिये किया जा सकता है।
- यह सॉफ्टवेयर इन राज्यों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत पात्र लाभार्थियों की पहचान और सत्यापन करने में सक्षम बनाएगा।
- यह सॉफ्टवेयर बेघर गरीबों को राशन कार्ड जारी करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो अपनी आजीविका के लिये एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।
- विदित है कि इस योजना को अगस्त माह के अंत तक अन्य राज्यों में भी लागू कर दिया जाएगा।
भारत बिल भुगतान प्रणाली
चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारत बिल भुगतान प्रणाली (Bharat Bill Payment System : BBPS) का दायरा बढ़ाते हुए सीमा पार से बिल भुगतान स्वीकार करने की अनुमति दे दी है।
हालिया निर्णय तथा इसके लाभ
- इस कदम से अनिवासी भारतीयों (Non-Resident Indians : NRIs) को भारत में अपने परिवारों की ओर से बिल भुगतान करने में सुविधा होगी।
- बी.बी.पी.एस. प्लेटफॉर्म पर किसी भी भुगतानकर्ता के बिलों के भुगतान की अनुमति अंत: प्रचालनीय (Interoperable) तरीके से होगी।
- इसका उद्देश्य अनिवासी भारतीयों और भारत में रहने वाले उनके संबंधियों के लिये बिल भुगतान को सुविधाजनक बनाना है।
- इसके अतिरिक्त एन.आर.आई. को अब बिल भुगतान करने के लिये भारत में एन.आर.ई. खाता (Non-Residential External Account) रखने की आवश्यकता नहीं होगी।
- इसके माध्यम से एन.आर.आई. बीमा, बिजली या अन्य किसी भी उपयोगिता का भुगतान भी कर सकेंगे।
भारत बिल भुगतान प्रणाली
- भारत बिल भुगतान प्रणाली का स्वामित्व और संचालन भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payment Corporation of India : NPCI) के पास है।
- यह मानकीकृत बिल भुगतान अनुभवों, केंद्रीकृत ग्राहक शिकायत निवारण तंत्र और समान ग्राहक सुविधा शुल्क सहित अन्य सुविधाओं के लिये एक अंत: प्रचालानीय मंच प्रदान करता है।
- वर्तमान में 20,000 से अधिक भुगतान प्राप्तकर्ता इस प्रणाली में शामिल हो गए हैं। साथ ही, आठ करोड़ से अधिक लेनदेन मासिक आधार पर इस प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से संपन्न किये जा रहे हैं।