शॉर्ट न्यूज़: 4 दिसंबर, 2020
आई.आई.टी. वैश्विक शिखर सम्मेलन, 2020
विवाह का अधिकार - एक मौलिक अधिकार
चीन द्वारा भारतीय चावल की खरीद
आई.आई.टी. वैश्विक शिखर सम्मेलन, 2020
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, पेन आई.आई.टी, यू.एस.ए. (PanIIT USA) द्वारा आई.आई.टी. वैश्विक शिखर सम्मेलन 2020 आयोजित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- आई.आई.टी. वैश्विक शिखर सम्मेलन, 2020 की थीम “द फ्यूचर इज नाउ” (The Future is Now) है। यह सम्मलेन वैश्विक अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी, नवाचार, स्वास्थ्य, आवास संरक्षण और सार्वभौमिक शिक्षा जैसे मुद्दों पर केंद्रित है।
- यह एक द्विवार्षिक सम्मलेन है, जिसमें उद्योग, शिक्षा, सरकार तथा विभिन्न क्षेत्र के वक्ताओं को आमंत्रित किया जाता है।
- पेन आई.आई.टी, यू.एस.ए. 20 वर्ष पुराना एक संगठन है, जो इस सम्मेलन का आयोजन वर्ष 2003 से कर रहा है। इस संगठन को आई.आई.टी. के पूर्व छात्रों की एक स्वयंसेवी टीम द्वारा संचालित किया जाता है।
विवाह का अधिकार - एक मौलिक अधिकार
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पुनः इस बात की पुष्टि की है कि किसी महिला या पुरुष का अपनी पसंद के महिला/पुरुष से शादी करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, जिसे किसी भी जाति या धर्म के आधार पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता।
विवाह का अधिकार
- विवाह का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक हिस्सा है।
- मानवाधिकार चार्टर (Human Rights Charter) में भी परिवार शुरू करने के अधिकार के तहत विवाह के अधिकार को मान्यता दी गई है।
- विवाह करने का अधिकार एक सार्वभौमिक अधिकार (universal right) है और यह सभी के लिये उपलब्ध है चाहे उनका लिंग कुछ भी हो।
- देश भर की विभिन्न अदालतों ने भी अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार के एक अभिन्न अंग के रूप में विवाह करने के अधिकार की व्याख्या की है।
भारत में विवाह के अधिकार से जुड़े कुछ अन्य कानून:
- बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006
- द गार्जियन एंड वार्ड्स एक्ट, 1890
- द मेजोरिटी एक्ट, 1875
- परिवार न्यायालय अधिनियम, 1984
चीन द्वारा भारतीय चावल की खरीद
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, चीन ने तीन दशकों में पहली बार भारतीय चावल का आयात शुरू किया है।
चावल का आयत और निर्यात
- मात्रा और मूल्य के अनुसार भारत विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश, जबकि चीन सबसे बड़ा आयातक देश है।
- विदित है कि इससे पूर्व थाईलैंड विश्व का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश था।
- भारत मुख्य रूप से बांग्लादेश, नेपाल, बेनिन व सेनेगल को गैर-बासमती चावल तथा ईरान, सऊदी अरब व इराक को प्रीमियम बासमती चावल का निर्यात करता है।
- भारतीय बासमती चावल की मांग अधिकतर स्थिर रहती है परंतु गैर-बासमती चावलों की आकर्षक कीमतों के चलते मांग में भारी उछाल देखा जाता है।
- इतने समय में पहली बार चीन ने भारत से चावल की खरीदारी की है। भारतीय फसल की गुणवत्ता को देखते हुए चीन अगले वर्ष खरीद को बढ़ा सकता हैं।
कारण
- थाईलैंड, म्यांमार एवं वियतनाम से आपूर्ति में कमी व खाद्य दबाव और भारत की ओर से तेज़ी से रियायती कीमतों की पेशकश के कारण ऐसा हुआ है।
- चीन के पारम्परिक आपूर्तिकर्ताओं, जैसे कि थाईलैंड, वियतनाम, म्यांमार और पाकिस्तान में निर्यात के लिये अधिशेष आपूर्ति सीमित है और साथ ही, भारतीय कीमतों की तुलना में उनकी कीमतें कम से कम $30 प्रति टन अधिक रहती हैं।
- कोविड-19 के साथ-साथ थाईलैंड में सूखे की स्थिति और वियतनाम में कम उपज के कारण भी भारतीय चावल निर्यात में तेज़ी देखी गई है। वियतनाम में प्रमुख चावल उत्पादक क्षेत्र मेकांग नदी डेल्टा में कम जल स्तर के कारण उत्पादन में कमी आई है। विदित है कि वियतनाम चावल का तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है।