शॉर्ट न्यूज़: 9 दिसंबर, 2020
सी.सी.पी.आई.- 2021 में शीर्ष दस देशों में भारत शामिल
जलवायु आपातकाल
इकोडक्ट या इको ब्रिज
बांग्लादेश द्वारा प्रथम अधिमान्य व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर
सी.सी.पी.आई.- 2021 में शीर्ष दस देशों में भारत शामिल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, वैश्विक जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) जारी किया गया है, जिसमें भारत लगातार दूसरे वर्ष शीर्ष 10 में बना हुआ है।
मुख्य बिंदु
- इस सूचकांक में 57 देशों और यूरोपीय संघ का जलवायु संरक्षण से सम्बंधित प्रयासों का मूल्यांकन किया गया है, जो वैश्विक स्तर पर समग्र रूप से 90% से भी अधिक हरित गैसों का उत्सर्जन करते हैं।
- इस वर्ष सी.सी.पी.आई. में भारत की 10वीं रैंक है। वर्ष 2019 में यह 9 थी। अतः इस वर्ष भारत की रैंक में 2019 की तुलना में एक स्थान की गिरावट आई है।
- चीन 33वीं रैंक के साथ ग्रीनहाउस गैसों (GHG) का सबसे बड़ा उत्सर्जक है, जबकि अमेरिका इस सूची में सबसे निचले स्थान पर है।
- सूचकांक के अनुसार, कोई भी देश 2015 के पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। अक्षय ऊर्जा क्षेत्र को छोड़कर भारत को सभी संकेतों में उच्च रेटिंग प्राप्त हुई है।
- इस वर्ष के सूचकांक में केवल दो जी-20 देश यू.के. और भारत को उच्च रैंकिंग प्राप्त हुई है, जबकि 6 देश; अमेरिका (58), सऊदी अरब, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और रूस (52) सूचकांक में निम्न स्थानों पर हैं।
वैश्विक जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (Climate Change Performance Index- CCPI)
- सी.सी.पी.आई. देशों के जलवायु संरक्षण प्रदर्शन पर नज़र रखने हेतु एक स्वतंत्र निगरानी उपकरण है, जिसे वर्ष 2005 के बाद से वार्षिक रूप से प्रकाशित किया जाता है।
- इसे ग़ैर लाभकारी संस्थाएँ जर्मनवाच, न्यू क्लाइमेट इंस्टिट्यूट तथा क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क द्वारा विकसित किया गया है।
जलवायु आपातकाल
प्रमुख बिंदु
- हाल ही में, न्यूज़ीलैंड ने जलवायु आपातकाल की घोषणा की है। न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने वर्ष 2025 तक इस द्वीपराष्ट्र को कार्बन-तटस्थ बनाने के लिये संसद में प्रस्ताव पारित किया था।
- न्यूज़ीलैंड के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग आधा हिस्सा कृषि क्षेत्र से आता है, जिसमें मीथेन गैस मुख्य है।
- इस कार्यक्रम के तहत कोयला बॉयलरों को बदलने और इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड वाहनों को खरीदने में सहायता के लिये $141 मिलियन का फंड प्रस्तावित है।
- जापान, कनाडा, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे अन्य देश जलवायु आपातकाल की घोषणा कर चुके हैं। विदित है कि यूरोपीय संघ जलवायु आपातकाल की घोषणा करने वाला पहला बहुपक्षीय ब्लॉक है।
इकोडक्ट या इको ब्रिज
हाल ही में, उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में रामनगर वन प्रभाग ने सरीसृप और छोटे स्तनधारियों के लिये अपने प्रकार के पहले इको-ब्रिज का निर्माण किया है।
इको-ब्रिज क्या हैं?
- इको-डक्ट या इको-ब्रिज का उद्देश्य राजमार्गों में लगातार ट्रैफिक या जाम की स्थिति में वन्यजीव कनेक्टिविटी को बढ़ाना है, क्योंकि इन वजहों से अक्सर वन्यजीव सड़क पार नहीं कर पाते, या कई बार दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
- इनमें कैनोपी ब्रिज (आमतौर पर बंदरों, गिलहरियों और अन्य जंगली प्रजातियों के लिये); कंक्रीट अंडरपास या सुरंग (आमतौर पर बड़े जानवरों के लिये) और उभयचर सुरंग या पुलिया शामिल हैं।
आवश्यकता क्यों?
- इस प्रकार के ब्रिज या पुल भीड़भाड़ वाले मार्गों पर एक जागरूकता-निर्माण तंत्र का कार्य करते हैं।
- ये पुल, यह देखने का एक तरीका हैं कि कैसे हम सरीसृपों के लिये आवश्यक पारिस्थितिक तंत्र को संरक्षित कर सकते हैं।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2020 में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) द्वारा किये गए एक अध्ययन में उल्लेख किया गया है कि अगले पाँच से छह वर्षों में लगभग 50,000 किलोमीटर की सड़क परियोजनाएँ अस्तित्व में आएंगीं।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने ऐसे तीन प्रमुख सड़क निर्माण स्थलों की पहचान की है, जो पशु गलियारों के क्षेत्र को काट रहे हैं या परोक्ष रूप से अतिक्रमण कर रहे हैं।
- इनमें असम में काजीरंगा-कार्बी आंगलोंग के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 37 और कर्नाटक में नागरहोल टाइगर रिज़र्व के पास राज्य राजमार्ग 33 शामिल हैं।
- ध्यातव्य है कि भारत में पशु संरक्षण के लिये 1.4 किमी. लम्बा अंडरपास मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर बनाया जा रहा है।
- अन्य प्रस्तावों में चेन्नई-बैंगलोर राष्ट्रीय राजमार्ग, होसुर-कृष्णगिरी खंड और महाराष्ट्र के चंद्रपुर में ताडोबा-अंधारी टाइगर रिज़र्व में ऐसे पुलों का निर्माण शामिल है।
बांग्लादेश द्वारा प्रथम अधिमान्य व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर
प्रमुख बिंदु
- हाल ही में, बांग्लादेश ने भूटान के साथ अपने पहले अधिमान्य व्यापार समझौते (Preferential Trade Agreement : PTA) पर हस्ताक्षर किया, जिससे दोनों देशों के मध्य एक सीमा तक वस्तुओं की शुल्क मुक्त पहुँच सुनिश्चित हो सके।
- बांग्लादेश द्वारा विश्व के किसी देश के साथ हस्ताक्षर किया गया यह पहला अधिमान्य व्यापार समझौता है। बांग्लादेश और भूटान के बीच 50 वर्ष के राजनयिक सम्बंधों के उपलक्ष्य में ढाका में इस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
- इस समझौते के तहत 100 बांग्लादेशी उत्पादों को भूटान में, जबकि भूटान की 34 वस्तुओं को बांग्लादेश में शुल्क मुक्त पहुँच प्राप्त होगी। इस सूची में अन्य वस्तुओं को बाद में जोड़ा जा सकता है।
- बांग्लादेश को अगले वर्ष जून तक इंडोनेशिया और नेपाल जैसे देशों के साथ 11 और अधिमान्य व्यापार समझौते (PTA) और मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर करने की योजना है।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 1971 में बांग्लादेश को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देने वाले प्रथम दो देशों में भूटान और भारत शामिल हैं।