शॉर्ट न्यूज़ : 22 अप्रैल , 2024
संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता
वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा
पाठ्यपुस्तकों पर कॉपीराइट का दावा
भारत में विदेशियों को अंग दान
विटामिन विषाक्तता
एसएंडपी वैश्विक रिपोर्ट
स्वीडन आर्टेमिस समझौते में शामिल
लक्ष्मण तीर्थ नदी
उत्सा पटनायक को मैल्कम आदिसेशिया पुरस्कार 2023
त्रिशूर पूरम त्योहार
भारतीय नौसेना का पूर्वी लहर अभ्यास
विश्व पृथ्वी दिवस
संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता
संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्य का दर्जा देने के लिए अल्जीरिया द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर अमेरिका ने वीटो कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की वर्तमान स्थिति
- यह प्रस्ताव वर्ष 1947 के वादे को पूर्ण करने के प्रयास में एक कदम था।
- इस वादे के तहत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मूलत: तत्कालीन फिलिस्तीन को दो भागों अर्थात यहूदी एवं अरब में विभाजित करने वाले प्रस्ताव को अपनाया था।
- वर्ष 1949 में केवल इज़राइल ही संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बना।
- वर्ष 2012 में फ़िलिस्तीन राज्य को स्थायी पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त हुआ। हालाँकि, इसे अभी तक पूर्ण सदस्य की मान्यता नहीं प्राप्त हुई।
- अमेरिका का तर्क है कि फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र प्रक्रिया के माध्यम से नहीं बल्कि ‘पक्षों के मध्य प्रत्यक्ष संवाद’ के माध्यम से सदस्यता प्रदान की जानी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता की प्रक्रिया
- किसी भी नए सदस्य देश को शामिल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा एवं सुरक्षा परिषद के बीच समन्वय की आवश्यकता होती है।
- संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिए कोई भी आवेदन संयुक्त राष्ट्र महासचिव के पास किया जाता है जिसे फिर सुरक्षा परिषद एवं महासभा को भेजा जाता है।
- नए सदस्यों के प्रवेश पर गठित 15 सदस्यीय समिति इस मामले पर विचार-विमर्श के बाद महासभा में प्रवेश के लिए निर्णय लेती है।
प्रावधान
- संयुक्त राष्ट्र चार्टर में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता अन्य सभी शांतिप्रिय राज्यों के लिए खुली है जो वर्तमान चार्टर में निहित दायित्वों को स्वीकार करते हैं और इन दायित्वों को पूर्ण करने में सक्षम व इच्छुक हैं।
- सुरक्षा परिषद इस प्रस्ताव पर मतदान कर सकती है और इसके पक्ष में कम-से-कम नौ सदस्य होने चाहिए।
- इसके स्थायी सदस्यों, यथा- चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका में से यदि कोई भी सदस्य वीटो शक्ति का प्रयोग करता है तो यह प्रस्ताव ख़ारिज हो जाता है।
महासभा की भूमिका
- सुरक्षा परिषद की सिफारिश प्राप्त होने के तुरंत बाद महासभा इस मामले पर मतदान करती है, जिसमें सभी 193 सदस्य देश इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं।
- महासभा को किसी नए सदस्य को स्वीकार करने के लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है।
- एक बार एक प्रस्ताव अपनाए जाने के बाद नए सदस्य को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र में शामिल कर लिया जाता है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा
संदर्भ
- हाल ही में भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को खरीदने पर अधिकतम आयु प्रतिबंध को समाप्त कर दिया है।
- इसके माध्यम से IRDAI अप्रत्याशित चिकित्सा खर्चों के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए एक अधिक समावेशी और सुलभ स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना चाहता है।
बीमा कवरेज की स्थिति
- इंडिया एजिंग रिपोर्ट 2023 के अनुसार, 60 वर्ष से अधिक आयु के केवल 20% से अधिक लोग ही किसी ना किसी तरह के स्वास्थ्य योजनाओं के अंतर्गत आते हैं।
- रिपोर्ट के मुताबिक, बुजुर्ग महिलाओं (16.9%) की तुलना में बुजुर्ग पुरुषों (19.7%) में कवरेज अधिक है और स्वास्थ्य बीमा कवरेज में ग्रामीण-शहरी विभाजन ज्यादा नहीं है।
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत में स्वास्थ्य व्यय में अपनी जेब से किया जाने वाला व्यय 70% से अधिक है, जिसमें वृद्ध आबादी से संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं पर किया जाने वाला व्यय अग्रणी है।
- इंडिया एजिंग रिपोर्ट में पाया गया कि बुजुर्गों में कवरेज की कमी का मुख्य कारण कम जागरूकता (52.9%) और गैर-सामर्थ्य (21.6%) है।
संशोधित दिशानिर्देश
- पिछले दिशानिर्देशों के अनुसार, केवल 65 वर्ष की आयु तक के व्यक्तियों को ही नई बीमा पॉलिसी खरीदने की अनुमति थी।
- हालिया संशोधन के बाद, जो 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी हो गया है, उम्र की परवाह किए बिना कोई भी व्यक्ति नई स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए पात्र है।
- लाभ :
- अधिक लोग स्वास्थ्य बीमा प्राप्त कर सकते हैं और अप्रत्याशित चिकित्सा बिलों से आर्थिक रूप से सुरक्षित हो सकते हैं।
- IRDAI अधिसूचना के अनुसार, बीमाकर्ताओं को पॉलिसीधारकों की सुविधा के लिए किश्तों में प्रीमियम भुगतान की पेशकश करने की अनुमति है।
- आयुर्वेद या योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों के तहत उपचार को बिना किसी सीमा के बीमा राशि तक कवरेज मिलेगा।
- यदि किसी व्यक्ति के पास ऐसी पॉलिसी है जो लाभ (जैसे अस्पताल में भर्ती) को कवर करती है, तो वह व्यक्ति एक ही बीमारी के लिए विभिन्न बीमा कंपनियों के साथ दावा कर सकता है, जिससे उसको अधिक विकल्प मिलेंगे।
- वरिष्ठ नागरिकों के पास अपनी शिकायतों और दावों के समाधान के लिए एक विशेष चैनल होगा, जिससे तेज व बेहतर सेवा सुनिश्चित होगी।
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI)
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- भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI), बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
- प्राधिकरण की शक्तियां और कार्य IRDAI अधिनियम, 1999 और बीमा अधिनियम, 1938 में निर्धारित किए गए हैं।
- उद्देश्य: IRDAI के प्रमुख उद्देश्यों में बीमा बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना शामिल है ताकि बीमा बाजार की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उपभोक्ताओं के सर्वोत्तम हितों की रक्षा हो सके।
- सदस्य: अध्यक्ष; पांच पूर्णकालिक सदस्य और चार अंशकालिक सदस्य (भारत सरकार द्वारा नियुक्त)।
- मुख्यालय: हैदराबाद (क्षेत्रीय कार्यालय नई दिल्ली और मुंबई में हैं)।
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पाठ्यपुस्तकों पर कॉपीराइट का दावा
चर्चा में क्यों?
हाल ही में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि, “गणितीय समीकरणों और विज्ञान विषयों से संबंधित पाठ्यपुस्तकें कॉपीराइट कानून के तहत नहीं आती हैं, क्योंकि उनकी सामग्री प्रकृति में गैर-साहित्यिक है” ।
कॉपीराइट क्या है?
- कॉपीराइट का तात्पर्य साहित्यिक, नाटकीय, संगीतमय और कलात्मक कार्यों के रचनाकारों व सिनेमैटोग्राफ फिल्मों तथा ध्वनि रिकॉर्डिंग के निर्माताओं को कानून द्वारा दिए गए अधिकार से है।
- कॉपीराइट अधिकारों में पुनरुत्पादन, जनता से संचार, अनुकूलन और किसी कार्य के अनुवाद के अधिकार शामिल हैं।
- कॉपीराइट अधिनियम, 1957 का उद्देश्य रचनाकार की बौद्धिक संपदा माने जाने वाले रचनात्मक कार्यों की सुरक्षा करना है।
उल्लंघन
- किसी कॉपीराइट स्वामी के अनुमति के बिना उसके द्वारा किए गए किसी कार्य के एक संतोषजनक हिस्से का उपयोग किया जाता है तो उसे कॉपीराइट का "उल्लंघन" माना जाएगा।
- उल्लंघन के मामलों में, कॉपीराइट स्वामी कानूनी कार्रवाई कर सकता है और निषेधाज्ञा व क्षतिपूर्ति जैसे उपचार का हकदार होता है।
क्या पाठ्यपुस्तकों पर कभी कॉपीराइट हो सकता है?
- हाल ही में, सरकार की सलाहकार संस्था, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने अपनी शैक्षिक सामग्रियों के कॉपीराइट उल्लंघन के खिलाफ चेतावनी जारी किया था।
- हालाँकि, 'चांसलर मास्टर्स एंड स्कॉलर्स ऑफ द यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड बनाम नरेंद्र पब्लिशिंग हाउस' (2008) में दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि, “गणितीय प्रश्न प्रकृति के नियमों की अभिव्यक्ति हैं। ऐसे कानूनों की खोज उन लोगों को एकाधिकार प्रदान नहीं कर सकती जो इसका वर्णन करते हैं। इसका कारण यह है कि भाषा एक सीमित माध्यम है, जो केवल कुछ तरीकों से प्रकृति के ऐसे नियमों का वर्णन करने में सक्षम बनाती है” ।
- वर्ष 2008 में ही 'ईस्टर्न बुक कंपनी बनाम डी.बी.' मोदक मामले में, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि, “पहले से मौजूद डेटा के चयन, समन्वय या व्यवस्था के आधार पर निर्मित चरित्र में कुछ अलग काम को शब्दशः पुनरुत्पादन के बजाय मूल माना जाना चाहिए” ।
भारत में विदेशियों को अंग दान
संदर्भ
- हाल ही में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने संभावित व्यावसायिक लेनदेन संबंधी चिंताओं के बीच भारत में विदेशी नागरिकों से जुड़े अंग प्रत्यारोपण की जांच का आदेश दिया है।
- राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) के आंकड़ों से पता चलता है कि निजी अस्पतालों से अंग प्रत्यारोपण कराने वाले विदेशी नागरिकों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- रिपोर्ट में अनधिकृत "वाणिज्यिक लेनदेन" की भी आशंका व्यक्त की गई है।
अंग प्रत्यारोपण क्या है?
- अंग प्रत्यारोपण एक व्यक्ति से एक अंग को निकालकर, दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित करने की शल्य प्रक्रिया है।
- प्रत्यारोपण की संख्या के मामले में भारत विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है।
- कुल मिलाकर, मृत और जीवित दोनों दाताओं सहित अंग प्रत्यारोपण, वर्ष 2013 में 4,990 से बढ़कर वर्ष 2022 में 15,561 हो गया।
भारत में अंग प्रत्यारोपण से संबंधित कानून
- भारत में अंग प्रत्यारोपण को नियंत्रित करने वाला प्राथमिक कानून मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम (THOA), 1994 है।
- यह अधिनियम चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए मानव अंगों को हटाने, भंडारण और प्रत्यारोपण की एक प्रणाली प्रदान करने तथा मानव अंगों में वाणिज्यिक लेनदेन की रोकथाम के लिए अधिनियमित किया गया है।
अंग दान के लिए पात्रता
- अंग दान की पात्रता मुख्य रूप से दाता की शारीरिक स्थिति (उम्र नहीं) पर आधारित होती है, जिसमें जीवित (18 वर्ष से ऊपर) और मृत व्यक्ति दोनों पात्र होते हैं।
- मृतक के अंग दान के लिए परिवार की सहमति आवश्यक है।
- नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी भी उम्र के व्यक्ति मृत दाताओं से प्रत्यारोपण के लिए अंग प्राप्त कर सकते हैं और मृत दाता से अंग प्रत्यारोपण वाले रोगी के पंजीकरण के लिए राज्य निवास की आवश्यकता को हटा दिया गया है।
विनियमन के लिए आवश्यक सुझाव
- THOTA का अनुपालन: अधिकारियों को मानव अंग और ऊतक प्रत्यारोपण अधिनियम (THOTA), 1994 का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए। किसी भी उल्लंघन की स्थिति में उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
- यूनिक ID: स्वास्थ्य अधिकारियों की पारदर्शिता और निगरानी क्षमता बढ़ाने के लिए सभी प्रत्यारोपण मामलों में अंग दाताओं व प्राप्तकर्ताओं के लिए एक यूनिक NOTTO-ID का निर्माण सुनिश्चित करना चाहिए।
- डेटा साझा करना: पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए NOTTO के साथ विदेशियों से जुड़े मामलों सहित, प्रत्यारोपण डेटा का नियमित संग्रह और साझाकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO)
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- NOTTO स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक राष्ट्रीय स्तर का संगठन है।
- यह देश भर में अंग और ऊतक की खरीद एवं वितरण के लिए समन्वय व नेटवर्क बनाता है।
- इसके अतिरिक्त, यह अंग और ऊतक दान एवं प्रत्यारोपण गतिविधियों की एक रजिस्ट्री बनाए रखता है।
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विटामिन विषाक्तता
क्या है विटामिन विषाक्तता
विटामिन विषाक्तता तब होती है जब विटामिन, विशेष रूप से वसा में घुलनशील, जैसे- ए, डी, ई और के, का सेवन शरीर की भंडारण और उपयोग करने की क्षमता से अधिक हो जाता है, जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ये विटामिन शरीर के वसा ऊतकों में जमा होते हैं और समय के साथ विषाक्त स्तर तक जमा हो सकते हैं।
विटामिन विशिष्ट जोखिम
- विटामिन ए : अत्यधिक मात्रा हड्डियों के कमजोर होने और जन्म दोष का कारण बन सकती है, खासकर गर्भवती महिलाओं में।
- विटामिन ए की दैनिक अनुशंसित मात्रा केवल 700-900 माइक्रोग्राम है, लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है जब सेवन इससे अधिक हो जाता है, खासकर पूरक के रूप में।
- विटामिन डी : अत्यधिक सेवन से हाइपरकैल्सीमिया, जो अनियमित हृदय ताल, गुर्दे की समस्याओं, दौरे और संभावित घातक परिणामों के रूप में प्रकट होता है।
- हड्डियों के स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा कार्य के लिए आवश्यक विटामिन डी के लिए, सुरक्षित ऊपरी सीमा आमतौर पर प्रति दिन 400-800 IU है।
- विटामिन बी 6: अधिक मात्रा लेने से अपरिवर्तनीय तंत्रिका क्षति हो सकती है।
- नियासिन (विटामिन बी 3): उच्च खुराक से लीवर को नुकसान और चयापचय संबंधी गड़बड़ी हो सकती है।
विटामिन विषाक्तता से बचने के उपाय
- विटामिन विषाक्तता के खतरों को रोकने के लिए, अनुशंसित खुराक का पालन करना महत्वपूर्ण है।
- किसी भी नए पूरक आहार को शुरू करने से पहले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करने की सलाह दी जाती है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें पहले से कोई बीमारी है या जो गर्भवती हैं। यह सतर्क दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि स्वास्थ्य की खोज सुरक्षित और प्रभावी बनी रहे।
एसएंडपी वैश्विक रिपोर्ट
- हाल ही में एसएंडपी ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस ने शीर्ष बैंकों पर रिपोर्ट जारी की है।
- इसके अनुसार तीन भारतीय बैंकों, SBI, HDFC बैंक और ICICI बैंक को एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल किया गया है।
- SBI को 20वां स्थान (संपत्ति 780.05 बिलियन डॉलर)
- HDFC बैंक को 33वां स्थान (संपत्ति 464.34 बिलियन डॉलर)
- ICICI बैंक को 48वां स्थान (संपत्ति 6.30 ट्रिलियन डॉलर)
- वर्ष 2022 की सूची में शीर्ष 50 एशिया-प्रशांत क्षेत्रों में केवल दो भारतीय बैंक शामिल थे।
- SBI (21वां स्थान)
- HDFC (46वां स्थान)
- इस सूची में बैंकों को उनकी संपत्ति के आधार पर रैंकिंग की गई।
- एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष 10 बैंकों में से 6 बैंक चीन के हैं
- इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना लिमिटेड पहले स्थान पर रहा।
स्वीडन आर्टेमिस समझौते में शामिल
- हाल ही में स्वीडन आर्टेमिस समझौते में शामिल हो गया
- यह आर्टेमिस समझौते में शामिल होने वाला 38वां देश है
आर्टेमिस समझौता
- यह अमेरिका के नेतृत्व वाला समझौता है।
- यह गैर-बाध्यकारी व्यवस्थाओं की एक श्रृंखला है जिसका उद्देश्य बाहरी अंतरिक्ष में पालन किए जाने वाले मानदंडों को निर्धारित करना है।
- इसे 13 अक्टूबर, 2020 को अस्तित्व में आया
- यह वर्ष 1967 की बाह्य अंतरिक्ष संधि पर आधारित है।
- बाह्य अंतरिक्ष संधि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून की नींव के रूप में कार्य करती है जो संयुक्त राष्ट्र के तहत एक बहुपक्षीय समझौता है।
- 21 जून,2023 को भारत, आर्टेमिस समझौते का 27वां सदस्य देश बना था।
- चीन और रूस इसका हिस्सा नहीं हैं।
लक्ष्मण तीर्थ नदी
- भीषण गर्मी और सूखे के कारण लक्ष्मण तीर्थ नदी पूरी तरह से सूख गई है।
- यह भारत के कर्नाटक राज्य में बहने वाली एक नदी है।
- यह कोडागु जिले की ब्रह्मगिरि श्रेणी से निकलती है।
- यह नदी पूर्व की ओर बहती है।
- नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान के माध्यम से यह मैसूर जिले में प्रवेश करती है।
- हुनसूर शहर इस नदी के तट पर स्थित है।
- इस नदी की लम्बाई लगभग 180 किलोमीटर है।
- यह नदी कृष्ण राजा सागर जलाशय में कावेरी से मिलती है।
- यह कावेरी नदी की एक सहायक नदी है।
- इस नदी पर लक्ष्मणतीर्थ झरना (इरुपु झरना) स्थित है।
उत्सा पटनायक को मैल्कम आदिसेशिया पुरस्कार 2023
- हाल ही में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, उत्सा पटनायक को मैल्कम आदिसेशिया पुरस्कार 2023 के लिए चुना गया
उत्सा पटनायक
- उत्सा पटनायक एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं
- इन्होने कृषि अध्ययन, राजनीतिक अर्थव्यवस्था, आर्थिक विचारों के इतिहास और उपनिवेशवाद और साम्राज्यवाद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
मैल्कम आदिशेशिया पुरस्कार
- यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष मैल्कम एंड एलिजाबेथ आदिसेशिया ट्रस्ट द्वारा दिया जाता है।
- यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष ऐसे सामाजिक वैज्ञानिक को दिया जाता है
- जिसने अनुसंधान, शिक्षण, नीति समर्थन या सार्वजनिक सेवा के माध्यम से विकास अध्ययन में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
- यह भारत में सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है जो विकास अध्ययन के क्षेत्र में सामाजिक वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता और सम्मान देता है।
- इसे वर्ष 2000 में मैल्कम और एलिजाबेथ आदिसेशिया ट्रस्ट द्वारा स्थापित किया गया था।
त्रिशूर पूरम त्योहार
- हाल ही में त्रिशूर पूरम त्योहार मनाया गया
- यह केरल के त्रिशूर में आयोजित एक वार्षिक हिंदू मंदिर उत्सव है
- इसकी शुरुआत कोच्चि के शासक शक्तन थंपुरन ने वर्ष 1796 में की थी।
- यह दुनिया भर में मनाए जाने वाले सबसे बड़े मंदिर त्योहारों में से एक है।
- यह त्रिशूर के वडक्कुनाथन मंदिर में प्रत्येक वर्ष पूरम दिवस पर आयोजित किया जाता है।
- मलयालम कैलेंडर के मेडोम महीने में जब चंद्रमा पूरम तारे के साथ उगता है तो उसे पूरम दिवस कहते हैं
- इस समारोह में त्रिशूर और उसके आसपास के लोग वडक्कुनाथन मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने के लिए एक साथ आते हैं।
- त्रिशूर पूरम सात दिवसीय त्योहार है और इसका छठा दिन सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि उसी दिन ‘त्रिशूर पूरम’ होता है।
- यह त्योहार सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देता है क्योंकि यह केरल के सभी धार्मिक और सांस्कृतिक वर्गों को शामिल करता है।
भारतीय नौसेना का पूर्वी लहर अभ्यास
- हाल ही में भारतीय नौसेना ने पूर्वी लहर अभ्यास का संचालन किया।
- इसका आयोजन पूर्वी समुद्र-तट पर किया गया
- इस अभ्यास का उद्देश्य क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के क्रम में भारतीय नौसेना की तैयारियों का मूल्यांकन करना था।
- इस अभ्यास में जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और विशेष बलों ने भाग लिया।
- यह अभ्यास समुद्री क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के प्रति भारतीय नौसेना के संकल्प की पुष्टि करता है।
विश्व पृथ्वी दिवस
- प्रतिवर्ष 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।
- विश्व पृथ्वी दिवस पहली बार वर्ष 1970 में मनाया गया था।
- यह दिवस विश्व भर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्थन को दर्शाता है।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, पृथ्वी दिवस हमें यह याद दिलाने के लिये मनाया जाता है कि पृथ्वी और इसका पारितंत्र हमें न सिर्फ जीवन, बल्कि आजीविका प्रदान करते हैं।
- वर्ष 2024 के पृथ्वी दिवस की थीम है- Planet vs. Plastics
प्रश्न - विश्व पृथ्वी दिवस कब मनाया जाता है ?
(a) 22 अप्रैल
(b) 22 मई
(c) 22 जून
(d) 22 सितम्बर
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