शॉर्ट न्यूज़ : 24 अप्रैल , 2024
जलवायु रणनीति 2030
एथिलीन ऑक्साइड
अधिशेष बिजली की बिक्री
भारत विश्व में चौथा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश
महासागर दशक सम्मेलन-2024
स्लोवेनिया आर्टेमिस समझौते में शामिल
एसीसी पैराकेनो एशियन चैम्पियनशिप 2024
प्रोफेसर सुरिंदर एस जोधका को मैल्कम आदिसेशिया पुरस्कार 2024
कुवैत में पहली बार हिन्दी भाषा में रेडियो प्रसारण
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पहली महिला वाइस चांसलर
जलवायु रणनीति 2030
सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development : NABARD) ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर जलवायु रणनीति-2030 का अनावरण किया।
उद्देश्य
इस जलवायु रणनीति का उद्देश्य भारत की हरित वित्तपोषण की आवश्यकता को संबोधित करना है।
जलवायु रणनीति की आवश्यकता
- नाबार्ड के अनुसार भारत को वर्ष 2030 तक 2.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की हरित वित्त का लक्ष्य प्राप्त के लिए प्रतिवर्ष लगभग 170 बिलियन डॉलर की आवश्यकता है।
- वर्ष 2019-20 तक भारत ने हरित वित्तपोषण के लिए लगभग 49 बिलियन डॉलर जुटाए जो अपर्याप्त है।
- शमन के लिए निर्धारित अधिकतम धनराशि के साथ अनुकूलन एवं लचीलेपन के लिए केवल 5 बिलियन डॉलर आवंटित किए गए थे।
- यह बैंक अर्हता एवं वाणिज्यिक व्यवहार्यता में चुनौतियों के कारण इन क्षेत्रों में न्यूनतम निजी क्षेत्र की भागीदारी को दर्शाता है।
जलवायु रणनीति के प्रमुख स्तंभ
- नाबार्ड की जलवायु रणनीति 2030 चार प्रमुख स्तंभों के आसपास संरचित है :
- सभी क्षेत्रों में हरित ऋण में तेजी लाना
- व्यापक बाजार-निर्माण भूमिका निभाना
- नाबार्ड का आंतरिक हरित परिवर्तन
- और रणनीतिक संसाधन जुटाना
- यह रणनीतिक पहल पर्यावरणीय प्रबंधन के प्रति नाबार्ड की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के साथ ही इसे एक लचीली एवं टिकाऊ अर्थव्यवस्था की ओर भारत के संक्रमण में एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में भी स्थापित करती है।
एथिलीन ऑक्साइड
हांगकांग और सिंगापुर ने भारत के दो शीर्ष मसाला ब्रांड निर्माताओं एमडीएच व एवरेस्ट के मसालों में कार्सिनोजेन एथिलीन ऑक्साइड के उच्च स्तर की उपस्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
एथिलीन ऑक्साइड के बारे में
- एथिलीन ऑक्साइड एक कीटनाशक है जिसे इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर द्वारा समूह 1 कार्सिनोजेन के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- यह एक रंगहीन, अत्यधिक ज्वलनशील और अत्यधिक प्रतिक्रियाशील गैस है जो बैक्टीरिया, वायरस और कवक को नष्ट कर देती है।
- इसका उपयोग औद्योगिक रसायन के रूप में मसाला उद्योग द्वारा ई. कोली और साल्मोनेला जैसे सूक्ष्मजीवी संदूषण को कम करने के लिए धूम्रक के रूप में किया जाता है।
- मानव पर किए गए अध्ययन से प्राप्त साक्ष्य के अनुसार यह कैंसर का कारण बन सकता है।
- परिवहन और भंडारण के दौरान भोजन एवं पशु चारे के धूमन के लिए वर्ष 2011 में यूरोपीय संघ द्वारा एथिलीन ऑक्साइड पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
- वर्तमान में इस क्षेत्र में एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग केवल चिकित्सा उपकरणों के कीटाणुशोधन और स्टरलाइज़ेशन तक सीमित है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
- एथिलीन ऑक्साइड नसबंदी प्रक्रियाओं के दौरान डी.एन.ए. को नुकसान पहुँचा सकता है।
- इसके दीर्घकालिक एवं लगातार संपर्क से ल्यूकेमिया, पेट कैंसर और स्तन कैंसर जैसे गंभीर खतरे उत्पन्न हो सकते हैं।
- इससे श्वसन संबंधी जलन, फेफड़ों में चोट, सिरदर्द, मतली, उल्टी, दस्त और सांस की तकलीफ भी हो सकती है।
अधिशेष बिजली की बिक्री
विद्युत मंत्रालय के नवीनतम निर्देशों के अनुसार सभी विद्युत उत्पादक कंपनियाँ कोयला आधारित थर्मल प्लांट बिजली बाजार में अधिशेष बिजली की पेशकश के लिए लिंकेज कोयले का उपयोग कर सकते हैं।
हालिया निर्देश
- यह निर्देश विद्युत उत्पादन स्टेशनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है।
- इससे पूर्व लिंकेज कोयले के उपयोग की अनुमति केवल वितरण कंपनियों या डिस्कॉम के साथ दीर्घकालिक दायित्वों को पूरा करने के लिए थी।
- बिजली मंत्रालय ने बिजली कटौती से बचने के लिए आयातित कोयला-आधारित इकाइयों और सभी गैस-आधारित थर्मल प्लांटों को आने वाले महीनों के दौरान चालू रहने के निर्देश पहले ही जारी कर दिए हैं।
- नवीनतम निर्देश में विद्युत (देर से भुगतान अधिभार और संबंधित मामले) नियम, 2022 की धारा 9(5) का उल्लेख किया गया है।
- यह अधिशेष बिजली की बिक्री का प्रावधान करता है, जो घोषित उत्पादन क्षमता के भीतर है लेकिन वितरण कंपनियों द्वारा अपेक्षित नहीं है।
- थर्मल पावर प्लांट पावर एक्सचेंज में अधिशेष बिजली बेचने के लिए दीर्घकालिक अनुबंधों के माध्यम से आपूर्ति किए गए कोयले का उपयोग कर सकते हैं।
- ये उपाय बिजली कटौती के जोखिम को कम करने के लिए बिजली मंत्रालय के सक्रिय एवं सतर्क दृष्टिकोण को रेखांकित करते हैं।
कोयला आधारित विद्युत पर अधिक निर्भरता
- भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 18 गीगावॉट से अधिक की रिकॉर्ड नवीकरणीय क्षमता जोड़ी है। लेकिन नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में परिवर्तनशीलता के परिणामस्वरूप तापीय इकाइयों पर दबाव पड़ रहा है।
- देश में पर्याप्त ऊर्जा भंडारण बुनियादी ढाँचे की अनुपस्थिति को देखते हुए चरम मांग को पूरा करने के लिए कोयले एवं गैस पर भारत की निर्भरता अधिक स्पष्ट है।
भारत विश्व में चौथा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश
- हाल ही में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) ने वर्ष 2023 में देशों द्वारा किए जाने वाले सैन्य खर्च पर रिपोर्ट जारी की
- इसके अनुसार भारत विश्व में चौथा सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश है
- भारत ने वर्ष 2023 में 83.6 अरब डॉलर सैन्य खर्च किया।
- यह खर्च 2022 से 4.2% और 2014 से 44% अधिक है।
- इस रिपोर्ट में सैन्य खर्च वाले तीन शीर्ष देश (वर्ष 2023 में)-
- संयुक्त राज्य अमेरिका (916 अरब डॉलर)
- चीन (296 अरब डॉलर)
- रूस (109 अरब डॉलर)
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI)
- स्थापना - वर्ष 1966
- मुख्यालय - स्टॉकहोम (स्वीडन की राजधानी)
- कार्य
- युद्धों, युद्धक सामग्रियों, हथियार नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के क्षेत्र में शोध करना
- देशों के नीति-निर्माताओं, शोधकर्त्ताओं आदि को आँकड़ों का विश्लेषण और सुझाव उपलब्ध कराना
महासागर दशक सम्मेलन-2024
- हाल ही में पहला महासागर दशक सम्मेलन-2024 बार्सिलोना, स्पेन में आयोजित हुआ।
- इसका आयोजन स्पेन की सरकार ने UNESCO के अंतरसरकारी महासागरीय आयोग के साथ मिलकर किया।
- उद्देश्य -
- सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र महासागर विज्ञान दशक (2021-2030) के लक्ष्य प्राप्ति की प्रगति की समीक्षा करना
- विभिन्न हितधारकों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाना
- इस सम्मलेन की थीम ‘हम जो महासागर चाहते हैं उसके लिए आवश्यक विज्ञान’ थी
- इस सम्मलेन में भारत ने गहरे समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र के पूर्वानुमान के लिए क्षेत्र-विशिष्ट महासागर अवलोकन केंद्र स्थापित करने का आह्वान किया ।
स्लोवेनिया आर्टेमिस समझौते में शामिल
- हाल ही में स्लोवेनिया आर्टेमिस समझौते में शामिल हो गया
- यह आर्टेमिस समझौते में शामिल होने वाला 39वां देश है
आर्टेमिस समझौता
- यह अमेरिका के नेतृत्व वाला समझौता है।
- यह गैर-बाध्यकारी व्यवस्थाओं की एक श्रृंखला है जिसका उद्देश्य बाहरी अंतरिक्ष में पालन किए जाने वाले मानदंडों को निर्धारित करना है।
- यह 13 अक्टूबर, 2020 को अस्तित्व में आया
- यह वर्ष 1967 की बाह्य अंतरिक्ष संधि पर आधारित है।
- बाह्य अंतरिक्ष संधि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून की नींव के रूप में कार्य करती है जो संयुक्त राष्ट्र के तहत एक बहुपक्षीय समझौता है।
- 21 जून,2023 को भारत, आर्टेमिस समझौते का 27वां सदस्य देश बना था।
- चीन और रूस इसका हिस्सा नहीं हैं।
एसीसी पैराकेनो एशियन चैम्पियनशिप 2024
- भारत की पैरा कैनोअर प्राची यादव ने एसीसी पैराकेनो एशियन चैम्पियनशिप 2024 में दो स्वर्ण पदक जीते
- प्राची मध्य प्रदेश की के ग्वालियर की रहने वाली हैं
- इन्हें वर्ष 2023 में अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था
- एसीसी पैराकेनो एशियन चैम्पियनशिप 2024 का आयोजन टोक्यो, जापान में किया गया था
प्रोफेसर सुरिंदर एस जोधका को मैल्कम आदिसेशिया पुरस्कार 2024
- हाल ही में प्रोफेसर सुरिंदर एस जोधका को मैल्कम आदिसेशिया पुरस्कार 2024 के लिए चुना गया
- ये स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज, जेएनयू से संबंधित हैं
मैल्कम आदिशेशिया पुरस्कार
- यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष मैल्कम एंड एलिजाबेथ आदिसेशिया ट्रस्ट द्वारा दिया जाता है।
- यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष ऐसे सामाजिक वैज्ञानिक को दिया जाता है
- जिसने अनुसंधान, शिक्षण, नीति समर्थन या सार्वजनिक सेवा के माध्यम से विकास अध्ययन में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
- यह भारत में सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है जो विकास अध्ययन के क्षेत्र में सामाजिक वैज्ञानिकों के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता और सम्मान देता है।
- इसे वर्ष 2000 में मैल्कम और एलिजाबेथ आदिसेशिया ट्रस्ट द्वारा स्थापित किया गया था।
कुवैत में पहली बार हिन्दी भाषा में रेडियो प्रसारण
- हाल ही में कुवैत में पहली बार हिन्दी भाषा में रेडियो प्रसारण किया गया
- भारतीय दूतावास के अनुसार कुवैती रेडियो द्वारा हिंदी प्रसारण से सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा
- कुवैत में लगभग 9 लाख भारतीय रहते हैं।
- भारतीय समुदाय कुवैत में सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है।
कुवैत
- कुवैत अरब प्रायद्वीप में स्थित एक देश है
- इसकी सीमा इराक और सऊदी अरब से लगती है।
- राजधानी – कुवैत सिटी
- मुद्रा - कुवैती दीनार
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पहली महिला वाइस चांसलर
- हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने प्रोफेसर नईमा खातून को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की वाइस चांसलर नियुक्त किया है।
- ये अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पहली वाइस चांसलर हैं।
- नईमा खातून वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के महिला कॉलेज की प्रिंसिपल हैं।
- इन्होने रवांडा के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया है।
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अलावा भारत में केवल दो और केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं जिनकी वाइस चांसलर महिलाएं रही हैं
- शांतिश्री - जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर
- नजमा अख्तर - जामिया मिलिया इस्लामिया की वाइस चांसलर
अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय
- सर सैयद अहमद खान ने वर्ष 1872 में मुहम्मदन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज फंड कमेटी की स्थापना की।
- वर्ष 1877 में मुहम्मदन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की गयी।
- ब्रिटिश सरकार ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अधिनियम, 1920 द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का गठन किया।
- मुहम्मदन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज की संपत्तियों और अधिकारों को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को हस्तांतरित कर दिया गया।