शॉर्ट न्यूज़ : 26 अप्रैल , 2024
हाइब्रिड सोडियम-आयन बैटरी
वयस्कों में विशेष शिक्षण विकलांगता के निदान के लिए नया परीक्षण
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज
निर्यात बढ़ाने का लक्ष्य
भारत की केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS)
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड - उत्कृष्ट सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU)
विश्व टीकाकरण सप्ताह 2024
बैलिस्टिक मिसाइल क्रिस्टल मेज़ 2 का सफल प्रक्षेपण
भारत की सबसे बड़ी जलवायु घड़ी
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड को 60.5 अरब जापानी येन का हरित ऋण प्राप्त
हाइब्रिड सोडियम-आयन बैटरी
दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने सोडियम बैटरी विकसित की है जो कुछ ही सेकंड में तेजी से चार्ज करने में सक्षम है।
हाइब्रिड सोडियम-आयन बैटरी (Hybrid sodium-ion battery) के बारे में
- नवोन्वेषी हाइब्रिड ऊर्जा भंडारण प्रणाली में एनोड सामग्री को सुपरकैपेसिटर के लिए उपयुक्त कैथोड के साथ एकीकृत किया गया है।
- हाइब्रिड बैटरियों के अनुकूलित संश्लेषण के लिए दो अलग-अलग धातु-कार्बनिक ढांचे का उपयोग किया।
- धातु-कार्बनिक ढांचे से प्राप्त पोरस कार्बन में बारीक सक्रिय सामग्रियों को शामिल करके बेहतर कैनेटीक्स के साथ एनोड सामग्री का विकास किया गया है।
- उच्च क्षमता वाली कैथोड सामग्री को संश्लेषित करके इलेक्ट्रोड के बीच ऊर्जा भंडारण दरों में असमानताओं को कम किया गया।
- नव विकसित एनोड और कैथोड से युक्त एकत्रित पूर्ण सेल एक उच्च-प्रदर्शन हाइब्रिड सोडियम-आयन ऊर्जा भंडारण उपकरण बनाता है।
सोडियम बैटरी और लिथियम बैटरी की तुलना
- सोडियम, लिथियम की तुलना में लगभग 500 गुना अधिक प्रचुर मात्रा में है और कम दुर्लभ खनिज है।
- इसलिए सोडियम-आयन इलेक्ट्रोकेमिकल ऊर्जा भंडारण ऊर्जा का एक सस्ता और संभावित रूप से अधिक व्यवहार्य स्रोत होगा।
- हाइब्रिड सोडियम-आयन बैटरी (Hybrid sodium-ion battery) तेजी से चार्ज होने में सक्षम है और इससे 247 वॉट घंटा प्रति किलोग्राम की एनर्जी डेनसिटी (Energy density) और 34,748 वॉट प्रति घंटा की पॉवर डेनसिटी हासिल की जा सकती है।
- इससे ऊर्जा भंडारण प्रणालियों की वर्तमान सीमाओं पर काबू पाने में सफलता मिली है।
- यह इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर स्मार्ट इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकियों तक तेजी से चार्जिंग अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त होने की उम्मीद है।
लिथियम बैटरी का विकल्प
- यह संयोजन डिवाइस को उच्च भंडारण क्षमता और तीव्र चार्ज-डिस्चार्ज दर दोनों प्राप्त करने की अनुमति देता है।
- जो इसे लिथियम-आयन बैटरी के लिए एक व्यवहार्य अगली पीढ़ी के विकल्प के रूप में स्थापित करता है।
- बैटरी संभावित रूप से एक बार चार्ज करने पर लंबे समय तक संचालन के लिए उच्च ऊर्जा घनत्व और तेजी से चार्ज होने वाली बिजली घनत्व के साथ कम लागत वाले इलेक्ट्रोकेमिकल ऊर्जा भंडारण उपकरणों की बढ़ती मांग को पूरा कर सकती है।
- इसके बाद यह मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) से लेकर बड़े पैमाने पर ग्रिड सिस्टम तक के अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला को पूरा कर सकता है।
वयस्कों में विशेष शिक्षण विकलांगता के निदान के लिए नया परीक्षण
सन्दर्भ
केंद्र सरकार इस वर्ष के अंत तक भारत में वयस्कों में विशिष्ट शिक्षण विकलांगताओं (SLD) के निदान के लिए एक नया परीक्षण शुरू करेगी। यह परीक्षण तेलंगाना के सिकंदराबाद में राष्ट्रीय बौद्धिक विकलांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण संस्थान (NIEPID) द्वारा डिजाइन किया जा रहा है।
हालिया मुद्दा
- सर्वोच्च न्यायालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र की रिट याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें वयस्कों में एस.एल.डी.(SLD) की जांच के लिए ऐसे निदान पद्धतियों के अभाव को चुनौती दी गई है, जिसके कारण उन्हें विकलांगता प्रमाण पत्र नहीं मिल पाता है।
- विकलांग व्यक्तियों के अधिकार (RPWD) अधिनियम, 2016 के तहत लाभ का दावा करने के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है, जो सरकारी सहायता प्राप्त करने वाले सरकारी या उच्च शिक्षा संस्थानों (5%) और सरकारी नौकरियों (4%) में आरक्षण प्रदान करता है।
- लेकिन जब 2016 में एस.एल.डी.(SLD) को विकलांगता की सूची में शामिल किया गया, तो इसमें उन लोगों को शामिल नहीं किया गया जो उस समय वयस्क थे, क्योंकि इस विकार की प्रकृति के कारण इसका निदान प्रारंभिक आयु में ही करना आवश्यक होता है।
नये परिक्षण के बारे में
- नया परीक्षण तेलंगाना के सिकंदराबाद में राष्ट्रीय बौद्धिक विकलांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण संस्थान एनआईईपीआईडी(NIEPID)द्वारा विकसित किया जा रहा है।
- इसे सत्यापन के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप परखने के बाद वर्ष के अंत तक दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकेगा।
- एस.एल.डी(SLD)के लिए प्रमाणन आवश्यकताओं में एक नैदानिक मूल्यांकन, एक आईक्यू मूल्यांकन और एक एसएलडी मूल्यांकन शामिल है।
- एसएलडी मूल्यांकन NIMHANS बैटरी परीक्षण या ग्रेड लेवल ऑफ़ असेसमेंट डिवाइसेस (GLAD) का उपयोग करके किया जा सकता है।
- यह प्रमाणन 8 वर्ष की आयु से शुरू होता है, उसके बाद बार-बार प्रमाणन होता है, एक बार कक्षा 10 में और फिर कक्षा 12 में।
- 18 वर्ष या उससे अधिक आयु में अंतिम मूल्यांकन के बाद जारी किया गया प्रमाणपत्र आजीवन वैध होगा।
- नए दिशा-निर्देशों के अनुसार,वयस्कों के लिए भी उन्हीं उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, जब तक कि बड़े बच्चों और वयस्कों के लिए नए उपकरण तैयार नहीं हो जाते।
- संशोधित दिशा-निर्देशों का लक्ष्य एक ऐसी प्रणाली प्रदान करना है जो कक्षा 3 से सभी सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों की स्क्रीनिंग शुरू करे।
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज
संदर्भ
भारत में 1990 से 2019 तक सूजन आंत्र रोग(IBD) की घटना लगभग दोगुनी होने के साथ ही मृत्यु दर भी बढ़ रही है।
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज
- आई.बी.डी. एक गंभीर समस्या है। इसमें अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग शामिल हैं और इसकी पहचान सूजन से होती है।
- अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन रोग दोनों ही जटिल प्रतिरक्षा-मध्यस्थ रोग हैं; इनमें प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया अनियमित होती है।
- इन रोगों को उत्पन्न करने में कुछ आनुवंशिक तत्व और साथ साथ बाहरी वातावरण एवं आंत के बैक्टीरिया भी शामिल होते है।
- यह इरिटेबल बाउल सिंड्रोम से अलग है जो मुख्य रूप से गैर-सूजन वाला होता है।
चुनौतियां
- 18 वर्ष से कम आयु के लोगों में भी शुरुआती लक्षण दिखने की दर में वृद्धि हुई है।
- यह रोग आंतों के तपेदिक जैसे रोगों से मिलता - जुलता हैं, इनके फेनोटाइप बहुत समान होने के कारण सटीक रोग की पहचान करना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है।
- अल्सरेटिव कोलाइटिस या क्रोहन रोग के लिए कोई एकल निदान परीक्षण नहीं है।
- तमिलनाडु में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, अल्सरेटिव कोलाइटिस की तुलना में क्रोहन रोग के मामले अधिक थे जिसमें लगभग 50% आईबीडी क्रोहन रोग और 40% अल्सरेटिव कोलाइटिस के थे।
कारण
- जीवनशैली में बदलाव, उच्च वसा और उच्च चीनी वाला पश्चिमी आहार, प्रसंस्कृत और पैकेज्ड भोजन ने भारत में इसकी दर को और बढ़ा दिया है।
- प्रसंस्कृत और पैकेज्ड भोजन आंत की उपकला को नुकसान पहुंचाता है, जिससे सूजन बढ़ जाती है।
निदान
- जैविक चिकित्सा के माध्यम से विशेष रूप से सूजन वाले मार्गों पर निर्देशित मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग किया जाता है।
- बीमारी को नियंत्रित करने के लिए सूजन वाले मार्गों के विभिन्न हिस्सों को लक्षित करने के लिए कई जैविक उत्पाद विकसित किए गए हैं, जिससे अस्पताल में भर्ती और सर्जरी में कमी आई है।
- छोटे अणु विकसित किए हैं, जिन्हें दवा रूप से दिया जा सकता है और जिनका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
- भारत में, नियमित दवा के साथ-साथ फेकल माइक्रोबायोटा प्रत्यारोपण जैसी कम लागत वाली चिकित्सा पर भी विचार किया जा रहा है।
निर्यात बढ़ाने का लक्ष्य
वाणिज्य मंत्रालय ने आवश्यक बुनियादी ढांचे की जरूरतों, संभावित क्षेत्रों और समूहों की पहचान करने के लिए एक कवायद शुरू की है, जिससे देश को वर्ष 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के वस्तु निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त क्षमता को विकसित करना
- वर्ष 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए लगभग 1.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आयात और 2.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के एक्जिम (निर्यात और आयात) व्यापार को पूरा करने की आवश्यकता है।
- 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात प्राप्त करने के लिए क्षेत्र और क्लस्टर का अध्ययन करना बहुत महत्वपूर्ण है।
- व्यापार और कनेक्टिविटी के लिए लचीले निर्यात लॉजिस्टिक्स पर बल देना होगा
- सरकार वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं (GVC) में भारत के एकीकरण को आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि वर्तमान में लगभग 70 प्रतिशत वैश्विक व्यापार इन श्रृंखलाओं के माध्यम से हो रहा है।
- आम तौर पर निर्यात और आयात एक साथ चलते हैं। चीन का निर्यात लगभग 3.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और आयात 3.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
- भारत के निर्यात को बढ़ाने के लिए बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर बुनियादी ढांचे को और बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- 2.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात और आयात को संभालने के लिए भारत को व्यापक बुनियादी ढांचे बनाने की आवश्यकता है जो बंदरगाहों में अतिरिक्त 2,000 मिलियन टन माल की आवाजाही का समर्थन करेगा।
- इसी तरह रेलवे को 2030 तक अतिरिक्त 338 मिलियन टन माल ले जाने की अनुमति देगा।
- हवाई अड्डों को माल की आवाजाही के लिए अतिरिक्त 5 मिलियन टन की सुविधाएं बनाने की भी आवश्यकता है।
- ई-कॉमर्स माध्यम से निर्यात बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं। पिछले साल, सीमा पार ई-कॉमर्स व्यापार लगभग 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर था जिसके वर्ष 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
- ई-कॉमर्स इकोसिस्टम को सुविधाजनक बनाने के साथ ही निर्यात में इसके व्यापक योगदान देने के लिए अपनी नीतियों को फिर से तैयार करने की जरूरत है।
- चीन का ई-कॉमर्स निर्यात लगभग 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जबकि ऑनलाइन माध्यम से भारत का शिपमेंट केवल 2 बिलियन अमरीकी डॉलर है।
UNCTAD के अनुसार, वर्ष 2023 में भारत का सेवा निर्यात 11.4% बढ़कर 345 बिलियन डॉलर हो गया।
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भारत की केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (CPGRAMS)
- राष्ट्रमंडल देशों के लोक सेवा सचिवों/कैबिनेट सचिवों की बैठक में भारत की केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली को सर्वोत्तम कार्यप्रणाली के रूप में मान्यता दी गई।
- राष्ट्रमंडल सचिवालय की यह बैठक लंदन में 22 से 24 अप्रैल, 2024 तक आयोजित हुई थी।
भारत की केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली
- यह भारत सरकार और राज्यों के सभी मंत्रालयों/विभागों से जुड़ा एक एकल पोर्टल है।
- इसे जून 2007 में प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा बनाया गया था।
- इसका उद्देश्य नागरिकों को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए मंच प्रदान करना है।
- इसके तहत नागरिक सेवा वितरण से संबंधित किसी भी विषय पर सार्वजनिक अधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
- यह शिकायतें दर्ज कराने के संबंध में नागरिकों के लिए 24x7 उपलब्ध है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड - उत्कृष्ट सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU)
- हाल ही में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को वर्ष 2024 के उत्कृष्ट सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- यह पुरस्कार उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा प्रदान किया गया।
- HAL ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
- वित्तीय वर्ष 2023-24 में HAL ने परिचालन से ₹29,810 करोड़ से अधिक का राजस्व एकत्र किया।
- इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में लगभग 11% की वृद्धि हुई
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
- यह विश्व के सबसे पुराने और सबसे बड़े एयरोस्पेस और रक्षा निर्माताओं में से एक है।
- इसकी स्थापना 23 दिसंबर 1940 को हुई थी।
- यह एक सरकारी स्वामित्व वाला निगम है।
- इसका मुख्यालय बैंगलोर में स्थित है।
- यह विमान, जेट इंजन और हेलीकॉप्टरों इत्यादि का निर्माण करता है।
विश्व टीकाकरण सप्ताह 2024
- 24 से 30 अप्रैल 2024 तक विश्व टीकाकरण सप्ताह मनाया जायेगा
- इसकी थीम "मानवीय रूप से संभवः टीकाकरण के माध्यम से जीवन बचाना" है।
विश्व टीकाकरण सप्ताह
- विश्व स्वास्थ्य सभा ने वर्ष 2012 में विश्व टीकाकरण सप्ताह की शुरुआत की थी
- यह प्रत्येक वर्ष अप्रैल के आखिरी सप्ताह में मनाया जाता है।
- इसका उद्देश्य लोगों को बीमारी से बचाने के लिए टीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है।
टीकाकरण
- टीकाकरण ऐसी प्रक्रिया जिसके माध्यम से किसी व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली रोग पैदा करने वाले एजेंटों के खिलाफ प्रतिरक्षित हो जाती है।
- भारत में टीकाकरण पर विस्तारित कार्यक्रम वर्ष1978 में शुरू किया गया था।
- वर्ष 1985 में इसका नाम बदलकर सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम कर दिया गया।
- इसके लिए भारत सरकार ने वर्ष 2014 में मिशन इंद्रधनुष शुरू किया।
बैलिस्टिक मिसाइल क्रिस्टल मेज़ 2 का सफल प्रक्षेपण
- हाल ही में मध्यम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल क्रिस्टल मेज़ 2 का सफल प्रक्षेपण किया गया।
- यह परीक्षण सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किया गया था
- इसका परीक्षण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सुखोई Su-30 MKI फाइटर जेट से किया गया।
क्रिस्टल मेज़ 2
- यह इजरायल से आयातित क्रिस्टल मेज़ 1का उन्नत संस्करण है।
- इसे ROCKS या क्रिस्टल मेज़ 2 के नाम दिया गया है।
- यह 250 किलोमीटर से अधिक दूरी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम है
- यह विस्तारित स्टैंड-ऑफ रेंज के साथ हवा से सतह पर मार करने में सक्षम है
- इसे लंबी दूरी के रडार और वायु रक्षा प्रणालियों सहित स्थिर और स्थानांतरित लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- यह जीपीएस-अस्वीकृत वातावरण में विशेष रूप से प्रभावी है और वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा संरक्षित क्षेत्रों में भी प्रवेश कर सकती है।
सामरिक बल कमान
- इसे सामरिक परमाणु कमान भी कहा जाता है
- यह भारत के परमाणु कमान प्राधिकरण का हिस्सा है।
- इसकी स्थापना जनवरी 2004 में की गई थी
- यह देश के सामरिक और रणनीतिक परमाणु हथियारों के भंडार के प्रबंधन और प्रशासन के लिए जिम्मेदार है।
- इसमें भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना के अधिकारी शामिल होते हैं
भारत की सबसे बड़ी जलवायु घड़ी
- हाल ही में CSIR मुख्यालय, नई दिल्ली में भारत की सबसे बड़ी जलवायु घड़ी की स्थापना की गई।
- इस जलवायु घड़ी की स्थापना वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने की है
- यह जलवायु परिवर्तन और इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता प्रदान करेगी।
- इस घड़ी में यह प्रदर्शित होगा कि पृथ्वी कितनी तेज़ी से 1.5 डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग के लक्ष्य के करीब पहुँच रही है।
- उत्सर्जन बढ़ने के साथ 1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य तक पहुँचने की तारीख करीब आती जाएगी तथा उत्सर्जन कम होने पर यह दूर होती जाएगी
- यह उत्सर्जित CO2 की मात्रा और अभी तक की ग्लोबल वार्मिंग को भी प्रदर्शित करेगी
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद
- यह भारत का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं विकास संगठन है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1942 में हुई थी।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- भारत का प्रधानमंत्री इसका पदेन अध्यक्ष होता है
- यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्त निकाय के रूप में पंजीकृत है।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा इसका वित्तपोषण किया जाता है।
- इसका उद्देश्य राष्ट्रीय महत्त्व से संबंधित वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान करना है।
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड को 60.5 अरब जापानी येन का हरित ऋण प्राप्त
- हाल ही में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड, को भारत में पात्र हरित परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए 60.536 अरब जापानी येन का हरित ऋण प्राप्त हुआ
- यह हरित ऋण, इटली की निर्यात ऋण एजेंसी SACE द्वारा दिया गया
- हरित ऋण सुविधा उन परियोजनाओं की सहायता करने के लिए है जो कठोर पर्यावरण मानकों को पूरा करती हैं, नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन प्रदान करती हैं और कार्बन उत्सर्जन को कम करने में योगदान देती हैं
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम
- स्थापना - वर्ष 1969
- मुख्यालय - नई दिल्ली
- यह विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत 'महारत्न' श्रेणी का केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम है
- यह भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी (NBFC), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (PFI) और इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (IFC) के रूप में पंजीकृत है।
- यह पूरे भारत में बिजली क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।
- यह देश में विद्युत-अवसंरचना क्षेत्र को वित्तपोषित करता है जिसमें उत्पादन, पारेषण, वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, हरित हाइड्रोजन इत्यादि शामिल हैं।
- यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, राष्ट्रीय विद्युत निधि योजना के लिए नोडल एजेंसी है।
प्रश्न - ग्रामीण विद्युतीकरण निगम की स्थापना किस वर्ष हुई थी ?
(a) वर्ष 1960
(b) वर्ष 1965
(c) वर्ष 1969
(d) वर्ष 1979
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